कनाडा में भारत के नए उच्चायुक्त बने दिनेश के. पटनायक ,जल्दी ही संभालेंगे कार्यभार.
भारत ने 1990 बैच के IFS अधिकारी दिनेश के. पटनायक को कनाडा में नया उच्चायुक्त नियुक्त किया है। वर्तमान में स्पेन में राजदूत के रूप में कार्यरत पटनायक का विदेश नीति में व्यापक अनुभव है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र, वियना, और ब्रुसेल्स जैसे मिशन शामिल हैं। उनकी नियुक्ति भारत-कनाडा के तनावपूर्ण रिश्तों को सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जो खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद 2024 में बिगड़े थे। पटनायक के कूटनीतिक कौशल से दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग बढ़ाने की उम्मीद है।

भारत सरकार ने वरिष्ठ राजनयिक दिनेश के. पटनायक को कनाडा में भारत का अगला उच्चायुक्त नियुक्त किया है। 1990 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी पटनायक वर्तमान में स्पेन में भारत के राजदूत के रूप में कार्यरत हैं। विदेश मंत्रालय ने 28 अगस्त 2025 को जारी एक अधिसूचना में बताया कि पटनायक जल्द ही कनाडा में अपने नए दायित्व को संभालेंगे। उनकी यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध पिछले कुछ समय से तनावपूर्ण रहे हैं।
दिनेश के. पटनायक का अनुभव और कूटनीतिक सफर
दिनेश के. पटनायक एक अनुभवी राजनयिक हैं, जिन्होंने विदेश नीति के क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक का योगदान दिया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, वियना, ब्रुसेल्स, और जिनेवा जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है। इसके अलावा, वे एशिया और अफ्रीका के कई देशों में भारत के राजनयिक मिशनों का हिस्सा रहे हैं। पटनायक ने 2009 से 2012 तक वियना में भारतीय दूतावास में उप मिशन प्रमुख के रूप में कार्य किया। इसके बाद, वे 2012 से 2015 तक कंबोडिया और 2015 से 2016 तक मोरक्को में भारत के राजदूत रहे। 2016 से 2018 तक उन्होंने लंदन में भारत के उप उच्चायुक्त के रूप में अपनी सेवाएं दीं। विदेश मंत्रालय में भी उन्होंने महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं, जिनमें 2018 से 2019 तक अतिरिक्त सचिव (भारतीय महासागर क्षेत्र) और 2019 से 2020 तक अतिरिक्त सचिव (सीपीवी और ओआईए) के रूप में कार्य शामिल है। पटनायक ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), कोलकाता से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की है। इसके साथ ही, उन्होंने वियना विश्वविद्यालय से उन्नत अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में डिग्री और वियना की राजनयिक अकादमी से अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में प्रमाणपत्र प्राप्त किया है।
भारत-कनाडा संबंधों में तनाव की पृष्ठभूमि
भारत और कनाडा के बीच संबंध पिछले कुछ वर्षों में कई कारणों से तनावपूर्ण रहे हैं। खास तौर पर, जून 2023 में खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद स्थिति और बिगड़ गई। कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हत्या में भारतीय अधिकारियों की संलिप्तता का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया। भारत का कहना था कि कनाडा खालिस्तानी गतिविधियों को रोकने में गंभीर नहीं है, जिसके कारण दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ गया। अक्टूबर 2024 में इस विवाद ने और गंभीर रूप ले लिया, जब कनाडा ने भारत के तत्कालीन उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को "पर्सन ऑफ इंटरेस्ट" घोषित किया। भारत ने इसे अपमानजनक बताते हुए अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया और जवाबी कार्रवाई में कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। इसके बाद से ओटावा में भारत के उच्चायुक्त का पद खाली था।
रिश्तों में सुधार की नई उम्मीद
पटनायक की नियुक्ति को भारत-कनाडा संबंधों में एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। जून 2024 में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की मुलाकात ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की दिशा में पहल की। इस मुलाकात के बाद दोनों पक्षों ने उच्चायुक्तों की नियुक्ति और व्यापार वार्ता को फिर से शुरू करने पर सहमति जताई।
पटनायक का खालिस्तानी मुद्दे पर अनुभव और उनकी राजनयिक विशेषज्ञता इस नियुक्ति को और महत्वपूर्ण बनाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी नियुक्ति से दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और व्यापार, शिक्षा, और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की संभावना है।
चुनौतियां और उम्मीदें
पटनायक के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर बने मतभेदों को कम करना। कनाडा में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी आबादी और वहां सक्रिय खालिस्तानी समूहों के कारण यह मुद्दा संवेदनशील बना हुआ है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच व्यापार, शिक्षा, और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने की भी जिम्मेदारी पटनायक पर होगी। भारत सरकार को उम्मीद है कि पटनायक का अनुभव और कूटनीतिक कौशल न केवल भारत के हितों की रक्षा करेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच रिश्तों को फिर से मजबूत करने में भी मदद करेगा। यह नियुक्ति भारत-कनाडा संबंधों में एक नया अध्याय शुरू करने का संकेत देती है, जो लंबे समय से तनाव और अविश्वास के साये में रहा है।
दिनेश के. पटनायक की नियुक्ति भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। उनकी अनुभवी पृष्ठभूमि और कूटनीतिक समझ से दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार की उम्मीद जगी है। हालांकि, खालिस्तानी मुद्दे और अन्य राजनीतिक मतभेदों को देखते हुए यह सफर आसान नहीं होगा। फिर भी, यह नियुक्ति दोनों देशों के लिए एक नई शुरुआत का अवसर प्रदान करती है।