जयपुर के रामगंज में धार्मिक आयोजन के बीच दो समुदाय में हिंसक झड़प ,पथराव ,वाहनों को नुकसान
जयपुर के रामगंज थाना क्षेत्र में बाबू का टीबा इलाके में एक मंदिर में धार्मिक आयोजन के दौरान दो गुटों में विवाद के बाद जमकर पथराव हुआ। विवाद की शुरुआत एक बालिका को उलाहना देने से हुई, जिसके बाद दोनों पक्षों में झड़प हुई। पथराव में कई लोग घायल हुए और वाहनों को नुकसान पहुंचा। पुलिस ने 10 लोगों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया और अतिरिक्त बल तैनात कर स्थिति को नियंत्रित किया। फिलहाल क्षेत्र में शांति है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है

जयपुर शहर के रामगंज थाना क्षेत्र में शनिवार देर रात एक धार्मिक आयोजन के दौरान दो समुदायों के बीच तीव्र विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। यह घटना बाबू का टीबा इलाके में उस समय शुरू हुई, जब एक मंदिर में चल रहे धार्मिक कार्यक्रम के बीच कुछ लोगों ने वहां से गुजर रही एक बालिका को कथित तौर पर उलाहना दिया। इस छोटी सी घटना ने देखते ही देखते भयंकर झड़प का रूप ले लिया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर जमकर पथराव किया। इस हिंसक घटना ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया।
विवाद की शुरुआत और हिंसा:
स्थानीय निवासियों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विवाद की शुरुआत तब हुई जब मंदिर में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम के दौरान एक समूह के कुछ लोगों ने वहां से गुजर रही एक बालिका के साथ अभद्र टिप्पणी की। इस बात को लेकर दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक शुरू हो गई, जो जल्द ही हिंसक टकराव में बदल गई। दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए, जिससे स्थिति अनियंत्रित हो गई। पथराव इतना तीव्र था कि आसपास के घरों की खिड़कियों और बाहर खड़े वाहनों के शीशे टूट गए। कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़कों पर पत्थरों की बौछार के बीच लोग अपने घरों में छिपने को मजबूर हो गए।इस घटना में कई लोगों के चोटिल होने की खबर है, हालांकि पुलिस ने अभी तक घायलों की सटीक संख्या या उनकी स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी साझा नहीं की है। आसपास की दुकानों और घरों को भी नुकसान पहुंचा, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश और भय का माहौल बन गया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई:
घटना की सूचना मिलते ही रामगंज थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल को भी बुलाया गया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया और हालात पर काबू पाया। इस दौरान शांति भंग करने के आरोप में 10 लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया है ताकि घटना में शामिल उपद्रवियों की पहचान की जा सके और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई हो सके।
अतिरिक्त सुरक्षा और शांति की अपील:
रामगंज क्षेत्र को जयपुर के संवेदनशील इलाकों में गिना जाता है, जहां पहले भी सामुदायिक तनाव की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस घटना के बाद प्रशासन ने कोई जोखिम न लेते हुए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। सड़कों पर गश्त बढ़ा दी गई है, और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी तरह की अशांति फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय माहौल और प्रभाव:
बाबू का टीबा और आसपास के इलाकों में इस घटना के बाद तनाव का माहौल है, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई के कारण स्थिति फिलहाल नियंत्रण में बताई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं क्षेत्र में सामुदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाती हैं और आपसी विश्वास को कमजोर करती हैं। कुछ निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
पुलिस और प्रशासन की नजर:
पुलिस के आला अधिकारी इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं ताकि विवाद की जड़ और इसके लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाया जा सके। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस घटना को सामुदायिक तनाव से जोड़कर देखने की बजाय इसे एक आपराधिक कृत्य के रूप में लिया जाएगा।
रामगंज में हुई इस घटना ने एक बार फिर सामाजिक सौहार्द और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि पुलिस और प्रशासन की सतर्कता के कारण स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन इस घटना ने स्थानीय लोगों के बीच डर और असुरक्षा की भावना पैदा की है। प्रशासन का कहना है कि वह क्षेत्र में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। इस बीच, मामले की जांच जारी है, और पुलिस ने लोगों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की है।