प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 पेपर लीक मामले में 3 साल से फर्जी नियुक्तियों पर SOG की बड़ी कार्रवाई, चार आरोपी गिरफ्तार

राजस्थान पुलिस की SOG ने प्राध्यापक स्कूल शिक्षा भर्ती परीक्षा 2022 के अर्थशास्त्र पेपर लीक मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी फर्जी तरीके से प्राध्यापक पद पर नियुक्त थे। जांच में पेपर लीक का सुनियोजित नेटवर्क सामने आया, और तीन अन्य संदिग्ध हिरासत में हैं। SOG की कार्रवाई से भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं।

Jul 13, 2025 - 10:39
प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 पेपर लीक मामले में 3 साल से फर्जी नियुक्तियों पर SOG की बड़ी कार्रवाई, चार आरोपी गिरफ्तार

राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने प्राध्यापक स्कूल शिक्षा भर्ती परीक्षा 2022 के अर्थशास्त्र विषय के पेपर लीक मामले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा 15-16 अक्टूबर 2022 को आयोजित प्राध्यापक (अर्थशास्त्र) प्रतियोगी परीक्षा में हुई अनियमितताओं के बाद की गई है। जांच में पाया गया कि परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र लीक हो गया था, जिसके आधार पर कुछ अभ्यर्थियों ने अनुचित तरीके से परीक्षा पास की और सरकारी स्कूलों में प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की।

 गिरफ्तार आरोपी :

SOG ने इस मामले में निम्नलिखित चार आरोपियों को हिरासत में लिया है:रोशन बांगड़वा: पुत्री बख्शाराम, पत्नी दिनेश चौधरी, निवासी बीरमपुरा, पुलिस थाना रेनवाल, जयपुर। 

वैदेही मीणा: पुत्री हरि सिंह, पत्नी विशंभर, निवासी सिकराय, जिला दौसा।

ओमप्रकाश: पुत्र उदाराम, निवासी भीमसागर, ओसियां, जोधपुर।

पदमा: पुत्री भागीरथराम, पत्नी कृष्ण कुमार, निवासी सोनड़ी, सेड़वा, जिला बाड़मेर। 

पुलिस प्रशासन की कार्रवाई:

SOG के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) वी.के. सिंह ने बताया कि इस मामले में प्रकरण संख्या 18/2025 के तहत पुलिस थाना SOG में दर्ज किया गया था। जांच में सामने आया कि इन चारों आरोपियों ने परीक्षा से पहले लीक हुए प्रश्नपत्र का उपयोग करके परीक्षा पास की और मेरिट सूची में स्थान प्राप्त किया। इनमें से दो आरोपी नागौर, एक बाड़मेर और एक चित्तौड़गढ़ के सरकारी स्कूलों में कार्यरत थे।इसके अलावा, SOG की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि यह पेपर लीक का एक सुनियोजित नेटवर्क था, जिसमें कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। अब तक इस मामले में कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। SOG ने इस मामले में और गहराई से जांच शुरू की है ताकि इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और मास्टरमाइंड को पकड़ा जा सके।

 पेपर लीक के व्यापक प्रभाव:

प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 के अर्थशास्त्र पेपर लीक मामले ने एक बार फिर राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। इस तरह के घोटाले न केवल मेहनती और योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय करते हैं, बल्कि शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को भी प्रभावित करते हैं। राजस्थान में हाल के वर्षों में कई भर्ती परीक्षाओं, जैसे REET 2021, पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती 2021, और वरिष्ठ शिक्षक भर्ती 2022 में पेपर लीक के मामले सामने आए हैं, जिनके कारण कई परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं।

आगे की जांच

SOG अब इस मामले में शामिल अन्य संदिग्धों की तलाश में छापेमारी कर रही है। तीन अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है। जांच एजेंसी को संदेह है कि इस पेपर लीक नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिन्हें जल्द ही पकड़ने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही, SOG की व्हाट्सएप हेल्पलाइन के जरिए मिली शिकायतों के आधार पर भी जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।

यह कार्रवाई राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। SOG की इस सक्रियता से न केवल दोषियों को सजा मिल रही है, बल्कि यह भी संदेश दिया जा रहा है कि ऐसी अनैतिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मेहनती और ईमानदार अभ्यर्थियों के हितों की रक्षा के लिए सरकार और पुलिस प्रशासन की यह सख्ती सराहनीय है।