राजस्थान SI भर्ती घोटाला 2021:अपराधियों के रिश्तेदार बनने चले थे थानेदार, SOG ने रंगे हाथ पकड़ा.
राजस्थान SI भर्ती 2021 में सनसनीखेज पेपर लीक का पर्दाफाश! SOG ने खुलासा किया कि कुख्यात अपराधियों, तस्करों और माफियाओं के रिश्तेदार नकल के दम पर थानेदार बन गए थे। हाईकोर्ट ने भर्ती रद्द की, SOG ने 55 ट्रेनी SI और 123 नकल माफियाओं को दबोचा। ये तत्व सिस्टम को खोखला करने की साजिश रच रहे थे। जांच जारी, कई आरोपी फरार।

जयपुर: राजस्थान पुलिस सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा 2021 में हुए पेपर लीक और नकल के सनसनीखेज मामले ने पूरे सिस्टम को हिलाकर रख दिया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने इस भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया है, और विशेष जांच दल (SOG) की तहकीकात ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। SOG की रिपोर्ट के अनुसार, इस परीक्षा में कुख्यात अपराधियों, तस्करों, शराब माफियाओं और हत्यारों के बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों ने नकल और पेपर लीक के जरिए थानेदार बनने का रास्ता पकड़ा था। अगर यह भर्ती रद्द न होती, तो ये लोग आज थानों पर काबिज होकर समाज और सिस्टम को अंदर से खोखला कर रहे होते।
अपराधियों के रिश्तेदारों का थानेदार बनने का खेल
SOG की जांच में सामने आया कि इस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक और नकल का जाल इतना व्यापक था कि अपराधियों के रिश्तेदारों तक लीक हुआ पेपर पहुंच गया। कई कुख्यात अपराधियों के बच्चों और रिश्तेदारों ने इस परीक्षा में न केवल हिस्सा लिया, बल्कि फर्जी तरीकों से चयनित भी हो गए। SOG ने अब तक 55 ट्रेनी सब इंस्पेक्टरों और 123 नकल माफियाओं को गिरफ्तार किया है, लेकिन कई मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं।
श्रवण बब्बल की बेटी चंचल विश्नोई: जोधपुर का हार्डकोर हिस्ट्रीशीटर श्रवण बब्बल, जिस पर हत्या और जमीन कब्जे सहित दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं, उसकी बेटी चंचल विश्नोई ने इस परीक्षा को पास कर लिया था। अगर यह भर्ती रद्द न होती, तो वह आज थानेदार होती।
भागीरथ का परिवार: राजस्थान का कुख्यात अफीम तस्कर और शराब माफिया भागीरथ ने जेल के अंदर से ही पेपर लीक माफिया के साथ सौदा किया। उसने पेपर लीक गिरोह के सरगना भूपेंद्र सारण के भाई गोपाल और तस्कर ओमप्रकाश उर्फ फौजी के साथ मिलकर 20 लाख रुपये में लीक पेपर खरीदा। इसका नतीजा? उसकी बेटी प्रियंका और बेटा दिनेश थानेदार बन गए।
मनोहर गोदारा: खुद एक बड़ा बदमाश, जिस पर मारपीट और लूट के दर्जनों मामले दर्ज हैं, वह भी इस परीक्षा में चयनित हो गया था।
पोरव कालीन की साली: ब्लूटूथ गैंग का मास्टरमाइंड पोरव कालीन, जिसने SI, CHO, JEN सहित कई परीक्षाओं में ब्लूटूथ के जरिए नकल कराई, उसकी साली प्रियंका गोस्वामी ने भी इस परीक्षा में हिस्सा लिया। वह अभी फरार है। उसकी पत्नी ने भी ब्लूटूथ के जरिए सरकारी नौकरी हासिल की थी।
जगदीश जानी और सुनील बेनीवाल के रिश्तेदार: पेपर लीक के मास्टरमाइंड जगदीश जानी की साली नारंगी और ब्लूटूथ गैंग के सरगना सुनील बेनीवाल की रिश्तेदार राजेश्वरी ने भी परीक्षा दी और चयनित हो गईं।
भूपेंद्र सारण का साला: भूपेंद्र सारण, जो SI भर्ती सहित आधा दर्जन भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक का मुख्य सरगना है, उसके साले प्रवीण ने भी यह परीक्षा पास की थी।
यूनिक भांबू का भाई: दर्जनों सरकारी परीक्षाओं में पेपर लीक करवाने वाले यूनिक भांबू का भाई विवेक भांबू भी इस परीक्षा में चयनित हुआ था।
शमी का भांजा: शमी, जो पहले टीचर थी और बर्खास्त होने के बाद डमी कैंडिडेट की मास्टरमाइंड बन गई, उसके भांजे दिनेश ने भी यह परीक्षा पास की थी।
पेपर लीक और नकल का जाल
SOG की जांच में सामने आया कि इस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का नेटवर्क इतना व्यापक था कि यह हरियाणा की गैंग तक पहुंच गया था। कई अभ्यर्थियों ने 20 से 40 लाख रुपये में सॉल्व्ड पेपर खरीदे। कुछ ने डमी अभ्यर्थियों को बिठाया, कुछ ने ब्लूटूथ के जरिए नकल की, तो कुछ ने परीक्षा केंद्र पर ही उत्तर कुंजी हासिल की। SOG ने जब ट्रेनी थानेदारों की डमी परीक्षा ली, तो कई टॉपर्स इसमें फेल हो गए, जिससे उनके फर्जीवाड़े की पोल खुल गई।
सिस्टम पर खतरा
अगर यह भर्ती रद्द न होती, तो ये अपराधी तत्व थानेदार बनकर थानों में तैनात हो जाते। ये लोग न केवल पुलिस सिस्टम को कमजोर करते, बल्कि पीड़ितों को न्याय देने की बजाय अपराधियों को फायदा पहुंचाते। SOG के एडीजी वीके सिंह के अनुसार, जांच अभी पूरी नहीं हुई है। कई और आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी है, और अन्य भर्ती परीक्षाओं में भी ऐसे फर्जीवाड़ों की जांच चल रही है।
SOG का सराहनीय काम
SOG ने इस मामले में कड़ा एक्शन लेते हुए 55 ट्रेनी सब इंस्पेक्टरों और 123 नकल माफियाओं को गिरफ्तार किया है। कई मुख्य आरोपी, जैसे सुरेश ढाका और यूनिक भांबू, अभी भी फरार हैं, लेकिन SOG उनकी तलाश में जुटी है। कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने भी इस भर्ती को रद्द करने की मांग की थी, और हाईकोर्ट के फैसले ने सिस्टम को बड़ा झटका देने से बचा लिया।
यह मामला सिर्फ SI भर्ती 2021 तक सीमित नहीं है। SOG को ऐसी कई अन्य भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े की शिकायतें मिली हैं, जहां अपराधी तत्वों ने सरकारी नौकरियां हासिल कीं। अगर ये लोग पुलिस में ऊंचे पदों तक पहुंच जाते, तो समाज और देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकते थे। SOG की सतर्कता और हाईकोर्ट के फैसले ने सिस्टम को खोखला होने से बचाया है, लेकिन यह सवाल उठता है कि ऐसी गड़बड़ियां बार-बार क्यों हो रही हैं?