जीएसटी में बड़ा बदलाव: अब सिर्फ 5% और 18% के दो स्लैब, रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती

जीएसटी के चार स्लैब अब सिर्फ 5% और 18% होंगे, जिससे रोजमर्रा की चीजें, दवाएं, और सेवाएं सस्ती होंगी, जबकि लग्जरी और तंबाकू उत्पादों पर 40% टैक्स लगेगा। नए नियम 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे।

Sep 4, 2025 - 12:27
जीएसटी में बड़ा बदलाव: अब सिर्फ 5% और 18% के दो स्लैब, रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती

3 सितंबर 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक के बाद ऐलान किया कि जीएसटी के मौजूदा चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर अब सिर्फ दो स्लैब - 5% और 18% - कर दिया गया है। यह नया टैक्स ढांचा नवरात्रि के पहले दिन, यानी 22 सितंबर 2025 से लागू होगा। इस बदलाव का मकसद आम लोगों को राहत देना, छोटे व्यवसायों को सपोर्ट करना और हानिकारक उत्पादों जैसे तंबाकू पर टैक्स बढ़ाकर उनके उपयोग को कम करना है।

रोजमर्रा की चीजें और सेवाएं अब सस्ती

खाने-पीने की चीजों पर जीरो टैक्स

वित्त मंत्री ने बताया कि दूध, रोटी, पराठा, छेना, पनीर, UHT दूध जैसी जरूरी खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी पूरी तरह हटा दिया गया है। अब इन पर 0% टैक्स लगेगा, जिससे ये चीजें और सस्ती हो जाएंगी। इसके अलावा, 33 जीवन रक्षक दवाएं, खासकर कैंसर और दुर्लभ बीमारियों की दवाएं भी टैक्स-फ्री होंगी।

स्वास्थ्य और सौंदर्य सेवाओं पर टैक्स में कटौती

जिम, सैलून, नाई की दुकान, योग सेंटर जैसी सौंदर्य और सेहत से जुड़ी सेवाओं पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे आम आदमी के लिए ये सेवाएं किफायती होंगी। साथ ही, व्यक्तिगत हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर भी टैक्स हटा दिया गया है, जिससे बीमा लेना सस्ता होगा और ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकेंगे।

घर और गाड़ियां बनेंगी किफायती

सीमेंट पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है, जिससे घर बनाने या मरम्मत का खर्च कम होगा। छोटी कारें, 350cc तक की मोटरसाइकिलें, ऑटो पार्ट्स और थ्री-व्हीलर पर भी टैक्स 28% से 18% हुआ है। टीवी, एयर कंडीशनर जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान भी अब 18% टैक्स स्लैब में आएंगे, जिससे ये सस्ते होंगे।

होटल बुकिंग पर राहत

होटल के कमरों की बुकिंग पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है, बशर्ते कमरे का किराया प्रति दिन 7500 रुपये या उससे कम हो। इससे पर्यटन और यात्रा करना और किफायती होगा।

लग्जरी और हानिकारक उत्पादों पर ज्यादा टैक्स

40% का नया स्लैब

लग्जरी आइटम्स, तंबाकू, पान मसाला, कार्बोनेटेड ड्रिंक, मध्यम और बड़ी कारें, 350cc से ज्यादा इंजन वाली मोटरसाइकिलें, याट, और व्यक्तिगत उपयोग के विमानों पर अब 40% की विशेष जीएसटी दर लागू होगी। हालांकि, तंबाकू उत्पादों पर यह दर तभी लागू होगी, जब मौजूदा उपकर (कंपन्सेशन सेस) का सारा कर्ज चुक जाएगा। अभी तंबाकू, गुटखा, सिगरेट, बीड़ी पर 28% जीएसटी के साथ 5% से 290% तक का उपकर लागू है।

कैसिनो और आईपीएल जैसे इवेंट्स पर भारी टैक्स

कैसिनो, रेस क्लब, और खेल आयोजनों जैसे आईपीएल में एंट्री पर जीएसटी 28% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है। इससे सरकार हानिकारक गतिविधियों को हतोत्साहित करने और राजस्व बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

जीएसटी 2.0: टैक्स ढांचा होगा सरल

इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में सुधार

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी 2.0 का उद्देश्य टैक्स ढांचे को सरल बनाना और इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को ठीक करना है। इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर तब होता है, जब कच्चे माल पर टैक्स तैयार उत्पाद से ज्यादा होता है, जिससे उत्पादन महंगा पड़ता है। नए स्लैब इस समस्या को हल करेंगे और छोटे उद्योगों को बढ़ावा देंगे।

राजस्व पर असर, लेकिन लंबे समय में फायदा

एसबीआई रिसर्च के मुताबिक, टैक्स कम करने से सरकार को सालाना 85,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है। लेकिन सीतारमण का कहना है कि खपत बढ़ने और टैक्स चोरी रोकने से लंबे समय में यह नुकसान पूरा हो जाएगा। लग्जरी और सिन गुड्स पर 40% टैक्स से भी राजस्व में इजाफा होगा।

पीएम मोदी ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर लिखा, "जीएसटी काउंसिल द्वारा नए सुधारों को मंजूरी मिलने से मैं खुश हूं। ये बदलाव आम जनता, किसानों, MSME, मध्यम वर्ग, महिलाओं और युवाओं के लिए फायदेमंद होंगे। टैक्स कम होने से रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी और छोटे व्यवसायों को सपोर्ट मिलेगा। यह कदम हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।"

जीएसटी का इतिहास और महत्व

1 जुलाई 2017 को लागू हुआ जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर है, जिसने VAT, सर्विस टैक्स, एक्साइज ड्यूटी जैसे 17 करों और 13 उपकरों को हटाकर टैक्स सिस्टम को सरल किया। इसमें CGST (केंद्र सरकार), SGST (राज्य सरकार), और IGST (अंतरराज्यीय लेनदेन) शामिल हैं। उपकर कुछ खास वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क के रूप में लगाया जाता है। सात साल बाद, जीएसटी 2.0 के तहत ये नए बदलाव आम आदमी और व्यवसायों के लिए एक नई शुरुआत हैं।

नए जीएसटी स्लैब 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे, लेकिन तंबाकू उत्पादों पर 40% टैक्स की तारीख बाद में तय होगी। यह कदम न सिर्फ आम लोगों की जेब को राहत देगा, बल्कि छोटे व्यवसायों और अर्थव्यवस्था को भी नई गति देगा।

Yashaswani Journalist at The Khatak .