बेटी की शादी के लिए जमा किए थे पैसे,साइबर ठगों ने ठग लिए 27 लाख रुपये.

जोधपुर में साइबर ठगों ने एक व्यक्ति को क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर झांसा देकर 27 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित ने अपनी बेटी की शादी के लिए यह राशि जमा की थी। ठगों ने पहले छोटा मुनाफा दिखाकर भरोसा जीता, फिर पूरी राशि हड़प कर फरार हो गए। जोधपुर साइबर सेल ने जांच शुरू की है।

Sep 3, 2025 - 13:05
बेटी की शादी के लिए जमा किए थे पैसे,साइबर ठगों ने ठग लिए 27 लाख रुपये.

जोधपुर में साइबर अपराधियों ने अपने जाल में फंसाकर तीन लोगों से 27 लाख रुपये ठग लिए। इनमें से एक मामले में एक व्यक्ति की बेटी की शादी के लिए जमा की गई राशि लुट गई, जबकि एक महिला को फर्जी ट्रैफिक चालान के नाम पर ठगा गया। साइबर ठग नए-नए हथकंडे अपनाकर लोगों को चूना लगा रहे हैं, और जोधपुर पुलिस इन शातिर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है।

पहला मामला: क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी

पहले मामले में, एक व्यक्ति को क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर झांसा देकर ठगा गया। पीड़ित ने अपनी बेटी की शादी के लिए लंबे समय से पैसे जमा किए थे। साइबर ठगों ने उसे उच्च रिटर्न का लालच देकर एक फर्जी निवेश योजना में शामिल किया। ठगों ने पहले छोटी राशि पर मुनाफा दिखाकर पीड़ित का भरोसा जीता, फिर बड़ी राशि निवेश करवाकर 27 लाख रुपये हड़प लिए। जब पीड़ित ने पैसे निकालने की कोशिश की, तो ठगों ने संपर्क तोड़ दिया। जोधपुर साइबर सेल ने इस मामले में जांच शुरू की है और कई बैंक खातों की जानकारी हासिल की है, जिनमें ठगी की राशि ट्रांसफर की गई थी। 

दूसरा मामला: फर्जी ट्रैफिक चालान के नाम पर ठगी

दूसरे मामले में, एक महिला को फर्जी ट्रैफिक चालान के नाम पर ठगा गया। साइबर ठगों ने महिला को एक फर्जी मैसेज भेजा, जिसमें दावा किया गया कि उसके वाहन पर ट्रैफिक चालान बकाया है। मैसेज में एक लिंक भेजा गया, जिस पर क्लिक करने के बाद महिला से बैंकिंग जानकारी मांगी गई। विश्वास में आकर महिला ने जानकारी साझा कर दी, जिसके बाद उसके खाते से लाखों रुपये निकाल लिए गए। पुलिस ने इस मामले में भी शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की है और लोगों से अपील की है कि वे अनजान लिंक्स पर क्लिक करने से बचें।

तीसरा मामला: किराए के बैंक खातों का दुरुपयोग

तीसरे मामले में, साइबर ठगों ने किराए के बैंक खातों का उपयोग कर ठगी को अंजाम दिया। जोधपुर साइबर पुलिस ने ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत कार्रवाई करते हुए तीन युवकों को गिरफ्तार किया, जो कमीशन के लालच में बैंक खाते किराए पर लेकर ठगी का पैसा क्रिप्टो करेंसी में बदलकर ठगों को ट्रांसफर करते थे। जांच में पता चला कि ग्रामीण क्षेत्रों के युवा जल्दी पैसा कमाने के लालच में इन गिरोहों में शामिल हो रहे हैं। पुलिस ने इनके पास से मोबाइल फोन, सिम कार्ड, एटीएम और चेक बरामद किए हैं।

पुलिस की कार्रवाई और सतर्कता

जोधपुर पुलिस ने इन मामलों में त्वरित कार्रवाई शुरू की है। साइबर सेल के एसीपी जयराम मुंडेल ने बताया कि ठगों द्वारा क्रिप्टो करेंसी में पैसे खपाने का चलन बढ़ रहा है, जिससे जांच में चुनौतियां आ रही हैं। पुलिस ने कई खातों को फ्रीज कराया है और संदिग्धों की तलाश में छापेमारी कर रही है। इसके अलावा, लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स पर मिलने वाले निवेश ऑफर या लिंक्स से सावधान रहने की सलाह दी जा रही है।

साइबर ठगी से बचाव के उपाय

अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें: फर्जी ट्रैफिक चालान, रिवार्ड पॉइंट्स या निवेश के लुभावने ऑफर वाले मैसेज से सावधान रहें। 

बैंकिंग जानकारी साझा न करें: किसी भी अनजान व्यक्ति या लिंक के जरिए अपनी बैंकिंग डिटेल्स, ओटीपी या पासवर्ड साझा न करें।

जांच करें: किसी भी निवेश योजना में पैसा लगाने से पहले उसकी विश्वसनीयता की जांच करें और संबंधित कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी लें।

तुरंत शिकायत करें: ठगी का शक होने पर तुरंत नजदीकी साइबर क्राइम थाने या राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करें। 

जोधपुर में साइबर अपराध के ये मामले चेतावनी हैं कि डिजिटल युग में सतर्कता बेहद जरूरी है। पुलिस की कार्रवाई और जागरूकता अभियानों के बावजूद, ठगों के नए-नए तरीके लोगों के लिए चुनौती बने हुए हैं।