18 दिनों में पांच प्रेम विवाह: सामाजिक मान्यताओं को चुनौती दे रही अनोखी कहानियां
प्रेम विवाह के बढ़ते मामलों ने सामाजिक मान्यताओं को चुनौती दी, जहां रिश्तों की मर्यादा टूट रही है और ग्रामीण पंचायतों में शादियां करवाई जा रही हैं।

जमुई जिले में प्रेम विवाह के बढ़ते मामलों ने सामाजिक ढांचे और परंपरागत सोच को नई चुनौती देना शुरू कर दिया है। बीते 18 दिनों में जिले में पांच प्रेम विवाह के मामले सामने आए हैं, जो रिश्तों की मर्यादा, उम्र की सीमा और सामाजिक ताने-बाने को तोड़ते नजर आ रहे हैं। ये घटनाएं न केवल स्थानीय समाज में चर्चा का विषय बनी हैं, बल्कि प्रेम और विवाह को लेकर नई सोच को भी उजागर कर रही हैं।
रेलवे स्टेशन पर हंगामे के बाद शादी
ताजा मामला मंगलवार रात जमुई रेलवे स्टेशन पर सामने आया, जहां प्रेमी युगल सचिन कुमार और संगीता कुमारी के बीच हुए विवाद ने सबका ध्यान खींचा। बरहट प्रखंड के कोयबा गांव के सचिन और जावातरी गांव की संगीता लंबे समय से प्रेम संबंध में थे। संगीता ने आरोप लगाया कि सचिन ने दो साल तक शादी का वादा करके उसका यौन शोषण किया और बाद में शादी से मुकर गया। जब सचिन स्टेशन पर भागने की कोशिश में था, तब संगीता ने उसका पीछा किया।
प्लेटफॉर्म नंबर एक पर दोनों के बीच हुए शोरगुल ने जीआरपी का ध्यान आकर्षित किया। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की और परिजनों को सूचित किया। इसके बाद, जखराज स्थान पर ग्रामीणों और परिवार वालों की मौजूदगी में मोबाइल की रोशनी में दोनों की शादी करवा दी गई। शादी के बाद सचिन और संगीता ने एक-दूसरे को पति-पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
प्रेम विवाह की अनोखी श्रृंखला
यह सिलसिला 20 जून से शुरू हुआ, जब टाउन थाना क्षेत्र में एक चाची और भतीजे के प्रेम विवाह ने सबको चौंका दिया। इस घटना ने जैसे प्रेमी जोड़ों का हौसला बढ़ाया। 26 जून को एक और ऐसा ही मामला सामने आया, जिसने सामाजिक मान्यताओं पर सवाल उठाए।
दो जुलाई को गिद्धौर थाना क्षेत्र के गूगुलडीह गांव में एक शादीशुदा युवक को छह बच्चों की मां से जबरन शादी करनी पड़ी। महिला का कहना था कि युवक उसके पति का दोस्त था और मदद के बहाने उनके बीच प्रेम पनप गया। इसके बाद, तीन जुलाई को खैरा थाना क्षेत्र में एक महिला ने अपने शराबी और हिंसक पति को छोड़कर अपने से पांच साल छोटे प्रेमी से शादी रचाई।
सामाजिक स्वीकार्यता और चुनौतियां
इन घटनाओं में एक बात स्पष्ट है कि ग्रामीण अब पंचायत या थाने के बाहर प्रेमी जोड़ों की शादी करवाकर उन्हें सामाजिक स्वीकार्यता देने की कोशिश कर रहे हैं। यह न केवल प्रेमी जोड़ों को नया जीवन दे रहा है, बल्कि परंपरागत विवाह और रिश्तों की मान्यताओं को भी चुनौती दे रहा है।