भिखारी का वेश धारण कर ठगी करने वाला गिरोह पुलिस की गिरफ्त में,
जयपुर पुलिस ने भिखारी बनकर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया। चार ठगों—गणेश सोलंकी, सूरज सोलंकी, करण उर्फ कालू रॉय और बुब्या उर्फ धर्मा को गिरफ्तार किया गया। ये लोग ऑटो में घूमकर, रास्ता पूछने और भिखारी बनकर लोगों का विश्वास जीतते, फिर बैग में लाखों रुपये होने का लालच देकर गहने ठगते थे। यह गिरोह जयपुर, कोटा, मुंबई, दिल्ली और उत्तराखंड में सक्रिय था। पुलिस अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।

जयपुर पुलिस ने एक अंतरराज्यीय ठग गिरोह का पर्दाफाश कर चार शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है, जो भिखारी बनकर लोगों को लालच देकर ठगी का शिकार बनाते थे। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गणेश सोलंकी, सूरज सोलंकी, करण उर्फ कालू रॉय और बुब्या उर्फ धर्मा के रूप में हुई है। यह गिरोह सुनियोजित तरीके से भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसाता था और उनके गहने व कीमती सामान ठग लेता था।
ठगी का तरीका:
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह ऑटो में सवार होकर शहर के विभिन्न इलाकों में घूमता था। पहले ये लोग राहगीरों से रास्ता पूछने का बहाना बनाकर ऑटो रोकते थे। इसके बाद गिरोह का एक सदस्य भिखारी के वेश में उतरता और खाने के लिए पैसे मांगता। इस दौरान दूसरा सदस्य राहगीर के सामने 100-200 रुपये देकर उनका भरोसा जीतता था। फिर भिखारी बना सदस्य एक बैग दिखाकर दावा करता कि वह अपने मालिक के पास से आया है और बैग में लाखों रुपये हैं। दूसरा ठग बैग खोलकर झूठ बोलता कि उसमें 5-6 लाख रुपये हैं। इसके बाद वे राहगीर को लालच देते कि बैग उनके पास रहेगा, बदले में उन्हें कुछ पैसे या गहने दे देने चाहिए। इस लालच में फंसकर कई लोग अपने कीमती गहने उतारकर दे देते थे।
मामला कैसे सामने आया:
जयपुर पूर्व की डीसीपी तेजस्वनी गौतम ने बताया कि यह मामला तब उजागर हुआ, जब जवाहर सर्किल इलाके में एक बुजुर्ग महिला के साथ गहने ठगने की शिकायत मिली। पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और तकनीकी आधार पर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह जयपुर में 10 और कोटा में एक ठगी की वारदात को अंजाम दे चुका है। इसके अलावा, मुंबई, दिल्ली और उत्तराखंड में भी इस गिरोह ने कई ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया है।
पुलिस की कार्रवाई और भविष्य की योजना:
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी कर रही है। डीसीपी तेजस्वनी गौतम ने बताया कि यह गिरोह विशेष रूप से बुजुर्गों को निशाना बनाता था। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे सार्वजनिक स्थानों पर सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति द्वारा लालच दिए जाने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें। इस मामले में कांस्टेबल लोकेन्द्र की विशेष भूमिका रही, जिनके प्रयासों से गिरोह का खुलासा संभव हो सका। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही इस गिरोह से जुड़े अन्य खुलासे सामने आएंगे।