चांदी ने तोड़ा रिकॉर्ड, ₹1.17 लाख पर ,सोना भी ₹1 लाख के पार.

चांदी ने 28 अगस्त 2025 को नया इतिहास रचते हुए ₹1,16,688 प्रति किलो का सर्वकालिक उच्च स्तर छू लिया, जिसमें एक दिन में ₹818 की उछाल दर्ज हुई। इस साल चांदी ₹30,671 महंगी हुई है। दूसरी ओर, सोना भी ₹355 की बढ़ोतरी के साथ ₹1,01,239 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। वैश्विक मांग, औद्योगिक उपयोग और त्योहारी सीजन ने इन कीमती धातुओं की कीमतों को आसमान पर पहुंचाया। निवेशकों और खरीदारों में उत्साह के साथ-साथ सतर्कता भी देखी जा रही है।

Aug 28, 2025 - 17:10
चांदी ने तोड़ा रिकॉर्ड, ₹1.17 लाख पर ,सोना भी ₹1 लाख के पार.

28 अगस्त 2025 को भारतीय सर्राफा बाजार में चांदी ने नया कीर्तिमान स्थापित किया, जब इसकी कीमत ₹1,16,688 प्रति किलो के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गई। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, चांदी की कीमत में एक ही दिन में ₹818 की जोरदार उछाल दर्ज की गई, जो पिछले दिन ₹1,15,870 प्रति किलो थी। इस साल 2025 में चांदी की कीमत में कुल ₹30,671 की वृद्धि हो चुकी है, जो निवेशकों और सर्राफा बाजार के लिए एक बड़ा बदलाव है। दूसरी ओर, सोने की कीमतों ने भी रफ्तार पकड़ी है। IBJA के मुताबिक, 24 कैरेट सोने की कीमत में ₹355 की बढ़ोतरी हुई, जिसके बाद 10 ग्राम सोना ₹1,01,239 पर पहुंच गया। यह खबर भारतीय बाजार में कीमती धातुओं की बढ़ती मांग और आर्थिक गतिशीलता को दर्शाती है।कीमतों में उछाल के पीछे

 क्या हैं कारण?

वैश्विक आर्थिक परिदृश्य: वैश्विक बाजार में अनिश्चितता, जैसे कि मुद्रास्फीति, भू-राजनीतिक तनाव, और अमेरिकी डॉलर की कीमत में उतार-चढ़ाव, ने सोने और चांदी को सुरक्षित निवेश के रूप में और आकर्षक बना दिया है। निवेशक अनिश्चित आर्थिक माहौल में कीमती धातुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं। 

औद्योगिक मांग में वृद्धि: चांदी का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर पैनल, बैटरी, और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर होता है। सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग ने चांदी की औद्योगिक मांग को और बढ़ाया है, जिसका असर इसकी कीमतों पर पड़ा है।

त्योहारी और शादी का सीजन: भारत में अगस्त से त्योहारी सीजन शुरू हो रहा है, और इसके साथ ही शादी-विवाह की तैयारियां भी जोर पकड़ रही हैं। सोने और चांदी की ज्वेलरी की मांग इस दौरान हमेशा बढ़ती है, जिसने कीमतों को और ऊपर धकेला है।

निवेशकों का बढ़ता रुझान: सोने और चांदी को सुरक्षित निवेश माना जाता है। शेयर बाजार और अन्य निवेश विकल्पों में अस्थिरता के बीच, निवेशक कीमती धातुओं में पैसा लगा रहे हैं, जिससे इनकी कीमतें बढ़ रही हैं।

बाजार पर क्या होगा असर?

उपभोक्ताओं के लिए चुनौती: सोने की कीमत ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत ₹1.17 लाख प्रति किलो के स्तर पर पहुंचने से आम उपभोक्ताओं, खासकर ज्वेलरी खरीदारों, के लिए खरीदारी महंगी हो गई है। कई लोग अपनी खरीदारी को टाल रहे हैं या कम मात्रा में खरीद रहे हैं।

ज्वेलरी उद्योग पर प्रभाव: ऊंची कीमतों के कारण ज्वेलर्स को अपनी बिक्री रणनीति में बदलाव करना पड़ रहा है। हल्के वजन की ज्वेलरी और डिजाइनर आभूषणों की मांग बढ़ रही है, ताकि ग्राहक बजट में खरीदारी कर सकें।

निवेशकों के लिए अवसर: कीमती धातुओं की कीमतों में यह तेजी उन निवेशकों के लिए फायदेमंद है, जो पहले से सोना और चांदी में निवेश कर चुके हैं। साथ ही, यह नए निवेशकों को भी आकर्षित कर रहा है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि सोने और चांदी की कीमतों में यह तेजी अभी कुछ समय तक जारी रह सकती है। वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में बदलाव, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियां, और भारत में मांग की स्थिति इस रुझान को प्रभावित करेंगी। विशेषज्ञ निवेशकों को सलाह दे रहे हैं कि वे बाजार के रुझानों पर नजर रखें और दीर्घकालिक निवेश की रणनीति अपनाएं। अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से बचने के लिए छोटी-छोटी मात्रा में निवेश करना बेहतर हो सकता है।आगे की संभावनाएंत्योहारी सीजन का प्रभाव: भारत में दशहरा, दिवाली, और शादी के सीजन के दौरान सोने और चांदी की मांग और बढ़ने की संभावना है, जिससे कीमतों में और उछाल आ सकता है। 

वैश्विक कारक: अगर वैश्विक बाजार में अनिश्चितता बनी रहती है, तो सोना और चांदी की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। हालांकि, अगर आर्थिक स्थिति स्थिर होती है, तो कीमतों में कुछ कमी भी देखी जा सकती है।

निवेश की सलाह: विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं कि निवेशक अपनी जोखिम क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर सोने और चांदी में निवेश करें। डिजिटल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे विकल्प भी छोटे निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकते हैं। 

चांदी का ₹1,16,688 प्रति किलो और सोने का ₹1,01,239 प्रति 10 ग्राम का स्तर छूना भारतीय सर्राफा बाजार के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह तेजी न केवल आर्थिक परिदृश्य को दर्शाती है, बल्कि उपभोक्ताओं और निवेशकों के लिए भी नए अवसर और चुनौतियां पेश करती है। बाजार पर नजर रखते हुए सही समय पर सही निर्णय लेना इस समय बेहद महत्वपूर्ण है।