रूमा देवी फाउंडेशन की नई पहल,महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए सहायता केंद्र और मोबाइल वैन की नई रोशनी
रूमा देवी फाउंडेशन ने बाड़मेर में महिलाओं और किशोरियों की सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिए एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत बाड़मेर और बालोतरा में दो महिला सहायता केंद्र स्थापित होंगे और एक मोबाइल वैन दूरदराज के गाँवों में जाकर महिलाओं की समस्याएं सुनेगी। यह अभियान मानसिक तनाव, घरेलू हिंसा, और सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से निपटने में मदद करेगा, ताकि महिलाएं आत्मविश्वास के साथ जीवन जी सकें।

बाड़मेर: राष्ट्रपति द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता रूमा देवी ने महिलाओं और किशोरियों के सामने आने वाली चुनौतियों जैसे असुरक्षा, मानसिक दबाव, भटकाव और सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभावों से निपटने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है। इस अभियान के तहत रूमा देवी फाउंडेशन ने बाड़मेर और बालोतरा में दो महिला सहायता केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है। इसके साथ ही, दूरदराज के गाँवों और ढाणियों तक पहुंचने के लिए एक मोबाइल वैन भी शुरू की जाएगी, जो महिलाओं की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान तलाशेगी।
महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल और समाधान की दिशा में कदम
रूमा देवी ने इस पहल की शुरुआत 13 जुलाई, 2025 को बाड़मेर में जागरूक और विशेषज्ञ महिलाओं के साथ संवाद के साथ की। उन्होंने कहा, "आज के समय में अकेलापन, धैर्य की कमी और सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी के कारण कई महिलाएं गलत निर्णय ले लेती हैं, जो आत्महत्या जैसी दुखद घटनाओं को जन्म देता है। इससे न केवल एक व्यक्ति, बल्कि पूरा परिवार प्रभावित होता है। हमारा उद्देश्य है कि हर महिला को सही मार्गदर्शन, सहयोग और सम्मान मिले, ताकि वह अकेलापन महसूस न करे और आत्मविश्वास के साथ जीवन जी सके।"
मोबाइल वैन: दूरदराज की महिलाओं तक पहुंच
इस अभियान का एक प्रमुख हिस्सा है मोबाइल वैन, जो बाड़मेर जिले के सुदूर गाँवों और ढाणियों में जाकर महिलाओं से सीधा संवाद स्थापित करेगी। यह वैन महिलाओं की समस्याओं को सुनने और उनके लिए त्वरित समाधान सुझाने का कार्य करेगी। मानसिक तनाव, घरेलू हिंसा, लैंगिक भेदभाव और अन्य सामाजिक मुद्दों पर परामर्श और सहायता प्रदान की जाएगी। यह पहल उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो शहरों तक पहुंचने में असमर्थ हैं और अपनी समस्याओं को साझा करने के लिए सुरक्षित मंच की तलाश में हैं।
महिला सहायता केंद्र: समस्याओं का जमीनी समाधान
बाड़मेर और बालोतरा में स्थापित होने वाले महिला सहायता केंद्र महिलाओं को एक सुरक्षित स्थान प्रदान करेंगे, जहां वे अपनी समस्याएं खुलकर साझा कर सकेंगी। इन केंद्रों में विभिन्न क्षेत्रों की विशेषज्ञ महिलाएं, जैसे मनोवैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता और कानूनी सलाहकार, उपलब्ध होंगी। ये विशेषज्ञ महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य, घरेलू हिंसा, सामाजिक भेदभाव और अन्य मुद्दों पर परामर्श देंगी। रूमा देवी फाउंडेशन की प्रवक्ता कविता कुमारी ने बताया, "हमारा संस्थान एक सेतु की तरह काम करेगा, जो महिलाओं को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए विशेषज्ञों से जोड़ेगा। हम चाहते हैं कि कोई भी महिला अपनी समस्या से अकेले न जूझे।"
जागरूकता और समन्वय सत्र का आयोजन
इस नई पहल के तहत आयोजित समाधान सत्र में जागरूक महिलाओं और विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। इस सत्र में मानसिक तनाव, घरेलू हिंसा, लैंगिक भेदभाव और सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। महिलाओं ने अपनी समस्याएं साझा कीं और विशेषज्ञों ने इनके समाधान के लिए जमीनी स्तर पर उपाय सुझाए। सत्र में जमनादेवी, लक्ष्मीदेवी, शांतिदेवी, गुमनीदेवी, खेमी, पप्पू, पुष्पा देवी, खेतु प्रजापत, अनीता, गीतादेवी, नीलम, निर्मला, टीबू, सुशीला, जस्सू कवर, प्रकाश कंवर, एवम कंवर, हेमलता, सत्तीदेवी, गुड्डीदेवी, चुकी, पालु, दया, चंद्रा और इंदिरा देवी जैसी कई महिलाएं शामिल हुईं। रूमा देवी फाउंडेशन और ग्रामीण विकास चेतना संस्थान के कार्यकर्ताओं ने भी इस आयोजन में सक्रिय योगदान दिया।
रूमा देवी का प्रेरणादायक सफर
रूमा देवी, जो स्वयं बाड़मेर के एक छोटे से गाँव से हैं, ने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया। मात्र 8वीं तक पढ़ाई करने वाली रूमा ने अपनी मेहनत और दृढ़ निश्चय से न केवल अपनी जिंदगी बदली, बल्कि 75 गाँवों की 22,000 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया। उनकी इस पहल को 2018 में नारी शक्ति पुरस्कार और 2019 में डिज़ाइनर ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया। रूमा अब अपनी इस नई पहल के जरिए महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रही हैं।
सामाजिक बदलाव की दिशा में एक कदम
रूमा देवी फाउंडेशन की यह पहल न केवल महिलाओं को उनकी समस्याओं से निपटने में मदद करेगी, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की राह पर ले जाएगी। यह अभियान समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह, रूमा देवी फाउंडेशन का यह अभियान नारी सशक्तिकरण और सुरक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख रहा है, जो बाड़मेर की महिलाओं के लिए नई उम्मीद और संभावनाएं लेकर आया है।