गोकर्ण की खतरनाक गुफा में दो बेटियों के साथ रह रही थी रूसी महिला....

कर्नाटक के गोकर्ण में 9 जुलाई 2025 को रामतीर्थ पहाड़ी के जंगलों में एक खतरनाक गुफा से रूसी महिला नीना कुटीना उर्फ मोही (40) और उनकी दो छोटी बेटियों, प्रेया (6.5 वर्ष) और अमा (4 वर्ष), को पुलिस ने बचाया। नीना बिजनेस वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद 8 साल से अवैध रूप से भारत में रह रही थी और आध्यात्मिक साधना के लिए गुफा में रह रही थी। गुफा भूस्खलन और जहरीले जीवों से घिरी थी, जिसके बाद पुलिस ने परिवार को सुरक्षित निकालकर कुमटा के एक आश्रम में भेजा। अब उन्हें रूस वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

Jul 13, 2025 - 14:07
गोकर्ण की खतरनाक गुफा में दो बेटियों के साथ रह रही थी रूसी महिला....

कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के गोकर्ण में रामतीर्थ पहाड़ी के घने जंगलों में 9 जुलाई 2025 को एक हैरान करने वाली घटना सामने आई, जब गोकर्ण पुलिस ने एक रूसी महिला और उसकी दो छोटी बेटियों को एक खतरनाक गुफा से सुरक्षित निकाला। इस महिला की पहचान 40 वर्षीय नीना कुटीना उर्फ मोही के रूप में हुई है, जो अपनी 6 वर्ष 7 महीने की बेटी प्रेया (कुछ स्रोतों में प्रेमा) और 4 वर्षीय बेटी अमा के साथ उस गुफा में रह रही थी। यह गुफा भूस्खलन-प्रवण क्षेत्र में स्थित थी, जहाँ जहरीले साँप और जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है। इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन को चौंकाया, बल्कि वीजा नियमों के उल्लंघन और बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल भी खड़े किए

घटना का खुलासा:

9 जुलाई 2025 की शाम करीब 5 बजे, गोकर्ण पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर श्रीधर एस.आर. और उनकी टीम पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रामतीर्थ पहाड़ी क्षेत्र में नियमित गश्त पर थी। गश्त के दौरान, पुलिस को गुफा के पास कुछ हलचल दिखाई दी। कुछ स्रोतों के अनुसार, गुफा के बाहर कपड़े सूखते हुए देखे गए, जिसने पुलिस का ध्यान आकर्षित किया। जब पुलिस ने गुफा की तलाशी ली, तो उन्हें नीना कुटीना उर्फ मोही अपनी दो नाबालिग बेटियों के साथ एक अस्थायी आश्रय में रहते हुए मिलीं। यह गुफा रामतीर्थ पहाड़ी के दुर्गम और खतरनाक जंगल में स्थित थी

महिला का आध्यात्मिक दावा:

पूछताछ में नीना ने बताया कि वह गोवा से गोकर्ण आई थी, क्योंकि वह हिंदू धर्म और भारतीय आध्यात्मिक परंपराओं से गहरे प्रभावित थी। उसने दावा किया कि वह शहरी जीवन की भागदौड़ से दूर, प्रकृति के बीच ध्यान और प्रार्थना के लिए इस गुफा को अपना ठिकाना बनाया था। कुछ स्रोतों के अनुसार, गुफा में रुद्र की एक छोटी मूर्ति स्थापित थी,

 वीजा उल्लंघन का खुलासा:

शुरुआत में नीना ने अपने पासपोर्ट और वीजा के बारे में जानकारी देने में हिचकिचाहट दिखाई। उसने दावा किया कि उसके दस्तावेज गुफा में कहीं खो गए हैं। लेकिन पुलिस और वन विभाग के संयुक्त तलाशी अभियान में गुफा के आसपास से उसका पासपोर्ट और वीजा बरामद कर लिया गया। जांच में पता चला कि नीना बिजनेस वीजा पर 17 अप्रैल 2017 तक भारत में वैध रूप से थी, लेकिन इसके बाद वह अवैध रूप से देश में रह रही थी। कुछ स्रोतों के अनुसार, वह 2018 में एक एग्जिट परमिट के बाद नेपाल गई थी, लेकिन उसी साल 8 सितंबर को फिर से भारत में प्रवेश कर लिया और तब से गोकर्ण के जंगलों में रह रही थी। 

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया:

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नीना मानसिक रूप से स्थिर लगती है, लेकिन बच्चों के साथ इतने खतरनाक स्थान पर रहना गंभीर चिंता का विषय है। उत्तर कन्नड़ के पुलिस अधीक्षक ने कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि वह और उनके बच्चे जंगल में कैसे जीवित रहे और क्या खाते-पीते थे। शुक्र है कि उनके साथ कोई अनहोनी नहीं हुई।” इस मामले ने वीजा नियमों के उल्लंघन और बच्चों की सुरक्षा से जुड़े कानूनी पहलुओं पर सवाल उठाए हैं। स्थानीय प्रशासन और वन विभाग भी इस घटना से सकते में हैं, क्योंकि यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए असुरक्षित माना जाता है।

 सार्वजनिक और सोशल मीडिया प्रतिक्रिया:

इस घटना ने सोशल मीडिया, विशेष रूप से X पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है। कई यूजर्स ने इसे आध्यात्मिकता और कानून के बीच एक अनोखा मामला बताया, जबकि कुछ ने इसे “जानी दुश्मन” फिल्म की कहानी से जोड़कर मजाक भी किया। लोगों ने नीना के साहस और आध्यात्मिक समर्पण की तारीफ की, लेकिन बच्चों को खतरनाक परिस्थितियों में रखने के लिए उसकी आलोचना भी की।

यह मामला आध्यात्मिकता, सुरक्षा, और कानूनी उल्लंघन का एक अनोखा संगम प्रस्तुत करता है। नीना कुटीना उर्फ मोही की कहानी भारतीय आध्यात्मिकता के प्रति विदेशियों के आकर्षण को दर्शाती है, लेकिन साथ ही यह भी चेतावनी देती है कि बच्चों की सुरक्षा और वीजा नियमों का पालन कितना महत्वपूर्ण है। पुलिस और प्रशासन अब इस परिवार को सुरक्षित उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया में जुटे हैं, और इस घटना ने गोकर्ण जैसे पर्यटक स्थलों में सुरक्षा और निगरानी को और सख्त करने की जरूरत पर बल दिया है।