दिल्ली में यमुना नदी के उफान से बढ़ा बाढ़ का खतरा, निचले इलाकों में जलमग्न हालात.
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 206.83 मीटर तक पहुंचने से बाढ़ का संकट गहरा गया है। लोहा पुल पर पानी छूने और निचले इलाकों जैसे यमुना बाजार, बुराड़ी, और नोएडा में जलमग्न होने से हजारों लोग प्रभावित हैं। प्रशासन ने 4,500 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया, लोहा पुल बंद कर ट्रैफिक डायवर्ट किया, और बचाव कार्य तेज किए। अगले 24-48 घंटे महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि जलस्तर और बढ़ सकता है। मुख्यमंत्री ने लोगों से घबराने की बजाय प्रशासन पर भरोसा रखने की अपील की।

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से राजधानी में बाढ़ का संकट गहरा गया है। आज सुबह 6 बजे यमुना का जलस्तर 206.76 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से काफी ऊपर है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सुबह 8 बजे पुराने रेलवे ब्रिज (ओआरबी) पर जलस्तर 206.83 मीटर दर्ज किया गया, जबकि देर रात 11 बजे यह 206.45 मीटर था। यह स्थिति 2023 की बाढ़ की याद दिला रही है, जब जलस्तर 208 मीटर तक पहुंचने से दिल्ली में भारी तबाही मची थी।
बाढ़ का कारण और प्रभावित क्षेत्र
यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने का प्रमुख कारण हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज और वजीराबाद बैराज से हर घंटे 1.5 से 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाना है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश ने भी स्थिति को और गंभीर बनाया है। इसके चलते दिल्ली के निचले इलाकों में पानी भर गया है, जिससे यमुना बाजार, बुराड़ी, मजनू का टीला, एमनेस्टी मार्केट, तिब्बती बाजार, बासुदेव घाट, और आईटीओ का छठ घाट जैसे क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। यमुना खादर, यमुना वाटिका, और आसिता जैसे रिवर फ्रंट पार्क भी पानी में डूब चुके हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लगभग 1,000 अवैध फार्महाउस पानी में डूब गए हैं, और जेवर में हजारों बीघा खेतों की फसलें बर्बाद हो गई हैं।
प्रशासन का राहत और बचाव कार्य
दिल्ली प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए त्वरित कदम उठाए हैं। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। करीब 4,500 लोगों को नदी किनारे की झुग्गियों से निकालकर मयूर विहार, गीता कॉलोनी, और पल्ला जैसे क्षेत्रों में राहत शिविरों में पहुंचाया गया है, जहां भोजन, पानी, और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने 2 चीफ इंजीनियर, 5 सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर, और 20 एग्जीक्यूटिव इंजीनियर तैनात किए हैं। नजफगढ़ बेसिन पर विशेष निगरानी रखी जा रही है, जहां 82 मोबाइल पंप, 10 स्थायी पंपिंग स्टेशन, 5,67,200 ईसी बैग, 3,455 घनमीटर पत्थर, 58 नौकाएं, और 675 लाइफ जैकेट्स तैनात किए गए हैं। दिल्ली पुलिस और अन्य बचाव दलों ने झरोड़ा कलां जैसे क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालकर सरकारी स्कूलों में बनाए गए राहत शिविरों में पहुंचाया है।
ट्रैफिक और यातायात पर असर
यमुना के उफान के कारण पुराना लोहा पुल मंगलवार शाम 4 बजे से अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। ट्रैफिक को हनुमान सेतु, राजा राम कोहली मार्ग, और गीता कॉलोनी रोड की ओर डायवर्ट किया गया है। आईएसबीटी कश्मीरी गेट, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, और लाल किला से आने वाले वाहनों को बाहरी रिंग रोड लूप की ओर भेजा जा रहा है, जबकि शाहदरा, सीलमपुर, और शास्त्री पार्क से आने वाले वाहनों को पुश्ता रोड से रिंग रोड की ओर डायवर्ट किया गया है। पूर्वी दिल्ली से आने वाले वाहनों को गीता कॉलोनी फ्लाईओवर और शांति वन चौक की ओर भेजा जा रहा है।
प्रशासन का अलर्ट और मुख्यमंत्री का बयान
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण, और केंद्रीय दिल्ली के जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि प्रशासन 24 घंटे स्थिति पर नजर रख रहा है और हर घंटे जलस्तर की मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने लोगों से घबराने की बजाय सरकार पर भरोसा रखने की अपील की और आश्वासन दिया कि प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
भविष्य की आशंका
केंद्रीय जल आयोग ने चेतावनी दी है कि यमुना का जलस्तर अगले 24 से 48 घंटों में और बढ़ सकता है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि हथिनीकुंड और वजीराबाद बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा पानी और हिमाचल व उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण जलस्तर में और इजाफा हो सकता है। प्रशासन ने लोगों से नदी किनारे न जाने और अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी है।
दिल्ली में यमुना नदी के उफान ने एक बार फिर बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं, लेकिन अगले कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, और ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए गए हैं। सरकार और प्रशासन की सक्रियता के बावजूद, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लोगों से सतर्कता बरतने और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।