राजस्थान में भारी बारिश का अलर्ट, 5 जिलों में रेड अलर्ट, कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात....

राजस्थान में मानसून की ताबड़तोड़ बारिश ने हाहाकार मचा दिया है। मौसम विभाग ने 6 सितंबर को बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, सलूम्बर और उदयपुर में अत्यंत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। अजमेर, कोटा, बारां सहित कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी है, जबकि अजमेर में तालाब की पाल टूटने से स्वास्तिक नगर जलमग्न हो गया। अगले 3-4 दिन तक दक्षिणी और पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात रहने की संभावना है।

Sep 5, 2025 - 17:10
राजस्थान में भारी बारिश का अलर्ट, 5 जिलों में रेड अलर्ट, कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात....

राजस्थान में मानसून ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है, और मौसम विभाग ने शनिवार, 6 सितंबर 2025 को राज्य के कई हिस्सों में भारी से अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। खासकर दक्षिणी राजस्थान के पांच जिलों—बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, सलूम्बर, और उदयपुर—में अत्यंत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, अजमेर, बारां, ब्यावर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, कोटा, राजसमंद, सिरोही, बालोतरा, बाड़मेर, और जालोर में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

मौसम की स्थिति और कारण

मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र अब तीव्र होकर वेल मार्क लो (WML) में बदल गया है और वर्तमान में पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश के आसपास सक्रिय है। अगले 48 घंटों में इसके और तीव्र होने की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप यह 7 सितंबर की सुबह तक दक्षिणी राजस्थान और उत्तरी गुजरात के आसपास एक अवदाब (डिप्रेशन) क्षेत्र के रूप में केंद्रित हो सकता है। इस मौसमी सिस्टम के प्रभाव से अगले 3-4 दिनों तक उदयपुर, कोटा, अजमेर, और जोधपुर संभागों में भारी से अति भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है।

प्रभावित क्षेत्र और हालात

उदयपुर संभाग: बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, सलूम्बर, और उदयपुर में अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी है। इन क्षेत्रों में 204.5 मिमी से अधिक बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़ और जलभराव की स्थिति बन सकती है। 

अन्य जिले: अजमेर, बारां, ब्यावर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, कोटा, राजसमंद, सिरोही, बालोतरा, बाड़मेर, और जालोर में भारी बारिश (115.5-204.4 मिमी) का अनुमान है। इन जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किए गए हैं।

जयपुर, भरतपुर, और बीकानेर संभाग: इन क्षेत्रों में मध्यम से तेज बारिश के साथ मेघगर्जन की संभावना है। 

राज्य में पहले से ही भारी बारिश के कारण कई जगहों पर जनजीवन प्रभावित हो चुका है। अजमेर में बोराज तालाब की पाल टूटने से स्वास्तिक नगर और आसपास के क्षेत्रों में 5 से 8 फीट तक पानी भर गया, जिससे सड़कें और घर जलमग्न हो गए। कोटा, बारां, बूंदी, और सवाई माधोपुर में बाढ़ जैसे हालात हैं, जहां स्कूलों में छुट्टियां घोषित की गई हैं और कई कॉलोनियां जलमग्न हो चुकी हैं।

मौसम विभाग की सलाह

मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की अपील की है। खासकर निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को बाढ़ और जलभराव से बचने के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है। तेज हवाओं (50-70 किमी/घंटा) और वज्रपात की भी आशंका जताई गई है, इसलिए खुले इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी गई है।

बारिश का प्रभाव

जलभराव और बाढ़: कोटा में बैराज के गेट खोले गए हैं, जिससे 25,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बूंदी के कापरेन में कई कॉलोनियां जलमग्न हैं, और ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क टूट गया है। 

हादसे: अजमेर में बांध में डूबने से एक युवक की मौत हो गई, जबकि जयपुर के चाकसू में ढूंढ नदी की रपट पर बाइक समेत पति-पत्नी बह गए, जिसमें पत्नी लापता है।

स्कूल बंद: बारां और अन्य प्रभावित जिलों में स्कूलों में छुट्टियां घोषित की गई हैं, क्योंकि बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। 

अगले कुछ दिनों का अनुमान

मौसम विभाग के अनुसार, 7 सितंबर के बाद बारिश की तीव्रता में कमी आ सकती है, लेकिन अगले 3-4 दिनों तक दक्षिणी और पूर्वी राजस्थान में बारिश का दौर जारी रहेगा। इस दौरान लोगों को सावधानी बरतने और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। राजस्थान में इस मानसून सीजन में औसत से 38-41% अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है, और कई जिलों में सामान्य से 73% तक ज्यादा वर्षा हुई है। मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर सभी प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है।