ब्रिक्स की एकजुटता से अमेरिका पर आर्थिक चोट, चीन ने ब्राजील को चुना, अमेरिकी किसानों में हाहाकार.

ब्रिक्स देशों ने टैरिफ युद्ध में अमेरिका पर आर्थिक दबाव बढ़ाया। चीन ने अमेरिका से सोयाबीन आयात बंद कर ब्राजील को चुना, जिससे अमेरिकी किसानों को झटका लगा। दुनिया का सबसे बड़ा सोयाबीन खरीदार चीन ने सितंबर-अक्टूबर 2025 के लिए अमेरिका से कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं किया। परेशान किसानों ने राष्ट्रपति ट्रंप को चेतावनी दी कि वे अपने सबसे बड़े ग्राहक को खोने से लंबे समय तक नहीं टिक पाएंगे। ब्रिक्स की एकजुटता और वैकल्पिक व्यापार रणनीति ने अमेरिका को मुश्किल में डाला है।

Aug 23, 2025 - 11:44
ब्रिक्स की एकजुटता से अमेरिका पर आर्थिक चोट, चीन ने ब्राजील को चुना, अमेरिकी किसानों में हाहाकार.

वैश्विक व्यापार युद्ध (टैरिफ वॉर) के बीच ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) ने अमेरिका के खिलाफ आर्थिक दबाव बढ़ाने की रणनीति अपनाई है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को गंभीर झटका लगा है। इस रणनीति के तहत, दुनिया का सबसे बड़ा सोयाबीन आयातक देश चीन ने अमेरिका से सोयाबीन खरीद को लगभग बंद कर दिया है और इसके बजाय ब्राजील को अपना प्रमुख आपूर्तिकर्ता बना लिया है। इस बदलाव ने अमेरिकी किसानों को संकट में डाल दिया है, जिन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ खुलकर नाराजगी जताई है।

क्या है पूरा मामला?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी "अमेरिका फर्स्ट" नीति के तहत ब्रिक्स देशों पर भारी टैरिफ (आयात शुल्क) लगाए हैं, जिसमें भारत और ब्राजील पर 50% तक टैरिफ और चीन पर 20% टैरिफ शामिल हैं। ट्रंप का मानना है कि ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर के वैश्विक वर्चस्व को चुनौती दे रहे हैं और वैकल्पिक मुद्रा या व्यापारिक व्यवस्था विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं। इस टैरिफ युद्ध की प्रतिक्रिया में, चीन ने अमेरिका से सोयाबीन आयात में भारी कटौती की है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सितंबर और अक्टूबर 2025 के लिए चीन ने अमेरिका से एक भी टन सोयाबीन की अग्रिम खरीद (फॉरवर्ड बिक्री) का कॉन्ट्रैक्ट नहीं किया है। इसके विपरीत, पिछले महीने ही चीन का सोयाबीन आयात साल-दर-साल 19% बढ़ा, जिसमें से 90% आपूर्ति ब्राजील ने की, जबकि अमेरिका की हिस्सेदारी केवल 4% रही। यह बदलाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2023-24 में चीन ने अमेरिका से अपने सोयाबीन आयात का आधा से अधिक हिस्सा खरीदा था।

अमेरिकी किसानों की चिंता और ट्रंप को चेतावनी

इस व्यापारिक बदलाव से अमेरिकी किसानों को अरबों डॉलर के नुकसान का अनुमान है, क्योंकि सोयाबीन की कटाई का मौसम नजदीक है। परेशान अमेरिकी किसानों ने राष्ट्रपति ट्रंप को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि वे अपने सबसे बड़े ग्राहक, चीन, के साथ लंबे समय तक व्यापार युद्ध नहीं झेल सकते। उन्होंने कहा कि चीन को खोने से उनकी आजीविका खतरे में है और वे इस स्थिति में लंबे समय तक टिक नहीं पाएंगे।

ब्रिक्स की रणनीति और ब्राजील-चीन गठजोड़

ब्रिक्स देशों ने ट्रंप के टैरिफ युद्ध का जवाब देने के लिए एकजुटता दिखाई है। ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हाल ही में हुई एक घंटे की बैठक में चीन ने ब्राजील के वैध हितों और अधिकारों का समर्थन करने की बात कही। यह बयान ट्रंप के लिए एक स्पष्ट संदेश माना जा रहा है, जिन्होंने ब्राजील पर टैरिफ को जायज ठहराने के लिए पूर्व ब्राजीलियाई राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो के खिलाफ चल रहे मुकदमे का हवाला दिया था। ब्राजील ने इस अवसर का फायदा उठाते हुए चीन के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को मजबूत किया है। ब्राजील अब चीन का प्रमुख सोयाबीन आपूर्तिकर्ता बन गया है, जिससे अमेरिकी किसानों को बड़ा झटका लगा है। इसके अलावा, ब्रिक्स देश वैश्विक व्यापार में अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व को कम करने के लिए अपनी मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम कर रहे हैं, जो अमेरिका के लिए एक और चिंता का विषय है।

भारत की भूमिका और वैश्विक प्रभाव

भारत भी इस टैरिफ युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर 50% टैरिफ लगाया है, जिसे भारत ने "अनुचित" और "अतार्किक" बताया है। भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत किसी दबाव में नहीं झुकेगा और अपने किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रक्षा करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की टैरिफ नीति उल्टा पड़ रही है। ब्रिक्स देशों की एकजुटता और वैकल्पिक व्यापारिक रणनीतियों ने अमेरिका को आर्थिक रूप से कमजोर करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था का 45% हिस्सा नियंत्रित करने वाले ब्रिक्स देशों का यह कदम न केवल अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व को चुनौती दे रहा है, बल्कि वैश्विक व्यापार संतुलन में भी बदलाव ला सकता है। 

ट्रंप के टैरिफ युद्ध ने अमेरिका को ही मुश्किल में डाल दिया है। चीन का ब्राजील की ओर रुख करना और अमेरिकी सोयाबीन की मांग में भारी कमी ने अमेरिकी किसानों को संकट में डाल दिया है। ब्रिक्स देशों की एकजुटता और वैकल्पिक व्यापारिक रणनीतियां वैश्विक शक्ति संतुलन को नए आयाम दे रही हैं। इस बीच, भारत और ब्राजील जैसे देश अपनी आर्थिक नीतियों को मजबूत कर रहे हैं, जिससे अमेरिका के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।