ट्रंप ने मोदी को किया चार बार फोन, एक बार नहीं उठाया, जर्मन अखबार का दावा

ट्रम्प के भारत पर 50% टैरिफ और 'डेड इकोनॉमी' बयान से मोदी नाराज, चार कॉल्स इग्नोर किए; भारत ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की दिल्ली यात्रा रद्द की।

Aug 26, 2025 - 19:23
ट्रंप ने मोदी को किया चार बार फोन, एक बार नहीं उठाया, जर्मन अखबार का दावा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच रिश्ते इन दिनों काफी खट्टे हो चुके हैं। कभी दोनों नेता एक-दूसरे की तारीफों के पुल बांधा करते थे, लेकिन अब बात इतनी बिगड़ गई है कि मोदी ने ट्रम्प के चार फोन कॉल्स तक इग्नोर कर दिए। जर्मन अखबार फ्रैंकफर्टर अल्गेमाइने (एफएजेड) ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। अखबार का कहना है कि ट्रम्प की आक्रामक ट्रेड पॉलिसी और भारत को 'डेड इकोनॉमी' कहने से मोदी नाराज हैं। वहीं, ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में 17 जून की फोन कॉल का जिक्र है, जहां मोदी ने ट्रम्प को साफ-साफ कह दिया कि भारत-पाकिस्तान सीजफायर में अमेरिका का कोई रोल नहीं था।

यह सब तब हो रहा है जब ट्रम्प ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया है, जिसमें 25% पेनाल्टी के तौर पर शामिल है। यह टैरिफ 27 अगस्त यानी कल से लागू हो जाएगा। ट्रम्प का कहना है कि भारत के रूसी तेल खरीदने से पुतिन को यूक्रेन युद्ध जारी रखने में मदद मिल रही है। आइए, इस पूरे मसले को विस्तार से समझते हैं।

ट्रम्प के कॉल्स इग्नोर: मोदी की नाराजगी का सबूत?

जर्मन अखबार एफएजेड की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प ने हाल के हफ्तों में मोदी को चार बार फोन करने की कोशिश की, लेकिन प्रधानमंत्री ने एक बार भी बात नहीं की। अखबार ने रिपोर्ट में तारीखों का जिक्र नहीं किया, लेकिन यह साफ है कि दोनों नेताओं के बीच तनाव चरम पर है। एफएजेड लिखता है कि मोदी की यह चुप्पी उनकी गहरी नाराजगी और सतर्कता दोनों को दर्शाती है।

पहले दोनों के बीच अच्छे रिश्ते थे। फरवरी में ट्रम्प ने मोदी को व्हाइट हाउस बुलाकर उनकी तारीफ की और एक फोटो एलबम गिफ्ट किया। दिल्ली के पास ट्रम्प के नाम से लग्जरी टावर बने, जिनके 300 फ्लैट एक ही दिन में 108 करोड़ रुपए तक की कीमत पर बिक गए। लेकिन अब माहौल बदल चुका है। ट्रम्प ने भारत को 'डेड इकोनॉमी' कहकर अपमानित किया, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आ गई।

एफएजेड की रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स के हवाले से लिखा गया है कि ट्रम्प का स्टाइल यही है—पहले व्यापार घाटे पर हमला, फिर ऊंचे टैरिफ की धमकी, बातचीत और आखिर में कुछ छूट देकर खुद को विजेता बताना। कई देशों के साथ ऐसा हुआ, लेकिन इस बार मोदी ने झुकने से इनकार कर दिया।

50% टैरिफ का झटका: रूस तेल पर ट्रम्प की नाराजगी

ट्रम्प ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया है, जिसमें 25% ट्रेड इंबैलेंस के लिए और 25% रूस तेल खरीदने की पेनाल्टी है। यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा। ट्रम्प का आरोप है कि भारत के रूसी तेल खरीदने से पुतिन की 'युद्ध मशीन' को फंडिंग मिल रही है।

भारत का 20% इंपोर्ट अमेरिका जाता है, जैसे कपड़े, ज्वेलरी और ऑटो पार्ट्स। इस टैरिफ से भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5% से घटकर 5.5% हो सकती है। एफएजेड में एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अमेरिका की भारत को चीन के खिलाफ इस्तेमाल करने की रणनीति फेल हो रही है। भारत ने कभी चीन के खिलाफ अमेरिका के साथ पूरी तरह खड़े होने का वादा नहीं किया।

न्यूयॉर्क के न्यू स्कूल के भारत-चीन इंस्टीट्यूट के को-डायरेक्टर मार्क फ्रेजियर कहते हैं कि अमेरिकी इंडो-पैसिफिक स्ट्रैटजी ढह रही है। भारत अब चीन की तरफ झुक सकता है, क्योंकि ट्रम्प की पॉलिसी उसे धक्का दे रही है।

ब्लूमबर्ग रिपोर्ट: 17 जून की कॉल में क्या हुआ?

