GST काउंसिल की दो दिवसीय बैठक कल से: निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में सुधारों का रोडमैप
जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक कल से शुरू होगी, जिसमें निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी सुधारों का रोडमैप तैयार होगा। जीएसटी संग्रह 6.5% बढ़कर 1.86 लाख करोड़ रुपये पहुंचा, जिसमें घरेलू खपत और बड़े राज्यों का योगदान प्रमुख रहा।

भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूती देने के लिए जीएसटी काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक कल से शुरू होने जा रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली इस दो दिवसीय बैठक में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) सुधारों का रोडमैप तैयार किया जाएगा। इस बैठक में नई स्लैब संरचना और टैक्स दरों में बदलाव जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है, जो उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए बड़े बदलाव ला सकते हैं।
जीएसटी संग्रह में शानदार वृद्धि
हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, जीएसटी संग्रह में 6.5% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। अगस्त 2025 में जीएसटी संग्रह 1.86 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण घरेलू बाजार में खपत में वृद्धि रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि उपभोक्ता मांग में तेजी और व्यापारिक गतिविधियों में सुधार ने इस वृद्धि को संभव बनाया है।
घरेलू व्यापार से बढ़ी सरकारी आय
घरेलू व्यापार से प्राप्त सरकारी आय में भी शानदार उछाल देखा गया है। अगस्त 2025 में घरेलू व्यापार से कुल 1.37 लाख करोड़ रुपये की आय हुई, जो पिछले साल अगस्त की तुलना में 9.6% अधिक है। इस वृद्धि में बड़े राज्यों जैसे महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन राज्यों ने देश के कुल जीएसटी संग्रह में एक तिहाई से अधिक का योगदान दिया। खास तौर पर कर्नाटक ने 12% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की, जबकि 17 राज्यों ने 10% से अधिक की ग्रोथ हासिल की।
टैक्स दरों में कटौती की संभावना
जीएसटी काउंसिल की बैठक में 170 से अधिक उत्पादों पर टैक्स दरों में 10% तक की कटौती की संभावना जताई जा रही है। यह कदम उपभोक्ता खपत को और बढ़ावा देने के लिए उठाया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि टैक्स दरों में कमी से आम जनता को राहत मिलेगी और बाजार में मांग और बढ़ सकती है।
राज्यों की भूमिका और भविष्य की योजनाएं
महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्यों ने जीएसटी संग्रह में अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखी है। इन राज्यों की आर्थिक गतिविधियों और औद्योगिक विकास ने जीएसटी संग्रह को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। काउंसिल की बैठक में इन राज्यों के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए जीएसटी ढांचे को और सरल बनाने पर जोर दिया जाएगा।
उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए उम्मीदें
इस बैठक से उपभोक्ताओं और व्यवसायों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। नई स्लैब संरचना और टैक्स कटौती से जहां उपभोक्ताओं को सस्ते उत्पाद मिल सकते हैं, वहीं व्यवसायों को व्यापार करने में आसानी होगी। साथ ही, जीएसटी प्रणाली को और पारदर्शी बनाने के लिए तकनीकी सुधारों पर भी चर्चा होने की संभावना है।