निंद में क्यों आते हैं खर्राटे? कारण और इलाज की पूरी जानकारी ...

खर्राटे नींद के दौरान वायुमार्ग में रुकावट के कारण होते हैं, जिनका इलाज जीवनशैली में बदलाव, चिकित्सा उपकरणों और सर्जरी से संभव है। गंभीर खर्राटे स्लीप एपनिया का संकेत हो सकते हैं, इसलिए डॉक्टर से परामर्श जरूरी है।

Jul 11, 2025 - 19:37
निंद में क्यों आते हैं खर्राटे? कारण और इलाज की पूरी जानकारी ...

खर्राटे (Snoring) एक आम समस्या है, जो न केवल सोने वाले व्यक्ति को, बल्कि उनके आसपास के लोगों को भी परेशान कर सकती है। यह निंद के दौरान होने वाली एक ऐसी स्थिति है, जिसमें सांस लेने के दौरान गले या नाक में हवा के प्रवाह में रुकावट के कारण तेज आवाज उत्पन्न होती है। हालांकि खर्राटे सामान्य हो सकते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकते हैं। इस लेख में हम खर्राटों के कारण, इसके प्रभाव, और इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे।

खर्राटे क्या हैं?

खर्राटे तब होते हैं, जब सोते समय गले, नाक, या मुंह के ऊतकों में कंपन (vibration) होता है। यह कंपन हवा के प्रवाह में रुकावट के कारण उत्पन्न होता है। सामान्य तौर पर, खर्राटे हल्के हो सकते हैं, लेकिन अगर ये नियमित और तेज होते हैं, तो यह स्लीप एपनिया (Sleep Apnea) जैसी गंभीर स्थिति का लक्षण हो सकता है। स्लीप एपनिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें सोते समय सांस रुक जाती है, जिससे ऑक्सीजन की कमी और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

खर्राटों के कारण

खर्राटों के कई कारण हो सकते हैं, जो शारीरिक, जीवनशैली, और पर्यावरणीय कारकों से संबंधित हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

1. शारीरिक संरचना

  • नाक की रुकावट: नाक में रुकावट, जैसे डेविएटेड सेप्टम (नाक की हड्डी का टेढ़ा होना) या नाक में पॉलिप्स, खर्राटों का कारण बन सकते हैं।

  • गले के ऊतकों का ढीलापन: उम्र बढ़ने के साथ गले की मांसपेशियां ढीली हो सकती हैं, जिससे हवा के प्रवाह में रुकावट होती है।

  • बड़ा टॉन्सिल या जीभ: कुछ लोगों में टॉन्सिल या जीभ का आकार बड़ा होता है, जो सांस लेने के रास्ते को संकीर्ण कर सकता है।

  • मोटापा: अतिरिक्त वजन, खासकर गले और गर्दन के आसपास की चर्बी, वायुमार्ग को संकीर्ण कर सकती है।

2. जीवनशैली से संबंधित कारण

  • शराब का सेवन: शराब पीने से गले की मांसपेशियां ढीली पड़ती हैं, जिससे खर्राटे बढ़ सकते हैं।

  • धूम्रपान: धूम्रपान से नाक और गले में जलन और सूजन हो सकती है, जो वायुमार्ग को प्रभावित करती है।

  • सोने की स्थिति: पीठ के बल सोने से जीभ और गले के ऊतक वायुमार्ग की ओर खिसक सकते हैं, जिससे खर्राटे आते हैं।

  • नींद की कमी: पर्याप्त नींद न लेने से गले की मांसपेशियां अधिक थक सकती हैं, जिससे खर्राटे बढ़ते हैं।

3. अन्य स्वास्थ्य समस्याएं

  • एलर्जी: एलर्जी के कारण नाक में रुकावट हो सकती है, जो खर्राटों को बढ़ावा देती है।

  • सर्दी-जुकाम: नाक बंद होने से मुंह से सांस लेना पड़ता है, जिससे खर्राटे आ सकते हैं।

  • स्लीप एपनिया: यह खर्राटों का एक गंभीर कारण हो सकता है, जिसमें सांस लेने में बार-बार रुकावट आती है।

