जयपुर-कोटा में आयकर विभाग का बड़ा धावा: रियल एस्टेट और पान मसाला कारोबारियों के 18 ठिकानों पर छापेमारी.
जयपुर और कोटा में आयकर विभाग ने रियल एस्टेट और पान मसाला कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई की। हाई फ्लाई रियल एस्टेट, सिद्धेश्वर गम्स (सिग्नेचर पान मसाला), और गोकुल कृपा ग्रुप (बीआरबी डेवलपर्स) के 18 ठिकानों पर छापेमारी हुई। टैक्स चोरी, नकद लेनदेन और अघोषित संपत्तियों के आरोपों के तहत यह कार्रवाई शुरू की गई। जांच में भारी मात्रा में काले धन और फर्जी दस्तावेजों का खुलासा होने की संभावना है।

जयपुर और कोटा में, 2 सितंबर 2025 को आयकर विभाग ने एक सनसनीखेज कार्रवाई को अंजाम दिया। रियल एस्टेट और पान मसाला व्यवसाय से जुड़े 18 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई, जिसने राजस्थान के कारोबारी जगत में हड़कंप मचा दिया। यह कार्रवाई सुबह करीब 6:30 बजे शुरू हुई और देर रात तक जारी रही। आयकर विभाग की करीब 150 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसका मकसद टैक्स चोरी, बड़े पैमाने पर नकद लेनदेन और अघोषित आय के नेटवर्क को उजागर करना है।
किन-किन समूहों पर गिरी गाज?
आयकर विभाग ने तीन प्रमुख व्यावसायिक समूहों को निशाना बनाया, जिनके खिलाफ लंबे समय से अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं। ये समूह हैं:
हाई फ्लाई रियल एस्टेट ग्रुप (जयपुर)
जयपुर के इस रियल एस्टेट समूह के 8 ठिकानों पर आयकर विभाग की टीमें पहुंचीं। यह ग्रुप प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री में भारी मात्रा में नकद लेनदेन और काले धन के उपयोग के लिए संदेह के घेरे में है। सूत्रों के मुताबिक, इस ग्रुप ने कई संपत्तियों को बेनामी सौदों के जरिए खरीदा और बेचा, जिससे टैक्स चोरी की संभावना बढ़ी। विभाग की टीमें इसके कार्यालयों, गोदामों और संबंधित परिसरों में दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड की गहन जांच कर रही हैं।
सिद्धेश्वर गम्स (सिग्नेचर पान मसाला, कोटा)
कोटा के पान मसाला उद्योग से जुड़ी इस कंपनी के 3 ठिकानों पर छापेमारी की गई। आयकर विभाग को इस कंपनी के वित्तीय लेनदेन और टैक्स रिकॉर्ड में अनियमितताओं की जानकारी मिली थी। यह माना जा रहा है कि कंपनी ने बिना बिलिंग के माल की आपूर्ति और अघोषित आय को छिपाने की कोशिश की। जांच टीमें इसके कोटा स्थित कार्यालयों और गोदामों में मौजूद रिकॉर्ड्स की पड़ताल कर रही हैं।
गोकुल कृपा ग्रुप (बीआरबी डेवलपर्स, जयपुर)
जयपुर के इस रियल एस्टेट समूह के 6 ठिकानों पर भी आयकर विभाग ने दबिश दी। यह ग्रुप भी प्रॉपर्टी डीलिंग में बड़े पैमाने पर नकद लेनदेन और टैक्स चोरी के लिए जांच के दायरे में है। सूत्रों के अनुसार, इस ग्रुप ने कई संपत्तियों को बाजार मूल्य से कम दिखाकर काले धन का उपयोग किया।
इसके अलावा, कोटा में आर्किटेक्ट आरके गुप्ता के घर और उनकी कंपनी प्राइम आर्ट आर्किटेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय पर भी छापेमारी की गई। गुप्ता का जयपुर में भी एक कार्यालय है, जहां वे कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं, जिनमें से कई पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू हुए थे।
छापेमारी का कारण क्या?
आयकर विभाग ने यह कार्रवाई गुप्त सूचनाओं और लंबी निगरानी के बाद शुरू की। सूत्रों के मुताबिक, इन समूहों पर निम्नलिखित आरोप हैं:
बड़े पैमाने पर नकद लेनदेन: रियल एस्टेट सेक्टर में प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री में नकदी का उपयोग कर टैक्स चोरी की गई। कई सौदों में संपत्तियों का मूल्य कम दिखाया गया, जबकि असल में भारी मात्रा में नकद लेनदेन हुआ।
अघोषित आय और बेनामी संपत्ति: इन समूहों ने कथित तौर पर अघोषित आय को रियल एस्टेट और अन्य क्षेत्रों में निवेश किया, जिससे बेनामी संपत्तियों का जाल बिछाया गया।
फर्जी दस्तावेज और बोगस कंपनियां: कुछ समूहों पर फर्जी फर्मों के जरिए वित्तीय हेरफेर और टैक्स चोरी का आरोप है।
पान मसाला उद्योग में अनियमितताएं: सिद्धेश्वर गम्स जैसी कंपनियों पर बिना बिलिंग के माल की आपूर्ति और टैक्स रिकॉर्ड में हेरफेर के आरोप हैं।
विभाग को शक है कि इन समूहों ने जटिल वित्तीय लेयरिंग के जरिए काले धन को वैध बनाने की कोशिश की। इस कार्रवाई से भारी मात्रा में नकदी, बेनामी संपत्तियां, और फर्जी दस्तावेजों के उजागर होने की संभावना है।
क्या हो रहा है जांच में?
आयकर विभाग की टीमें सभी 18 ठिकानों पर दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड, और कंप्यूटर डेटा की गहन जांच कर रही हैं। कई जगहों पर स्थानीय पुलिस भी मौजूद रही ताकि छापेमारी के दौरान किसी तरह का व्यवधान न हो। अधिकारियों को उम्मीद है कि इस कार्रवाई से टैक्स चोरी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश होगा। कुछ सूत्रों का कहना है कि जांच में अरबों रुपये की अघोषित संपत्तियों और नकदी का खुलासा हो सकता है।
आगे क्या होगा?
आयकर विभाग जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड के आधार पर विस्तृत जांच करेगा। अगर टैक्स चोरी और काले धन के उपयोग के आरोप सही पाए जाते हैं, तो इन समूहों और उनके मालिकों के खिलाफ निम्नलिखित कार्रवाइयां हो सकती हैं:
आर्थिक दंड: टैक्स चोरी की राशि पर भारी जुर्माना और ब्याज वसूला जा सकता है।
संपत्ति जब्ती: बेनामी संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई हो सकती है।
कानूनी कार्रवाई: आयकर अधिनियम के तहत आपराधिक मामले दर्ज किए जा सकते हैं।
जेल की सजा: गंभीर मामलों में कारोबारियों को गिरफ्तार किया जा सकता है।
कारोबारी जगत में खलबलीइस छापेमारी ने जयपुर और कोटा के रियल एस्टेट और पान मसाला कारोबारियों में खलबली मचा दी है। कई कारोबारी इस कार्रवाई को आयकर विभाग की सख्ती के तौर पर देख रहे हैं। यह कार्रवाई राजस्थान में हाल के महीनों में हुई कई अन्य छापेमारियों की कड़ी का हिस्सा है, जिसमें ट्रांसपोर्ट, ज्वैलरी, और अन्य क्षेत्रों के कारोबारी भी निशाने पर आए हैं।आयकर विभाग ने इस कार्रवाई पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि यह जांच कई दिनों तक चल सकती है, और इसके बाद बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं।