जियो का 2026 IPO: क्या मुकेश अंबानी का मास्टरप्लान बदल देगा भारत का डिजिटल भविष्य?
रिलायंस की AGM में मुकेश अंबानी ने जियो के 2026 में IPO लाने की घोषणा की, जो निवेशकों के लिए बड़ा अवसर होगा। जियो 500 मिलियन सब्सक्राइबर्स पार कर चुका है और डिजिटल सेवाओं, 5G, और AI के साथ भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

रिलायंस इंडस्ट्रीज की सालाना आम बैठक (एजीएम) में चेयरमैन मुकेश अंबानी ने एक बार फिर अपनी दूरदृष्टि से सबको चौंका दिया। उन्होंने ऐलान किया कि जियो प्लेटफॉर्म्स का आईपीओ 2026 की पहली छमाही में लॉन्च होगा। यह खबर उन निवेशकों के लिए खुशखबरी है जो लंबे समय से इस इंतजार में थे। अंबानी ने कहा, "हम जियो को आईपीओ के लिए तैयार कर रहे हैं और सभी जरूरी मंजूरियां मिलने पर इसे जल्दी ही बाजार में उतारेंगे। मुझे यकीन है कि जियो वैश्विक कंपनियों की तरह ही मूल्य सृजन करेगा और निवेशकों को शानदार रिटर्न देगा।"
जियो की नई उड़ान: पांच प्रमुख लक्ष्य जो बदलेंगे भारत की डिजिटल तस्वीर
अंबानी ने बैठक में जियो के भविष्य के रोडमैप पर रोशनी डाली। कंपनी अब पांच बड़े क्षेत्रों पर फोकस करेगी:
- हर भारतीय को मोबाइल और होम ब्रॉडबैंड से जोड़ना।
- घर-घर तक डिजिटल सेवाएं पहुंचाना।
- कारोबारों को सुरक्षित प्लेटफॉर्म से डिजिटाइज करना।
- 'एआई एवरीवेयर फॉर एवरीवन' के जरिए हर किसी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सुलभ बनाना।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करना।
ये योजनाएं न सिर्फ जियो को मजबूत बनाएंगी बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी। अंबानी ने बताया कि जियो ने 500 मिलियन सब्सक्राइबर्स का आंकड़ा पार कर लिया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। इसके अलावा, स्पेसएक्स के साथ साझेदारी से स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं भारत में आएंगी, जो दूर-दराज के इलाकों में कनेक्टिविटी को क्रांतिकारी बदलाव देगी। हालांकि, अमेरिका-भारत संबंधों में कुछ चुनौतियां हैं, जैसे ट्रंप प्रशासन की 50% टैरिफ वाली नीति, लेकिन यह साझेदारी दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक रिश्तों की मिसाल है।
वित्तीय मजबूती: पहली तिमाही में 25% की बढ़ोतरी, 5G और ब्रॉडबैंड का कमाल
जियो प्लेटफॉर्म्स का प्रदर्शन भी प्रभावशाली रहा। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (जून 2025 में समाप्त) में कंपनी का शुद्ध लाभ 7,110 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल से 25% ज्यादा है। राजस्व 19% बढ़कर 41,054 करोड़ रुपये पहुंच गया। इस सफलता के पीछे नए सब्सक्राइबर्स की बढ़ोतरी, औसत राजस्व प्रति यूजर (ARPU) का 208.8 रुपये तक पहुंचना और 5G व होम ब्रॉडबैंड सेवाओं का योगदान प्रमुख है। जियो के 5G यूजर्स 200 मिलियन से ज्यादा हो चुके हैं, जबकि होम कनेक्शन 20 मिलियन पार कर गए हैं।
अंबानी ने जियो की पांच ऐसी उपलब्धियों का जिक्र किया जो कभी नामुमकिन लगती थीं:
- पूरे भारत में वॉयस कॉल्स को मुफ्त बनाना।
- आम भारतीयों को मोबाइल पर वीडियो देखने और डिजिटल लेन-देन की आदत डालना।
- भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (जैसे आधार, यूपीआई, जन धन और डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर) की नींव रखना, जिसने नई पीढ़ी को आत्मविश्वास दिया।
- दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम तैयार करना, जिसमें 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न कंपनियां हैं।
- दुनिया में सबसे तेज 5G रोलआउट, जो भारत में एआई क्रांति की शुरुआत करेगा।
ये माइलस्टोन्स बताते हैं कि जियो सिर्फ एक टेलीकॉम कंपनी नहीं, बल्कि भारत के डिजिटल सपनों का वाहक है। गूगल और मेटा जैसी वैश्विक दिग्गजों ने जियो में 20 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश किया है, जो इसके पोटेंशियल को साबित करता है।
बाजार की प्रतिक्रिया: शेयरों में गिरावट लेकिन लंबी अवधि में चमकदार भविष्य
एजीएम के दिन रिलायंस के शेयरों में उतार-चढ़ाव देखा गया। स्टॉक 40 रुपये गिरकर बंद हुआ, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीकी बिकवाली है, न कि फंडामेंटल्स की कमजोरी। गेजिट इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, "पिछले चार सालों में एजीएम के दिन शेयर गिरते रहे हैं, लेकिन क्लीन एनर्जी, एआई, एफएमसीजी, अंतरराष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं और ग्लोबल पार्टनरशिप्स के ऐलान सकारात्मक हैं। जियो का आईपीओ मूल्य अनलॉकिंग में मदद करेगा और ईबीआईटीडीए को 2027 तक दोगुना करने का लक्ष्य मजबूत संकेत है। निवेशकों को शॉर्ट-टर्म उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज कर लॉन्ग-टर्म पोटेंशियल पर फोकस करना चाहिए।"
एंजेल वन के इक्विटी टेक्निकल और डेरिवेटिव एनालिस्ट राजेश भोसले ने बताया, "एजीएम के बाद शेयरों में अस्थिरता आई और 2% की गिरावट के साथ ट्रेडिंग हो रही है। फिलहाल कंसोलिडेशन फेज है, जहां 1,320 रुपये (200-डे एसएमए) के आसपास कोई गिरावट खरीदारी का अच्छा मौका देगी।"