प्रिंसिपल की घिनौनी करतूत ,7वीं कक्षा की मासूम छात्रा को लिखा लव लेटर.

अलीगढ़ के तालिबनगर गांव के सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल शकील अहमद ने 7वीं कक्षा की 11 साल की छात्रा को लव लेटर देकर छेड़छाड़ की और शादी व धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया। छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने POCSO एक्ट के तहत उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा। शिक्षा विभाग ने प्रिंसिपल को निलंबित कर सेवा समाप्ति की प्रक्रिया शुरू की। घटना ने समाज में आक्रोश पैदा किया और बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठाए।

Sep 1, 2025 - 16:33
प्रिंसिपल की घिनौनी करतूत ,7वीं कक्षा की मासूम छात्रा को लिखा लव लेटर.

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में एक ऐसी घटना ने शिक्षा के पवित्र मंदिर को शर्मसार कर दिया है, जिसने समाज को झकझोर कर रख दिया। जवां ब्लॉक के तालिबनगर गांव के एक सरकारी स्कूल में 50 वर्षीय प्रिंसिपल शकील अहमद ने 7वीं कक्षा की 11 साल की मासूम छात्रा के साथ न केवल छेड़छाड़ की, बल्कि उसे लव लेटर देकर शादी का दबाव बनाया और धर्म परिवर्तन की धमकी दी। इस शर्मनाक कृत्य के सामने आने के बाद स्थानीय पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को POCSO एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

घटना का खुलासा: मासूम की हिम्मत ने खोली पोल

यह दिल दहला देने वाला मामला तब सामने आया जब पीड़ित छात्रा ने डर और आंसुओं के बीच अपनी मां को अपनी आपबीती सुनाई। मां के अनुसार, उनकी बेटी 23 अगस्त 2025 की शाम को स्कूल से घर लौटी तो वह सुस्त और उदास थी। बार-बार पूछने पर बच्ची ने बताया कि प्रिंसिपल शकील अहमद लंबे समय से उसके साथ अश्लील हरकतें करता था। वह उसे प्राइवेट अंगों को छूता, अश्लील बातें करता और विरोध करने पर परीक्षा में फेल करने की धमकी देता था। इतना ही नहीं, उसने एक लव लेटर में लिखा, “मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं, तुम मेरी पत्नी की तरह हो, मैं तुमसे निकाह करना चाहता हूं।” इस लेटर और लगातार धमकियों ने बच्ची को मानसिक रूप से तोड़ दिया था।छात्रा की मां ने तुरंत इस मामले की शिकायत डीएम और एसएसपी से की। मां ने बताया कि उनकी बेटी डर के मारे चुप थी, लेकिन जब उसने हिम्मत दिखाकर सब कुछ बताया, तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई की मांग की।

पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

शिकायत मिलते ही पुलिस ने गोधा थाना क्षेत्र में POCSO एक्ट और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। अतरौली डीएसपी राजीव द्विवेदी ने बताया कि आरोपी शकील अहमद को 29 अगस्त 2025 को हिरासत में ले लिया गया और जेल भेज दिया गया। पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेजा गया, जहां उसका स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति की जांच की जा रही है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और आरोपी से पूछताछ जारी है।वहीं, बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) डॉ. राकेश कुमार सिंह ने तत्काल प्रभाव से शकील अहमद को निलंबित कर दिया। बीएसए ने कहा कि विभागीय जांच शुरू की गई है और दोष सिद्ध होने पर प्रिंसिपल की सेवा स्थायी रूप से समाप्त की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि आरोपी न केवल छेड़छाड़ में लिप्त था, बल्कि बच्ची पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाल रहा था, जो बेहद गंभीर अपराध है।

समाज में आक्रोश, शिक्षा व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने न केवल तालिबनगर गांव बल्कि पूरे अलीगढ़ में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब स्कूल जैसे सुरक्षित स्थान पर बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं, तो उनकी रक्षा कौन करेगा? शिक्षा के मंदिर में गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाली इस घटना ने अभिभावकों में डर और गुस्सा पैदा कर दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई शिक्षक इस तरह की घृणित हरकत न कर सके।

बच्ची की मां की गुहार

पीड़िता की मां ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मेरी बेटी डर के मारे रात-रात भर रोती थी। वह स्कूल जाने से डरने लगी थी। उसने हमें बताया कि प्रिंसिपल ने उसे धमकी दी थी कि अगर उसने किसी को कुछ बताया, तो वह उसे फेल कर देगा और उसका भविष्य बर्बाद कर देगा। हमारी बेटी की हिम्मत ने इस राक्षस का चेहरा बेनकाब किया। हम चाहते हैं कि इसे ऐसी सजा मिले कि कोई और शिक्षक किसी बच्ची के साथ ऐसा करने की हिम्मत न करे।

”शिक्षा विभाग का रुख

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं कि बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं शिक्षा विभाग के लिए शर्मिंदगी का कारण हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त निगरानी की जाएगी।

बच्चों की सुरक्षा पर सवाल

यह घटना केवल एक प्रिंसिपल की करतूत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और शिक्षकों की जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाती है। समाज और प्रशासन को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चियां स्कूल में सुरक्षित रहें और शिक्षा का माहौल पवित्र बना रहे। इस मामले में पुलिस और शिक्षा विभाग की त्वरित कार्रवाई ने पीड़िता और उसके परिवार को कुछ राहत दी है, लेकिन यह समाज के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।