राजस्थान विधानसभा में गरमाया माहौल: स्मार्ट मीटर, दूषित पानी और नलकूपों पर जोरदार हंगामा
राजस्थान विधानसभा में नहरों के दूषित पानी, फलौदी में नलकूपों की कमी और स्मार्ट मीटर को लेकर तीखी बहस हुई, जिसमें कांग्रेस ने वॉकआउट किया। सरकार ने जल जीवन मिशन और स्मार्ट मीटर की प्रगति का बचाव किया।

राजस्थान विधानसभा में सत्र की शुरुआत के साथ ही गंभीर मुद्दों पर चर्चा तेज हो गई। विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने नहरों के दूषित पानी की जांच और कैंसर से होने वाली मौतों को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि दूषित पानी की जांच कब करवाई गई और कैंसर से मर रहे लोगों की जिम्मेदारी कौन लेगा। जवाब में जल संसाधन मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने बताया कि राजस्थान में प्रवेश करने वाले पानी की गुणवत्ता की हर घंटे जांच होती है और सभी पैरामीटर निर्धारित मानकों के अनुसार पाए गए हैं।
फलौदी में पानी की किल्लत, नलकूपों पर चर्चा
फलौदी से विधायक पब्बाराम बिश्नोई ने क्षेत्र में पानी की भारी कमी और नलकूप संचालन के टेंडर को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने बाप नगरपालिका में कम से कम दो नलकूपों की मांग की। जवाब में मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने आश्वासन दिया कि जल्द ही नलकूपों का निर्माण करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार बारिश की मेहरबानी से भूजल स्तर में भी सुधार होगा। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई जल जीवन मिशन और अमृत योजना के तहत बाप नगरपालिका में जल्द ही पानी की समस्या का समाधान किया जाएगा। सर्वे कराकर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
स्मार्ट मीटर पर हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट
स्मार्ट मीटर का मुद्दा विधानसभा में छाया रहा। विधायक रोहित बोहरा ने सरकार से सवाल किया कि क्या नगर निकाय और पंचायत चुनावों को देखते हुए स्मार्ट मीटर योजना को रोका गया है। उन्होंने 14,000 करोड़ रुपये के टेंडर वाली कंपनी की स्थिति और स्मार्ट मीटर को स्थायी रूप से बंद करने या केवल चुनाव तक रोकने पर सवाल उठाया। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने जवाब दिया कि स्मार्ट मीटर योजना को 2022 में पिछली सरकार ने मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की शर्त के अनुसार, 25% सरकारी कार्यालयों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, ताकि केंद्र से फंड प्राप्त हो सके। नए कनेक्शनों में पुराने मीटर इसलिए लगाए गए, क्योंकि स्मार्ट मीटरों की उपलब्धता कम थी और कनेक्शनों की पेंडेंसी ज्यादा थी।
रोहित बोहरा ने दोबारा सवाल किया कि क्या यह अधिसूचना चुनावों को ध्यान में रखकर जारी की गई और टेंडर वाली कंपनी की जिम्मेदारी कौन लेगा। मंत्री नागर ने स्पष्ट किया कि स्मार्ट मीटरों की पर्याप्त उपलब्धता होने पर उन्हें बदला जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि स्मार्ट मीटर योजना भारत सरकार द्वारा थोपी गई नहीं है, बल्कि राज्यों को इसे स्वीकार करने या न करने की स्वतंत्रता है।
कांग्रेस का वॉकआउट, सदन में 25 मिनट तक हंगामा
स्मार्ट मीटर के मुद्दे पर कांग्रेस विधायकों ने तीखा विरोध जताया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया। इससे पहले विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी की। जूली ने कहा कि स्मार्ट मीटर से बिजली आने से पहले ही "करंट" लगता है। जवाब में मंत्री हीरालाल नागर ने कांग्रेस शासनकाल में स्मार्ट मीटर के आदेश की प्रति सदन में लहराई। संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर योजना को लागू करने वाले खुद कांग्रेस थी, और अब वही बेवजह हंगामा कर रही है। स्मार्ट मीटर पर करीब 25 मिनट तक सदन में हंगामा चला।