4. आनुवंशिक कारण

कुछ लोगों में खर्राटे आनुवंशिक कारणों से भी हो सकते हैं। अगर परिवार में किसी को खर्राटे की समस्या है, तो इसकी संभावना बढ़ जाती है।

खर्राटों के प्रभाव

खर्राटे न केवल नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं, बल्कि कई अन्य समस्याओं को भी जन्म दे सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • दिन में थकान और नींद आना: खर्राटों के कारण नींद पूरी नहीं होती, जिससे दिनभर सुस्ती रहती है।

  • एकाग्रता में कमी: नींद की कमी से ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत हो सकती है।

  • रिश्तों में तनाव: खर्राटों की आवाज से पार्टनर की नींद खराब हो सकती है, जिससे रिश्तों में तनाव आ सकता है।

  • स्वास्थ्य समस्याएं: लंबे समय तक अनुपचारित खर्राटे हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, और डायबिटीज जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

खर्राटों का निदान

अगर खर्राटे नियमित और गंभीर हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। निदान के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं:

  • मेडिकल हिस्ट्री: डॉक्टर आपकी जीवनशैली, स्वास्थ्य समस्याओं, और खर्राटों के पैटर्न के बारे में पूछ सकते हैं।

  • स्लीप स्टडी (पॉलीसोम्नोग्राफी): यह टेस्ट नींद के दौरान सांस, हृदय गति, और ऑक्सीजन स्तर की जांच करता है।

  • इमेजिंग टेस्ट: नाक, गले, या वायुमार्ग की संरचना की जांच के लिए एक्स-रे, सीटी स्कैन, या एमआरआई किया जा सकता है।

खर्राटों का इलाज

खर्राटों का इलाज उनके कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है। कुछ सामान्य उपचार निम्नलिखित हैं:

1. जीवनशैली में बदलाव

  • वजन कम करना: मोटापा खर्राटों का एक प्रमुख कारण है। स्वस्थ आहार और व्यायाम से वजन नियंत्रित करने से खर्राटे कम हो सकते हैं।

  • शराब और धूम्रपान छोड़ना: इनसे गले और नाक की जलन कम होती है, जिससे खर्राटे घटते हैं।

  • सोने की स्थिति बदलना: करवट लेकर सोने से खर्राटे कम हो सकते हैं। इसके लिए विशेष तकिए या डिवाइस का उपयोग किया जा सकता है।

  • नाक की सफाई: सोने से पहले नाक को साफ करने के लिए सलाइन स्प्रे या नेजल स्ट्रिप्स का उपयोग करें।

2. चिकित्सा उपचार

  • नेजल डिवाइस: नाक की रुकावट को दूर करने के लिए नेजल डाइलेटर या स्ट्रिप्स उपयोगी हो सकते हैं।

  • माउथपीस: डेंटल माउथपीस (Mandibular Advancement Device) जबड़े को आगे रखकर वायुमार्ग को खुला रखता है।

  • CPAP मशीन: स्लीप एपनिया के लिए कंटीन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (CPAP) मशीन का उपयोग किया जाता है, जो सोते समय हवा का दबाव बनाए रखती है।

  • सर्जरी: गंभीर मामलों में, टॉन्सिल, एडिनॉइड, या डेविएटेड सेप्टम को ठीक करने के लिए सर्जरी की सलाह दी जा सकती है।

3. घरेलू उपचार

  • ह्यूमिडिफायर का उपयोग: कमरे में नमी बनाए रखने से नाक और गले की सूखापन कम होता है।

  • हर्बल उपाय: अदरक, शहद, या पेपरमिंट ऑयल जैसे घरेलू नुस्खे खर्राटों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

  • व्यायाम: गले और जीभ की मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम खर्राटों को कम कर सकते हैं।

खर्राटों से बचाव

खर्राटों को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • नियमित नींद का समय निर्धारित करें।

  • सोने से पहले भारी भोजन या कैफीन से बचें।

  • तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान का सहारा लें।

  • एलर्जी या सर्दी-जुकाम का समय पर इलाज करें।

Yashaswani Journalist at The Khatak .