गुलाबी नगरी जयपुर में बारिश का कहर: सड़कें बनीं दरिया, जनजीवन ठप
मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया, सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं, मंदिरों और अस्पतालों में पानी घुसा, और गलता जी के पीछे फंसे 15-20 लोगों को रेस्क्यू किया गया। ड्रेनेज सिस्टम की खराबी से जलभराव और नुकसान की स्थिति बनी।

गुलाबी नगरी जयपुर में बुधवार सुबह से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। शहर के निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई, सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं और मंदिरों से लेकर अस्पतालों तक में पानी घुस गया। परकोटा क्षेत्र, जवाहर नगर, राजा पार्क जैसे इलाकों में हालात बदतर हो गए, जहां बिजली गुल होने और सड़कों पर तालाब बनने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
गलता जी में फंसे लोगों का रेस्क्यू
गलता जी के पीछे भारी बारिश के कारण 15-20 लोग फंस गए। तेज बहाव और जलभराव के बीच फंसे लोगों की सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम तुरंत हरकत में आई और सभी को सुरक्षित बाहर निकाला। स्थानीय लोगों ने बताया कि बारिश का पानी इतनी तेजी से बढ़ा कि कई लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाए। रेस्क्यू ऑपरेशन की त्वरित कार्रवाई ने बड़ी अनहोनी को टाल दिया।
मंदिरों में भी घुसा पानी
शहर के प्रसिद्ध काले हनुमान जी मंदिर में बारिश का पानी अंदर तक घुस गया। मंदिर प्रबंधन ने पानी को रोकने के लिए लोहे के बैरिकेड्स लगाए थे, लेकिन तेज बारिश के आगे ये नाकाम रहे। भक्तों ने बताया कि मंदिर के अंदर घुटनों तक पानी भर गया, जिससे पूजा-अर्चना में भी दिक्कत हुई। फिर भी, जलझूलनी एकादशी के अवसर पर श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ और बारिश की परवाह किए बिना उन्होंने गोविंद देव जी मंदिर में दर्शन किए।
सड़कों पर नदी का नजारा
जयपुर की सड़कें बुधवार को नदियों में बदल गईं। मोती डूंगरी रोड से नायला तक 4-5 फीट तक पानी भर गया, जिससे लोग कमर तक पानी में डूबकर रास्ता पार करते नजर आए। करणी पैलेस रोड और पन्नीगरान जैसे इलाकों में सड़कें पूरी तरह से जलमग्न हो गईं। चांदी की टकसाल से सुभाष चौक तक जलभराव के कारण यातायात ठप हो गया। एक रिक्शा चालक का रिक्शा सड़क के गड्ढे में फंस गया, जिसे स्थानीय दुकानदारों ने धक्का देकर बाहर निकाला।
ड्रेनेज सिस्टम की खराबी बनी मुसीबत
स्थानीय निवासियों का कहना है कि जयपुर में ड्रेनेज सिस्टम की खराब हालत हर बारिश में मुसीबत का सबब बनती है। सड़कों पर पानी भरने से न केवल यातायात प्रभावित होता है, बल्कि सड़क किनारे बने मकानों और दुकानों में भी पानी घुस जाता है, जिससे भारी नुकसान होता है। इस बार भी कई दुकानों और घरों में पानी भर गया, जिससे लोगों का सामान खराब हो गया।
एसएमएस अस्पताल में भी पानी-पानी
जयपुर के सबसे बड़े अस्पताल, सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल, भी बारिश के कहर से नहीं बच सका। डीडीसी काउंटर 10, 11 और बिलिंग काउंटर के सामने पानी भरने से मरीजों और उनके परिजनों को दवाइयां लेने और जांच के बिल बनवाने में भारी परेशानी हुई। कई मरीज पानी में डूबकर काउंटर तक पहुंचे, जिससे उनकी तकलीफ और बढ़ गई।
घाट की गुणी टनल के पास झरने का मंजर
बारिश ने जहां शहर में मुसीबतें खड़ी कीं, वहीं कुछ जगहों पर अनोखे नजारे भी देखने को मिले। घाट की गुणी टनल के पास पहाड़ से बारिश का पानी झरने की तरह बहने लगा। इसे देखकर कुछ वाहन चालक रुक गए और झरने में नहाकर मौसम का लुत्फ उठाने लगे। हालांकि, यह मंजर शहर के बाकी हिस्सों में मची तबाही की तुलना में हल्की राहत जैसा था।
मानसरोवर में इंजीनियरिंग कॉलेज के पास जलभराव
मानसरोवर स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज के आसपास की सड़कें भी बारिश के बाद दरिया में तब्दील हो गईं। जलभराव के कारण छात्रों और स्थानीय लोगों को आवागमन में दिक्कत हुई। कॉलेज प्रशासन ने बताया कि परिसर के आसपास पानी निकासी की व्यवस्था न होने के कारण यह स्थिति हर बारिश में बनती है।