"कानून का शिकंजा: साइक्लोनर की तेज नजर में फंसा 40,000 का इनामी तस्कर, भागने की हर कोशिश नाकाम!"
जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम ने "ऑपरेशन लीलटांस" के तहत सात साल से फरार, 40,000 रुपये के इनामी मादक तस्कर कन्हैयालाल को मध्यप्रदेश के नीमच से गिरफ्तार किया। मारवाड़ और मेवाड़ के तस्करों का मुख्य मददगार कन्हैयालाल अफीम और डोडा पोस्त की तस्करी में लिप्त था। चार महीने की शोध और 15 दिन की घेराबंदी के बाद, गुरु पूर्णिमा के मौके पर आंतरी माता मंदिर में उसे दबोचा गया। साइक्लोनर की तेज नजर और अथक मेहनत ने अपराधी को कानून के शिकंजे में लाकर समाज को जहर फैलाने से रोका।

जोधपुर रेंज IG की साइक्लोनर टीम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपराधी कितना भी छिप जाए, कानून के लंबे हाथ उसे बिल से निकाल ही लेते हैं। "ऑपरेशन लीलटांस" के तहत मादक द्रव्यों की तस्करी के मास्टरमाइंड, सात साल से फरार और 40 हजार रुपये के इनामी अपराधी कन्हैयालाल को मध्यप्रदेश के नीमच से धर दबोचा गया। यह शातिर तस्कर, जो मारवाड़ और मेवाड़ के तस्करों का मुख्य मददगार था, समाज में जहर बांट रहा था, लेकिन साइक्लोनर टीम की पैनी नजर और अथक मेहनत ने उसे आंतरी माता मंदिर में प्रसाद लेने की आस में पकड़ लिया।पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि साइक्लोनर टीम ने चार महीने की गहन शोध और 15 दिन तक नीमच में डेरा जमाकर इस कुख्यात तस्कर को पकड़ने में सफलता हासिल की। कन्हैयालाल पुत्र मनोहरलाल, उम्र 40 वर्ष, निवासी घसुण्डी बामणी, थाना नीमच कैंट, मध्यप्रदेश, मारवाड़ और मेवाड़ के तस्करों के लिए मादक द्रव्यों की सप्लाई का मुख्य कनेक्शन था। उसकी गिरफ्तारी पर 40 हजार रुपये का इनाम घोषित था।
कन्हैयालाल के काले कारनामे:
कन्हैयालाल का परिवार कर्मकांडी ब्राह्मण है, लेकिन उसने पूजा-पाठ छोड़कर अफीम और डोडा पोस्त की तस्करी को पेशा बना लिया। आठवीं तक पढ़ा यह अपराधी इतना शातिर था कि एक बार किसी तस्कर से हाथ मिलाने के बाद वह हर जोखिम उठाता था। उसने मारवाड़ के तस्करों का चहेता बनकर मध्यप्रदेश से अवैध मादक द्रव्यों की सप्लाई का जाल बिछाया। उसका बचपन का दोस्त राकेश और राकेश का रिश्तेदार कमल राणा, जो मेवाड़ का कुख्यात तस्कर था, ने उसे इस काले धंधे में प्रेरित किया।
2018 में: कन्हैयालाल ने बाड़मेर के तस्कर कंवराराम को फोरच्यूनर गाड़ी में 250 किलो अवैध डोडा पोस्त सप्लाई किया, जो नीमच के बगाना थाने में पकड़ा गया। इस मामले में वह फरार हो गया।
2022 में: उसने बाड़मेर के तेजाराम को 26.50 क्विंटल डोडा पोस्त ट्रक में भरवाया, जो सिरोही के पिण्डवाड़ा थाने में पकड़ा गया। इस मामले में भी वह वांछित था और इनाम घोषित हुआ।
कन्हैयालाल किसानों से अवैध मादक द्रव्य खरीदकर गुप्त ठिकानों पर छिपाता और मारवाड़ के तस्करों को सप्लाई करता था। साइक्लोनर टीम द्वारा पकड़े गए कई बड़े तस्करों ने उसका नाम उगला, जिसके बाद टीम ने उसे पकड़ने का जाल बिछाया।
साइक्लोनर का जाल:
साइक्लोनर टीम ने कन्हैयालाल को पकड़ने के लिए महीनों तक उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी। पता चला कि वह आंतरी माता का भक्त है और चांदी का मोटा कड़ा पहनता है। गुरु पूर्णिमा के मौके पर मंदिर दर्शन और बहन से मिलने की सूचना पर टीम ने तीन अलग-अलग दस्ते बनाकर घेराबंदी की। कन्हैयालाल को पुलिस की भनक लगी, और वह अपनी पावर बाइक से भागने की कोशिश में था, लेकिन साइक्लोनर टीम के जवान मांगीलाल ने एक किलोमीटर तक पीछा कर उसे खेतों में दबोच लिया। दूसरी टीम के पहुंचने पर वह पूरी तरह फंस गया।
ऑपरेशन का नाम "लीलटांस":
कन्हैयालाल के हमनाम राजस्थानी साहित्यकार कन्हैयालाल सेठिया की साहित्य अकादमी पुरस्कृत रचना "लीलटांस" से प्रेरित होकर इस ऑपरेशन का नाम रखा गया। लीलटांस पक्षी की तरह, जिसकी गर्दन विष के प्रभाव से नीली होती है और जो कभी जमीन पर पैर नहीं रखता, कन्हैयालाल भी अपने सपनों में उड़ता था और समाज में जहर फैलाता था।
साइक्लोनर टीम:
इस ऑपरेशन में उपनिरीक्षक कन्हैयालाल, नेमाराम, प्रमीत चौहान, देवाराम विश्नोई, हेड कांस्टेबल गजराज सिंह, महेंद्र कुमार, महिपाल सिंह, कांस्टेबल अशोक कुमार, राकेश, मनीष परमार, अशोक परिहार, मांगीलाल, भागीरथ शामिल थे। कांस्टेबल मांगीलाल की विशेष भूमिका रही, जिन्होंने कन्हैयालाल को भागते समय पकड़ा। एक आम नागरिक के सहयोग को भी सराहा गया, जिसे विशेष समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
शाबाशी और अपील:
पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने साइक्लोनर टीम को बधाई दी और कहा कि सभी सदस्यों को जोधपुर रेंज कार्यालय में सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने आमजन से अपील की कि अपराधियों से संबंधित कोई भी सूचना रेंज पुलिस नियंत्रण कक्ष (संजय) नंबर 0291-2650811 या व्हाट्सएप नंबर 9530441828 पर दें। सूचना देने वाले की गोपनीयता का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
साइक्लोनर टीम की यह कार्रवाई साफ संदेश देती है कि चाहे अपराधी कितना भी शातिर हो, कितने ही सालों तक छिपे, साइक्लोनर की नजर से बच नहीं सकता। यह टीम बिल में छिपे हर अपराधी को बाहर निकालकर समाज को सुरक्षित बनाने के लिए कटिबद्ध है।