जलालाबाद के पास 6.0 तीव्रता का भूकंप,1411 की मौत, हजारों घायल, दुनिया भर से मदद का सिलसिला शुरू

अफगानिस्तान में 6.0 तीव्रता के भूकंप ने 1411 लोगों की जान ली और 3250 से ज्यादा को घायल किया; भारत, ब्रिटेन और चीन सहित कई देश राहत कार्यों में जुटे हैं।

Sep 2, 2025 - 18:01
जलालाबाद के पास 6.0 तीव्रता का भूकंप,1411 की मौत, हजारों घायल, दुनिया भर से मदद का सिलसिला शुरू

अफगानिस्तान में रविवार रात आए 6.0 तीव्रता के भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। तालिबान सरकार के मुताबिक, इस आपदा में अब तक 1411 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 3250 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। न्यूज एजेंसी AP की रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप का केंद्र जलालाबाद से 17 मील दूर नांगरहार प्रांत में था, जो एक पहाड़ी और भूकंप के लिहाज से रेड जोन वाला इलाका है। इस क्षेत्र में कई गांव मलबे में तब्दील हो गए हैं।

भूकंप रात के समय आया, जब ज्यादातर लोग अपने घरों में सो रहे थे। इससे कई लोग मलबे में दब गए, जिससे मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ। पड़ोसी कुनार प्रांत में सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं। सोमवार को कुनार में 4.6 तीव्रता का एक और भूकंप आया, जिसने राहत कार्यों को और जटिल कर दिया।

तालिबान ने मांगी मदद, भारत समेत कई देश आए आगे

तालिबान सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की गुहार लगाई है। भारत ने तुरंत कार्रवाई करते हुए काबुल में 1000 टेंट और 15 टन खाद्य सामग्री कुनार प्रांत के लिए भेजी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने X पर लिखा, "भारत अफगानिस्तान के साथ इस मुश्किल घड़ी में खड़ा है और आगे भी राहत सामग्री भेजना जारी रखेगा।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस त्रासदी पर गहरा दुख जताया। उन्होंने X पर लिखा, "अफगानिस्तान में भूकंप से हुए नुकसान और जानमाल की हानि से मैं बहुत दुखी हूं। भारत इस मुश्किल समय में हर संभव मदद के लिए तैयार है।"

भारत के अलावा, ब्रिटेन ने प्रभावित परिवारों के लिए 1 मिलियन पाउंड (लगभग 10 करोड़ रुपये) के आपातकालीन फंड की घोषणा की है। चीन ने भी अपनी क्षमता के अनुसार अफगानिस्तान की मदद करने का वादा किया है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि उनकी टीमें पहले से ही राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।

भूकंप का दायरा: पाकिस्तान और भारत में भी झटके

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र जलालाबाद से 150 किलोमीटर दूर राजधानी काबुल के पास था। भूकंप के झटके न केवल अफगानिस्तान, बल्कि पड़ोसी देशों में भी महसूस किए गए। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब प्रांतों में हल्के झटके महसूस हुए। भारत के गुरुग्राम में भी लोगों ने भूकंप के हल्के झटके महसूस किए।

राहत कार्यों में चुनौतियां

नांगरहार और कुनार प्रांत के पहाड़ी इलाकों में राहत कार्यों को पहुंचाना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। भूकंप ने कई गांवों को पूरी तरह तबाह कर दिया है, और सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से राहत सामग्री पहुंचाने में मुश्किल हो रही है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुनार प्रांत में सबसे ज्यादा तबाही हुई है, जहां कई परिवार बेघर हो गए हैं।

2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने अफगानिस्तान को दी जाने वाली मानवीय सहायता में कटौती कर दी थी। इस भूकंप ने एक बार फिर दुनिया का ध्यान अफगानिस्तान की मानवीय स्थिति पर खींचा है।

दुनिया की नजरें अफगानिस्तान पर

इस त्रासदी ने एक बार फिर मानवीय एकजुटता की मिसाल पेश की है। भारत, ब्रिटेन, और चीन जैसे देशों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र की टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। यह संकट अफगानिस्तान के लोगों के लिए एक कठिन परीक्षा है, लेकिन वैश्विक समुदाय की मदद से उम्मीद की किरण भी दिख रही है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .