"धोनी का निचला क्रम में उतरना: रणनीति या मजबूरी? CSK कोच फ्लेमिंग ने तोड़ी चुप्पी"

रिपोर्ट जसवंत सिंह शिवकर - इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के दिग्गज खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी की बल्लेबाजी स्थिति एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। इस सीजन में धोनी 8-9 नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतर रहे हैं, जिस पर कई क्रिकेट विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि इतने निचले क्रम पर धोनी जैसे अनुभवी और आक्रामक बल्लेबाज का उतरना टीम के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है। इस बहस के बीच सीएसके के मुख्य कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए धोनी की शारीरिक स्थिति और टीम के लिए उनकी भूमिका पर विस्तार से बात की।
धोनी की शारीरिक स्थिति और सीमाएं
फ्लेमिंग ने साफ कहा कि धोनी अब उस दौर से गुजर रहे हैं, जहां उनकी शारीरिक स्थिति पहले जैसी नहीं रही। खास तौर पर उनके घुटनों की समस्या का जिक्र करते हुए कोच ने कहा, "धोनी की बॉडी और घुटना अब वैसा नहीं है, जैसा पहले हुआ करता था। उनके लिए 10 ओवर तक बल्लेबाजी करना मुश्किल है।" यह बयान धोनी के लंबे समय तक मैदान पर बल्लेबाजी न कर पाने की चुनौती को रेखांकित करता है। पिछले कुछ सीजनों से धोनी की फिटनेस और घुटने की सर्जरी के बाद उनके खेलने के तरीके में बदलाव देखा जा रहा है, जिसका असर उनकी बल्लेबाजी स्थिति पर भी पड़ा है।
धोनी का फैसला और रणनीति
फ्लेमिंग ने यह भी बताया कि धोनी की बल्लेबाजी स्थिति का फैसला पूरी तरह से खुद धोनी के हाथ में है। उन्होंने कहा, "यह समय की बात है। धोनी खुद इस बात का अंदाजा लगाते हैं कि वे टीम के लिए क्या कर सकते हैं।" कोच के मुताबिक, धोनी मैच के दिन परिस्थितियों को देखते हुए यह तय करते हैं कि वे कब बल्लेबाजी के लिए उतरेंगे। अगर मैच संतुलित स्थिति में होता है, तो धोनी जल्दी बल्लेबाजी के लिए आ सकते हैं, लेकिन ज्यादातर मौकों पर वे निचले क्रम में आकर फिनिशर की भूमिका निभाते हैं।
फ्लेमिंग ने धोनी की इस रणनीति को टीम के लिए संतुलन का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा, "जब भी मौका मिलता है, धोनी दूसरे खिलाड़ियों का समर्थन करते हैं। इस तरह से वे बैलेंस कर रहे हैं।" यह रणनीति न केवल धोनी की शारीरिक सीमाओं को ध्यान में रखती है, बल्कि युवा खिलाड़ियों को ऊपरी क्रम में मौका देने की भी कोशिश करती है।
धोनी का टीम के लिए महत्व
कोच ने धोनी के योगदान को कमतर नहीं आंकते हुए कहा कि उनकी मौजूदगी ही टीम के लिए बेशकीमती है। फ्लेमिंग ने पिछले साल के अपने बयान को दोहराते हुए कहा, "मैंने पिछले साल भी कहा था कि वह हमारे लिए बेशकीमती हैं।" विकेटकीपिंग के साथ-साथ अंतिम ओवरों में उनकी बल्लेबाजी टीम के लिए अहम है, लेकिन फ्लेमिंग ने यह भी माना कि 9-10 ओवर तक बल्लेबाजी के लिए उतरना धोनी के लिए ठीक नहीं है।
विशेषज्ञों की चिंता और बहस
क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि धोनी जैसे खिलाड़ी, जो अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी और बड़े शॉट्स के लिए जाने जाते हैं, को ऊपरी क्रम में खेलना चाहिए ताकि वे खेल को नियंत्रित कर सकें। हालांकि, फ्लेमिंग का तर्क है कि धोनी की मौजूदा स्थिति और टीम की जरूरतों को देखते हुए यह रणनीति समझदारी भरी है। विशेषज्ञों का एक वर्ग यह भी कहता है कि धोनी का निचले क्रम में उतरना सीएसके की बल्लेबाजी को कमजोर कर सकता है, खासकर तब जब टीम को बड़े स्कोर की जरूरत हो।