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, 17 जून को मोदी और ट्रम्प के बीच 35 मिनट की फोन बात हुई। यह कॉल कनाडा जी7 समिट से ट्रम्प के जल्दी लौटने के बाद हुई, जहां दोनों की मुलाकात नहीं हो पाई। मोदी ने ट्रम्प को साफ कहा कि सीजफायर पाकिस्तान की अपील पर हुआ, अमेरिकी दखल से नहीं। भारत कश्मीर पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता कभी नहीं मानेगा।

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि भारत को चिंता हुई जब पता चला कि ट्रम्प अगले दिन पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर की व्हाइट हाउस में मेजबानी करने वाले हैं। भारत को पाकिस्तानी सेना प्रमुख को बुलाना ठीक नहीं लगा, क्योंकि यह लोकतंत्र विरोधी ताकतों को वैधता देता है। मोदी ने ट्रम्प का वॉशिंगटन रुकने का न्योता ठुकरा दिया और कहा कि उन्हें क्रोएशिया जाना है।

वियतनाम एपिसोड और मोदी की सतर्कता

एफएजेड रिपोर्ट में वियतनाम के साथ ट्रम्प की डील का जिक्र है। ट्रम्प ने वियतनाम के लीडर तो लाम से टैरिफ पर बात की, लेकिन कोई समझौता नहीं हुआ। फिर भी ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर ऐलान कर दिया कि डील हो गई। मोदी नहीं चाहते कि भारत भी ऐसे 'स्टंट' का हिस्सा बने, इसलिए उन्होंने बातचीत से इनकार कर दिया।

ट्रम्प पिछले 3 महीनों में 30 बार भारत-पाकिस्तान सीजफायर का क्रेडिट ले चुके हैं, लेकिन मोदी ने संसद में इनकार किया। भारत का कहना है कि सीजफायर आपसी बातचीत से हुआ, किसी तीसरे पक्ष का रोल नहीं। ट्रम्प ने पाकिस्तान में ऑयल रिजर्व डेवलप करने की बात कही और पाक आर्मी चीफ को व्हाइट हाउस बुलाया, जो भारत को नागवार गुजरा।

पुराने अपमान की याद: चीन कनेक्शन

एफएजेड रिपोर्ट में मोदी को ट्रम्प के बर्ताव से लगे अपमान की तुलना चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले अपमान से की गई है। लगभग एक दशक पहले जिनपिंग गुजरात आए और मोदी से दोस्ती का वादा किया, लेकिन उसी समय चीनी सेना हिमालय में घुस आई। उसके बाद भी मोदी ने रिश्ते सुधारने की कोशिश की, लेकिन गलवान झड़प ने कड़वाहट बढ़ा दी। अब ट्रम्प का रवैया भी वैसा ही लग रहा है।

भारत ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की दिल्ली यात्रा रद्द कर दी और संदेश दिया कि वह ट्रम्प की कॉन्ट्रोवर्सी का हिस्सा नहीं बनेगा। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि 50% टैरिफ से भारत के इंपोर्ट पर भारी असर पड़ेगा। लेकिन मोदी सरकार ने साफ कहा है कि किसानों और छोटे कारोबारियों के हित सर्वोपरि हैं।

यह विवाद न सिर्फ ट्रेड वॉर है, बल्कि जियोपॉलिटिक्स का खेल भी। भारत अब ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर जवाब दे सकता है, या डिप्लोमैसी से रास्ता निकालेगा। फिलहाल, दोनों देशों के रिश्तों में ठंडक साफ नजर आ रही है। क्या ट्रम्प का 'अमेरिका फर्स्ट' भारत को चीन या रूस की तरफ धकेल देगा? समय बताएगा

Yashaswani Journalist at The Khatak .