लुटेरों ने बेसबॉल और हथियार से हमला कर,गुटखा व्यापारी से लुटे लाखों रुपए.

भीलवाड़ा के शास्त्रीनगर में सनसनीखेज लूट! गुटखा व्यापारी धर्मदास और उनके बेटे सुनील पर रात में घर पहुंचते ही 4-5 लुटेरों ने बेसबॉल और पिस्टल से हमला कर 10 लाख रुपये छीन लिए। पहले से रेकी कर चुके लुटेरे सफेद कार में फरार। पुलिस ने सीसीटीवी खंगाला, नाकाबंदी शुरू। पांच साल पहले भी व्यापारी के भतीजे से हुई थी लूट, रिश्तेदार पर भी शक।

Sep 3, 2025 - 15:07
लुटेरों ने बेसबॉल और हथियार से हमला कर,गुटखा व्यापारी से लुटे लाखों रुपए.

भीलवाड़ा, 3 सितंबर 2025: राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में मंगलवार रात को एक सनसनीखेज लूट की वारदात ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। शास्त्रीनगर इलाके में गुटखा के होलसेल व्यापारी धर्मदास सिंधी और उनके बेटे सुनील कुमार पर लुटेरों ने सुनियोजित ढंग से हमला कर 10 लाख रुपये से भरा बैग छीन लिया। लुटेरों ने बेसबॉल के डंडों और पिस्टल का इस्तेमाल कर इस वारदात को अंजाम दिया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और लुटेरों की तलाश में नाकाबंदी कराई गई है।

क्या हुआ घटना के दौरान?

कोतवाली थाना प्रभारी गजेंद्र सिंह नरूका के अनुसार, धर्मदास सिंधी बाजार नंबर दो में गुटखा का होलसेल कारोबार करते हैं। मंगलवार रात को वह और उनका बेटा सुनील दो दिन की कलेक्शन राशि, करीब 10 लाख रुपये, एक बैग में लेकर मोपेड से अपने शास्त्रीनगर स्थित घर लौट रहे थे। पहले से रेकी कर रहे चार-पांच लुटेरे उनके घर के बाहर घात लगाए बैठे थे। जैसे ही पिता-पुत्र घर पहुंचे, लुटेरों ने उन पर बेसबॉल के डंडों से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। पीड़ितों ने बताया कि लुटेरों ने पिस्टल दिखाकर उन्हें धमकाया और बैग छीनकर सफेद रंग की कार में फरार हो गए।धर्मदास ने शोर मचाकर और लुटेरों की कार का शीशा तोड़कर विरोध करने की कोशिश की, लेकिन उनका बेटा सुनील, जो मूक-बधिर है, ज्यादा प्रतिरोध नहीं कर सका। शोर सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक लुटेरे भाग चुके थे। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की। पीड़ित के घर के बाहर लगे सीसीटीवी में वारदात कैद हुई है, लेकिन तस्वीरें धुंधली होने के कारण लुटेरों की पहचान में दिक्कत आ रही है। मौके से एक बेसबॉल डंडा भी बरामद किया गया, जिस पर रिबन बंधा था। पुलिस को शक है कि यह डंडा गंगरार में तलवार-चाकू बेचने वाले सिकलीगरों जैसा है। लुटेरों की तलाश में शहर और जिले भर में नाकाबंदी की गई है।पुलिस का मानना है कि लुटेरों ने पहले से रेकी की थी। एक लुटेरा संभवतः धर्मदास की दुकान के बाहर उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहा था और जैसे ही वे घर के लिए रवाना हुए, उसने अपने साथियों को सूचना दी। इस सुनियोजित तरीके से लुटेरों ने वारदात को अंजाम दिया।

पांच साल पुरानी लूट से कनेक्शन?

जांच में यह भी सामने आया है कि पांच साल पहले धर्मदास के भतीजे के साथ भी 2 लाख रुपये की लूट हुई थी। इसके अलावा, पुलिस एक अन्य एंगल की भी जांच कर रही है। धर्मदास का एक रिश्तेदार, जो नशे का आदी है, पहले नशामुक्ति केंद्र भेजा गया था। उसने वहां से निकलने के बाद धर्मदास को धमकी दी थी। पुलिस इस रिश्तेदार की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है।

शहर में दहशत, पुलिस पर दबाव

इस सनसनीखेज वारदात ने भीलवाड़ा में व्यापारी वर्ग के बीच डर का माहौल पैदा कर दिया है। लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि इतनी बड़ी लूट शहर के व्यस्त इलाके में हुई। कोतवाली पुलिस ने लुटेरों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित की हैं। सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी सबूतों के आधार पर पुलिस जल्द ही लुटेरों तक पहुंचने की उम्मीद जता रही है।

आगे क्या?

यह घटना न केवल भीलवाड़ा में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाती है, बल्कि व्यापारियों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ाती है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और लुटेरों की गिरफ्तारी ही लोगों का भरोसा बहाल कर सकती है। फिलहाल, जांच जारी है और पुलिस हर संभव कोशिश कर रही है कि लुटेरे जल्द पकड़े जाएं।