मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के बाद बाड़मेर के आदर्श स्टेडियम में कचरे का ढेर, नगर परिषद की लापरवाही से खिलाड़ियों का भविष्य खतरे में"

मुख्यमंत्री के प्रोग्राम के बाद स्टेडियम के हालात खराब, खिलाड़ियों का भविष्य अंधकार में

Mar 31, 2025 - 14:18
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के बाद बाड़मेर के आदर्श स्टेडियम में कचरे का ढेर, नगर परिषद की लापरवाही से खिलाड़ियों का भविष्य खतरे में"

रिपोर्टर/राजेंद्र सिंह बाड़मेर: राजस्थान के बाड़मेर जिले के आदर्श स्टेडियम में हाल ही में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का एक भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ था। इस आयोजन के दौरान स्टेडियम में भारी भीड़ और उत्साह देखने को मिला, लेकिन कार्यक्रम खत्म होने के बाद जो नजारा सामने आया, वह किसी के भी दिल को झकझोर देने वाला है। चारों तरफ फैला कचरा, टूटी-फूटी बोतलें, प्लास्टिक के ढेर और जगह-जगह खोदे गए गड्ढे अब इस स्टेडियम की हकीकत बन गए हैं। जहां कभी बच्चे और युवा खिलाड़ी अपने सपनों को पंख देने के लिए दौड़ते थे, वहां अब उन्हें कचरे के ढेर और गड्ढों से जूझना पड़ रहा है।  

स्थानीय खिलाड़ियों का कहना है कि कार्यक्रम के बाद से स्टेडियम की सफाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। एक युवा धावक रमेश ने दुखी मन से बताया, "यहां दौड़ते वक्त पैरों में कचरा अटक जाता है, गड्ढों की वजह से चोट लगने का डर बना रहता है। हमारा स्टेडियम अब खेल का मैदान कम, कचरे का डंपिंग ग्राउंड ज्यादा लगता है।" एक अन्य खिलाड़ी ने कहा कि नगर परिषद की उदासीनता के चलते उनकी मेहनत और सपने दांव पर लग गए हैं।

आदर्श स्टेडियम, जो कभी बाड़मेर के युवाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र था, आज नगर परिषद की लापरवाही का शिकार बन चुका है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इतने बड़े आयोजन के बाद सफाई की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं आया। कचरे के ढेर से उठती बदबू और गड्ढों से भरा मैदान अब खिलाड़ियों के लिए खतरे का सबब बन गया है। एक अभिभावक ने भावुक होते हुए कहा, "हमारे बच्चे यहां अपने भविष्य के लिए मेहनत करते हैं, लेकिन नगर परिषद की यह बेरुखी उनके हौसलों को तोड़ रही है। क्या यही है हमारा विकास?"

नगर परिषद की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन स्थानीय निवासियों और खिलाड़ियों ने प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। सवाल यह है कि क्या बाड़मेर का यह ऐतिहासिक स्टेडियम फिर से अपनी पुरानी रौनक हासिल कर पाएगा, या नगर परिषद की लापरवाही इसे हमेशा के लिए एक बदहाल मैदान में तब्दील कर देगी? खिलाड़ियों के सपनों को बचाने के लिए अब वक्त आ गया है कि जिम्मेदार लोग अपनी नींद से जागें और इस स्टेडियम को उसका हक दिलाएं।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ, पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 से अधिक वर्षों का अनुभव !