तालाब की पाल टूटी, सैकड़ों घरों में भरा पानी प्रशासन ने शुरू किया राहत कार्य

बोराज तालाब की पाल टूटने से स्वास्तिक नगर सहित कई कॉलोनियों में पानी घुसा, सैकड़ों घरों को नुकसान हुआ। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर मुआवजे के लिए सर्वे शुरू किया।

Sep 5, 2025 - 13:59
तालाब की पाल टूटी, सैकड़ों घरों में भरा पानी प्रशासन ने शुरू किया राहत कार्य

गुरुवार की देर रात अजमेर के बोराज तालाब की पाल टूटने से शहर के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। रात करीब सवा 11 बजे हुए इस हादसे ने स्वास्तिक नगर, भारत नगर, रावत नगर, ज्योति नगर, एसएस कॉलोनी और फायसागर रोड के आसपास के क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया। करीब एक हजार घरों में पानी घुस गया, जिससे लोगों को अपनी जान बचाने के लिए छतों पर शरण लेनी पड़ी। तेज बहाव के कारण कई मकानों को नुकसान पहुंचा, दीवारें ढह गईं और लोगों का सामान बर्बाद हो गया।

घरों में मलबा, सामान खराब

बाढ़ का पानी घरों में घुसने के साथ मिट्टी और मलबा भी बहकर आया, जिसने हालात को और बदतर कर दिया। स्वास्तिक नगर के निवासियों ने बताया कि उनके घरों में रखा खाने-पीने का सामान, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और अन्य जरूरी चीजें पूरी तरह खराब हो गईं। कई गाड़ियां मलबे में दब गईं, और कुछ मकानों की नींव तक कमजोर हो गई। सुबह पानी उतरने के बाद लोग अपने घरों की सफाई में जुट गए, लेकिन नुकसान का दर्द साफ दिख रहा था।

प्रशासन का राहत कार्य शुरू

हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, नगर निगम और अजमेर विकास प्राधिकरण (एडीए) की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत कार्य शुरू किया। ट्रैक्टरों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। जिला कलेक्टर लोक बंधु ने स्थिति का जायजा लिया और बताया कि कोई जनहानि नहीं हुई है। उन्होंने कहा, "स्थिति नियंत्रण में है। नुकसान का आकलन करने के लिए टीमें गठित की गई हैं, और नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।"

स्वास्तिक नगर में लोगों का गुस्सा, सड़क जाम

गुरुवार सुबह स्वास्तिक नगर के लोग अपने घरों को हुए नुकसान से गुस्साए थे। उन्होंने मुआवजे की मांग को लेकर वरुण सागर रोड (फायसागर) को जाम कर दिया। करीब डेढ़ घंटे तक चले इस प्रदर्शन के दौरान महिलाएं और युवा सड़क पर उतर आए। एसडीएम गरिमा नरूला और एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की। प्रशासन ने आश्वासन दिया कि नुकसान का सर्वे जल्द पूरा कर मुआवजा दिलाया जाएगा। इसके बाद सुबह साढ़े दस बजे जाम हटा लिया गया।

पहले से थी पाल टूटने की आशंका

बताया जा रहा है कि तालाब की पाल में मिट्टी के कटाव के कारण पहले से ही खतरे की आशंका थी। प्रशासन ने गुरुवार दिन में ही स्वास्तिक नगर के करीब 80 मकानों को खाली करा लिया था। सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई थीं, और सरकारी स्कूल में अस्थायी आश्रय स्थल बनाया गया। प्रभावित परिवारों को वहां ठहरने की व्यवस्था की गई।

मडपंप से निकाला जा रहा पानी

स्वास्तिक नगर में अभी भी कई जगहों पर पानी भरा हुआ है। नगर निगम और एडीए की टीमें चार मडपंप लगाकर पानी निकाल रही हैं। हाथीखेड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच लालसिंह रावत ने बताया, "स्थिति अब नियंत्रण में है। टीमें लगातार काम कर रही हैं, और जल्द ही हालात सामान्य हो जाएंगे।" अनुमान है कि इस हादसे से करीब 300 घर प्रभावित हुए हैं, जिनमें से कई मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है।

मुआवजे के लिए सर्वे शुरू

प्रशासन ने नुकसान का आकलन करने के लिए 3-4 टीमें गठित की हैं, जो प्रभावित इलाकों में सर्वे कर रही हैं। एसडीएम गरिमा नरूला खुद लोगों के साथ घरों का निरीक्षण कर रही हैं। जिला कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि एक ही दिन में सर्वे पूरा कर लिया जाएगा, और प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।

इस हादसे ने अजमेर के लोगों को गहरे सदमे में डाल दिया है। घरों में बर्बाद हुआ सामान, ढहती दीवारें और मलबे से भरे कमरे उनकी मुश्किलें बयां कर रहे हैं। प्रशासन के सामने चुनौती है कि वह जल्द से जल्द राहत कार्य पूरा करे और लोगों को मुआवजा दिलाकर उनका भरोसा जीते। फिलहाल, प्रभावित इलाकों में सफाई और मरम्मत का काम जोरों पर है, और लोग अपने घरों को फिर से बसाने की कोशिश में जुटे हैं।

Yashaswani Journalist at The Khatak .