खांडा फलसा के पदम सागर में दो बच्चियों की डूबने से दर्दनाक मौत,शव मोर्चरी में रखवाए गए.

जोधपुर के खांडा फलसा थाना क्षेत्र में पदम सागर तालाब में दो नाबालिग बच्चियों की डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। गोताखोरों ने शवों को निकाला, और पुलिस ने उन्हें मोर्चरी भेजकर जांच शुरू की। हादसे ने इलाके में शोक और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए।

Aug 28, 2025 - 18:53
खांडा फलसा के पदम सागर में दो बच्चियों की डूबने से दर्दनाक मौत,शव मोर्चरी में रखवाए गए.

जोधपुर शहर के खांडा फलसा थाना क्षेत्र में स्थित पदम सागर तालाब में एक हृदयविदारक हादसा सामने आया है। इस हादसे में दो नाबालिग बच्चियों की डूबने से मौत हो गई। स्थानीय पुलिस और गोताखोरों की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों बच्चियों के शवों को तालाब से बाहर निकाला और उन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए मोर्चरी में भिजवाया। इस घटना ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है।

हादसे का विवरण

जानकारी के अनुसार, यह दुखद घटना खांडा फलसा थाना क्षेत्र के पदम सागर तालाब में हुई। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि दोनों बच्चियां, जिनकी उम्र 10 से 14 वर्ष के बीच बताई जा रही है, तालाब के पास खेल रही थीं। संभावना है कि खेलते समय वे तालाब के गहरे पानी में चली गईं और डूब गईं। स्थानीय लोगों ने जब बच्चियों को तालाब में नहीं देखा और उनके डूबने की आशंका जताई, तो तुरंत पुलिस को सूचित किया गया।खांडा फलसा थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गोताखोरों की एक विशेष टीम को मौके पर बुलाया। गोताखोरों ने कड़ी मेहनत के बाद तालाब से दोनों बच्चियों के शव बरामद किए। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जोधपुर के एक अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। मृतक बच्चियों की पहचान अभी तक पूरी तरह से उजागर नहीं की गई है, लेकिन पुलिस ने उनके परिजनों को सूचित कर दिया है।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

खांडा फलसा थाना प्रभारी ने बताया कि यह एक दुखद हादसा प्रतीत होता है, और प्रारंभिक तौर पर किसी साजिश या गलत इरादे के संकेत नहीं मिले हैं। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और आसपास के लोगों से पूछताछ शुरू की है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि बच्चियां तालाब के पास क्या कर रही थीं और वे वहां कैसे पहुंचीं। इसके अलावा, तालाब की गहराई और सुरक्षा व्यवस्था की भी जांच की जा रही है, क्योंकि ऐसी घटनाएं अक्सर सुरक्षा के अभाव में होती हैं।

स्थानीय लोगों में शोक और आक्रोश

इस हादसे के बाद स्थानीय समुदाय में गम और गुस्से का माहौल है। लोगों का कहना है कि पदम सागर जैसे तालाबों के आसपास उचित सुरक्षा इंतजाम नहीं होने के कारण ऐसी घटनाएं बार-बार होती हैं। कुछ लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि तालाबों के किनारे रेलिंग या अन्य सुरक्षा उपाय किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

जोधपुर पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। पुलिस ने परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। साथ ही, प्रशासन ने तालाबों और जलाशयों के आसपास सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाने की बात कही है।

यह हादसा जोधपुर के लिए एक गहरी त्रासदी है, जिसने दो मासूम जिंदगियों को छीन लिया। इस घटना ने न केवल बच्चियों के परिवार, बल्कि पूरे समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। प्रशासन और समाज को मिलकर ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। पुलिस की जांच पूरी होने के बाद इस मामले में और स्पष्टता आने की उम्मीद है।