डांगरी गांव में किसान की हत्या के बाद तनाव, कर्फ्यू जैसे हालात, पुलिस की कड़ी निगरानी.
जैसलमेर के डांगरी गांव में किसान खेत सिंह की हिरण शिकार को रोकने के कारण हमलावरों द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने गांव में तनाव और कर्फ्यू जैसा माहौल पैदा कर दिया। गुस्साए ग्रामीणों ने एक दुकान में आग लगा दी, जिसके बाद पुलिस ने 400 जवानों को तैनात किया। तीन आरोपी गिरफ्तार, एक फरार। जिला प्रशासन और पुलिस हालात पर नजर रख रहे हैं। परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार तब तक टाल दिया है, जब तक सभी आरोपी पकड़े नहीं जाते। घटना ने सियासी हलचल मचा दी है, और विधानसभा में भी यह मुद्दा उठा।

जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ उपखंड से करीब 70 किलोमीटर दूर डांगरी गांव में किसान खेत सिंह की हत्या के बाद तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। गांव में कर्फ्यू जैसा सन्नाटा पसरा है, और ग्रामीण डर के मारे घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया है, बल्कि क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव को भी बढ़ा दिया है। पुलिस ने हालात को नियंत्रित करने के लिए भारी बल तैनात किया है, और जिला प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है।
हिरण शिकार को रोकने पर हुई हत्या
सुमेलनगर निवासी खेत सिंह अपनी भेड़-बकरियों को चराने का काम करता था। कुछ दिन पहले उसका कुछ शिकारियों से हिरण शिकार को लेकर विवाद हो गया था। खेत सिंह ने शिकारियों को हिरण का शिकार करने से रोका था, जिसके चलते रंजिश पैदा हो गई। मंगलवार-बुधवार की रात, जब खेत सिंह अपने पशुओं के बाड़े के पास सो रहा था, हमलावरों ने स्विफ्ट कार में आकर उस पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। सुबह परिजनों को घटना की जानकारी मिली, और उसे फतेहगढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) ले जाया गया। हालत बिगड़ने पर उसे बाड़मेर के राजकीय अस्पताल रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।मृतक के भाई स्वरूप सिंह के अनुसार, हमलावरों ने खेत सिंह की गले की चेन, अंगूठी और कुछ नकदी भी लूट ली। खेत सिंह ने अस्पताल में पुलिस को दिए अपने बयान में हमलावरों के नाम भी बताए थे।
पुलिस कार्रवाई: तीन गिरफ्तार, एक फरार
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन संदिग्धों—लाडू खान, आलम खान और खेते खान—को हिरासत में लिया है। उनकी स्विफ्ट कार भी जब्त कर ली गई है। हालांकि, मृतक के परिजन और स्थानीय लोग दावा कर रहे हैं कि हमलावरों की संख्या चार थी, और एक आरोपी अभी भी फरार है। पुलिस फरार संदिग्ध की तलाश में छापेमारी कर रही है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक शिवहरे ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन गांव में किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है।
गांव में हिंसा और तनाव
खेत सिंह की हत्या के बाद बुधवार शाम को गुस्साए ग्रामीणों ने कथित तौर पर दूसरे पक्ष की एक टायर-ट्यूब की दुकान में आग लगा दी। इस घटना ने गांव में तनाव को और बढ़ा दिया। सड़कों पर सन्नाटा छाया हुआ है, और लोग डर के कारण घरों से बाहर नहीं निकल रहे। स्थानीय निवासी गीता ने बताया कि वह और अन्य ग्रामीण इस घटना से इतने डरे हुए हैं कि बाजार तक जाने से कतराते हैं। एक अन्य ग्रामीण, कान सिंह, ने कहा कि खेत सिंह की हत्या ने गांव में भय का माहौल पैदा कर दिया है, और कुछ लोगों को डर है कि सांप्रदायिक आधार पर मारपीट हो सकती है।
पुलिस और प्रशासन की सक्रियता
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए डांगरी गांव में करीब 400 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित वरिष्ठ अधिकारी गांव में मौजूद हैं और हालात पर नजर रख रहे हैं। पुलिस लगातार गश्त कर रही है, और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। गांव में प्रवेश पर सख्ती बरती जा रही है ताकि बाहरी तत्व तनाव को और न बढ़ाएं।
पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार में देरी
खेत सिंह के शव का बाड़मेर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम हो चुका है। परिजनों ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम कराने की सहमति दी थी, लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि जब तक सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हो जाते, तब तक वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस मांग को लेकर सर्व समाज के लोग भी परिजनों के साथ हैं।
सियासी हलचल और विधानसभा में चर्चा
इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर इस घटना पर दुख जताया और पीड़ित परिवार को न्याय का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं का लोकतांत्रिक समाज में कोई स्थान नहीं है, और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।वहीं, शिव विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया। उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड ने पूरे क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। उन्होंने सरकार से दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की ताकि जनता का कानून-व्यवस्था पर भरोसा बना रहे।
स्थानीय माहौल और भविष्य
डांगरी गांव में अभी भी तनाव का माहौल है, और ग्रामीणों में डर व्याप्त है। पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी के बावजूद, सामाजिक सौहार्द को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। इस घटना ने न केवल एक व्यक्ति की हत्या को उजागर किया है, बल्कि क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव और सामाजिक असुरक्षा जैसे गहरे मुद्दों को भी सामने लाया है। प्रशासन की ओर से शांति बहाल करने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों का विश्वास जीतना अभी भी एक बड़ा कार्य है।