मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का सख्त रुख, DCP ईस्ट अमित जैन को APO करने का त्वरित आदेश.
जोधपुर दौरे पर पहुंचे राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सख्ती दिखाते हुए डीसीपी (ईस्ट) अमित जैन को तत्काल प्रभाव से एपीओ करने का आदेश दे दिया। हवाई अड्डे पर मिली शिकायतों के बाद सीएम ने बिना देरी किए यह कड़ा कदम उठाया। जोधपुर में कानून-व्यवस्था को लेकर बढ़ते सवालों और पुलिस की लापरवाही की शिकायतों ने इस कार्रवाई को और महत्वपूर्ण बना दिया। यह पहला मौका है जब किसी सीएम ने इतनी तेजी से कार्रवाई की हो।

जोधपुर, 5 सितंबर 2025: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपने जोधपुर दौरे के दौरान बेहद सख्त नजर आए। गुरुवार को जोधपुर हवाई अड्डे पर पहुंचते ही उन्हें जोधपुर कमिश्नरेट के डीसीपी (ईस्ट) अमित जैन की कार्यशैली को लेकर गंभीर शिकायतें मिलीं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया। परिणामस्वरूप, कुछ ही घंटों में कार्मिक विभाग ने आदेश जारी कर आईपीएस अधिकारी अमित जैन को तत्काल प्रभाव से अवेटिंग पोस्टिंग ऑर्डर (एपीओ) कर दिया। यह संभवतः पहला मौका है जब किसी मुख्यमंत्री ने इतनी तेजी से इस तरह की कार्रवाई की हो।
शिकायतों का आधार और त्वरित कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री को जोधपुर हवाई अड्डे पर पहुंचते ही स्थानीय लोगों और अधिकारियों से डीसीपी अमित जैन की कार्यशैली के खिलाफ शिकायतें प्राप्त हुईं। खास तौर पर, हाल ही में जोधपुर में आईआईटी कैंपस में हुई एक मारपीट की घटना को लेकर पुलिस की कार्रवाई में देरी और लापरवाही की बात सामने आई। इस घटना में सहायक प्रोफेसर की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने में 12 घंटे से अधिक की देरी हुई थी, जिससे स्थानीय स्तर पर असंतोष था।
मुख्यमंत्री ने इस मामले की जानकारी लेते ही पुलिस अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा और उनकी कार्रवाई को अपर्याप्त पाया। इसके अलावा, यह भी बताया जा रहा है कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान जोधपुर में एक हादसे के बाद हुए प्रदर्शन को नियंत्रित करने में पुलिस की नाकामी भी शिकायत का हिस्सा थी। उस दौरान रेजीडेंसी रोड पर एक ट्रक ने बाइक सवार नाबालिग छात्रों को टक्कर मार दी थी, जिसमें एक की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद गुस्साए लोगों ने पांच बत्ती चौराहे पर प्रदर्शन किया और रास्ता जाम कर दिया, जिसे पुलिस समय पर नियंत्रित नहीं कर पाई थी। इस कारण मुख्यमंत्री को वैकल्पिक मार्ग से एयरपोर्ट जाना पड़ा था। इन सभी घटनाओं ने डीसीपी अमित जैन के खिलाफ शिकायतों को और गंभीर कर दिया।
डीसीपी अमित जैन का तबादला इतिहास
आईपीएस अमित जैन का जोधपुर में यह तीसरा तबादला था। उनकी पहली नियुक्ति जोधपुर कमिश्नरेट में डीसीपी (मुख्यालय और यातायात) के रूप में 31 जनवरी 2025 को हुई थी। इसके बाद, 22 मई 2025 को उन्हें बालोतरा का पुलिस अधीक्षक (एसपी) बनाया गया। फिर, 19 जुलाई 2025 को उन्हें दोबारा जोधपुर लाया गया और डीसीपी (ईस्ट) के पद पर नियुक्त किया गया। 23 जुलाई को उन्होंने इस पद का कार्यभार संभाला था, लेकिन महज 44 दिन बाद ही उन्हें एपीओ कर दिया गया। इतने कम समय में बार-बार तबादले और अब एपीओ का आदेश उनके करियर में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री का सख्त रवैया
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस घटना के जरिए एक बार फिर अपनी सख्त प्रशासनिक शैली का परिचय दिया। जोधपुर हवाई अड्डे पर ही उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ त्वरित बैठक की और कानून-व्यवस्था में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त न करने की चेतावनी दी। सूत्रों के मुताबिक, सीएम ने जयपुर में कार्मिक विभाग को फोन कर तत्काल आदेश जारी करने के निर्देश दिए। इस कार्रवाई से यह संदेश साफ है कि मुख्यमंत्री जनता की शिकायतों और प्रशासनिक लापरवाही के प्रति बेहद संवेदनशील हैं।
जोधपुर में कानून-व्यवस्था पर बढ़ता दबाव
जोधपुर में हाल के दिनों में कानून-व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठे हैं। मारपीट, हादसों और प्रदर्शनों जैसे मामलों में पुलिस की प्रतिक्रिया समय पर और प्रभावी नहीं होने की शिकायतें सामने आई हैं। मुख्यमंत्री के इस दौरे से पहले भी जोधपुर में उनके बैनर-पोस्टर हटाए जाने का मामला सुर्खियों में रहा था, जिसे लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने नगर निगम पर आरोप लगाए थे। इन सभी घटनाओं ने जोधपुर प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया है।
आगे क्या?
अमित जैन को एपीओ किए जाने के बाद जोधपुर कमिश्नरेट में डीसीपी (ईस्ट) का पद रिक्त हो गया है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस पद पर नई नियुक्ति की जाएगी। साथ ही, मुख्यमंत्री के इस सख्त रुख के बाद जोधपुर पुलिस और प्रशासन पर कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने का दबाव बढ़ गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कार्रवाई से पुलिस प्रशासन में जवाबदेही बढ़ेगी और जनता की शिकायतों का निस्तारण तेजी से होगा।इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ त्वरित और कठोर कदम उठाने में नहीं हिचकते। यह कार्रवाई न केवल जोधपुर बल्कि पूरे राजस्थान में प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक सख्त संदेश है कि जनता की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए।