नशे का रिंग मास्टर , साइक्लोनर के जाल में फंसा 35 हजार का इनामी तस्कर...
साइक्लोनर टीम ने ऑपरेशन ड्रगमग के तहत सूरत में 35 हजार रुपये के इनामी तस्कर मगाराम को गिरफ्तार किया। मगाराम, राजस्थान और मध्यप्रदेश में डोडा पोस्त की तस्करी का सरगना, गायों के चारे की आड़ में ट्रक खलासी बनकर छिपा था। उसका आपराधिक करियर गेहूं घोटाले से शुरू हुआ और वह नशे के धंधे का रिंग मास्टर बना। आठ बेटियों के बाद माता का उपासक बनने का दावा करने वाला मगाराम पुलिस को कई बार चकमा दे चुका था, लेकिन साइक्लोनर ने सातवें प्रयास में उसे धर दबोचा

जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम ने एक बार फिर अपनी तेज-तर्रार कार्रवाई से मादक द्रव्यों के अवैध कारोबार को जोरदार झटका दिया है। ऑपरेशन ड्रगमग के तहत राजस्थान और मध्यप्रदेश में नशे का जाल बिछाने वाले कुख्यात तस्कर मगाराम पुत्र खेताराम को सूरत में गिरफ्तार किया गया। 44 वर्षीय मगाराम, बाड़मेर के शिवपुरा नेहरों का बास का निवासी, नशे की दुनिया का 'रिंग मास्टर' बन चुका था, जिसके खिलाफ दोनों राज्यों में आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। इस बार पुलिस ने 35 हजार रुपये के इनामी अपराधी को गायों के चारे की आड़ में ट्रक के खलासी बनकर पकड़ा, जिससे उसका नशे का साम्राज्य डगमग हो गया।
अपराध की शुरुआत: गेहूं घोटाले से नशे के धंधे तक
मगाराम का आपराधिक सफर जोधपुर में रसद विभाग के लिए ट्रक ड्राइवर के रूप में शुरू हुआ। सरकारी गेहूं की सप्लाई के दौरान उसने गेहूं बेचने और मिलावट के धंधे में कदम रखा। इस दौरान वह पहली बार पुलिस के हत्थे चढ़ा और दो दिन जेल में रहा। जमानत के बाद उसने गांव में पिक-अप चलाना शुरू किया, लेकिन आठ बेटियों और बड़े परिवार के खर्च ने उसे आर्थिक तंगी में धकेल दिया। तभी उसका दोस्त श्रीराम उर्फ संजय ढाका उसके लिए 'नशे का रास्ता' लेकर आया। मगाराम ने छोटे स्तर पर डोडा पोस्त की तस्करी शुरू की और धीरे-धीरे नीमच-बाड़मेर के पारंपरिक नशा मार्ग का महारथी बन गया।
नशे का रिंग मास्टर: मध्यप्रदेश से मारवाड़ तक जाल
मगाराम ने श्रीराम के साथ मिलकर मादक द्रव्यों की तस्करी को बड़े पैमाने पर अंजाम देना शुरू किया। महीने में चार से पांच बार वह नशे की बड़ी खेप मारवाड़ तक पहुंचाता। उसका धंधा इतना चमका कि वह रातोंरात पैसों का ख्वाब देखने लगा। हालांकि, 2018 में मध्यप्रदेश पुलिस ने उसे दो क्विंटल डोडा पोस्त के साथ पकड़ा और वह एक साल तक जेल में रहा। जेल से छूटने के बाद उसने फिर से श्रीराम के साथ अवैध धंधा शुरू किया। 2019 में पचपदरा थाने में छह क्विंटल डोडा पोस्त और अवैध हथियार के साथ उसकी गाड़ी पकड़ी गई, लेकिन वह मौके से भाग निकला। बाद में श्रीराम की गिरफ्तारी में मगाराम का नाम सामने आया, जिसके बाद वह वांछित हो गया। 2023 में भी वह स्कॉर्पियो गाड़ी से डोडा पोस्त की तस्करी करते हुए आर.जी.टी. थाने में पकड़ा गया, लेकिन जमानत पर छूट गया।माता का उपासक, पर धंधा वही पुराना
आठ बेटियों के बाद मगाराम ने दत्तात्रेय धाम के महंत के कहने पर माता की उपासना शुरू की और पुत्र की कामना मांगी। उसे एक बेटा हुआ, जिसके बाद उसने दिखावे के लिए ट्रक ड्राइविंग का पेशा अपनाया और तस्करी से तौबा करने का दावा किया। लेकिन हकीकत में वह पर्दे के पीछे नशे के धंधे का सरगना बना रहा। पुलिस ने कई बार उसके घर दबिश दी, लेकिन ट्रक ड्राइवर होने की आड़ में वह मुश्किल से घर आता था, जिससे उसकी गिरफ्तारी टलती रही। आखिरकार, जोधपुर रेंज कार्यालय ने उस पर 35 हजार रुपये का इनाम घोषित किया।
साइक्लोनर का जाल: चाय की चुस्की लेते पकड़ा गया
साइक्लोनर टीम ने ऑपरेशन ड्रगमग के तहत मगाराम को पकड़ने के लिए कड़ा जाल बिछाया। सूचना मिली कि वह सूरत में गायों के चारे की आड़ में तस्करी कर रहा है। टीम ने ट्रक के खलासी बनकर उसे सूरत में एक होटल के पास चाय पीते वक्त धर दबोचा। मगाराम ने मोबाइल और वाहन का इस्तेमाल कम कर रखा था, जिससे उसका पीछा करना मुश्किल था। लेकिन साइक्लोनर टीम ने मुखबिरों के जाल और तकनीकी जानकारी के आधार पर उसे मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र सीमा पर पकड़ लिया।
पुलिस महानिरीक्षक का बयान
पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि मगाराम राजस्थान और मध्यप्रदेश में नशे की तस्करी का बड़ा खिलाड़ी था। साइक्लोनर टीम ने छह साल से फरार इस अपराधी को पकड़ने के लिए सातवें प्रयास में सफलता हासिल की। इससे पहले छह बार वह पुलिस को चकमा दे चुका था। मगाराम के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, और उसकी गिरफ्तारी से नशे के नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिलेगी।
नशे के खिलाफ साइक्लोनर की जंग
यह कार्रवाई नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन ड्रगमग का हिस्सा है। साइक्लोनर टीम ने मगाराम जैसे तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए दिन-रात मेहनत की। इस गिरफ्तारी से न केवल एक कुख्यात अपराधी पकड़ा गया, बल्कि नशे की सप्लाई चेन को भी बड़ा झटका लगा है। पुलिस अब मगाराम से पूछताछ कर उसके नेटवर्क के अन्य लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
यह कार्रवाई नशे के खिलाफ पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, और मगाराम जैसे अपराधियों के लिए साफ संदेश है कि कानून का शिकंजा उन तक जरूर पहुंचेगा।