सौर ऊर्जा से समृद्ध खेती: भजनलाल शर्मा का किसानों को सस्ती बिजली का तोहफा
राजस्थान में किसानों के लिए सौर ऊर्जा से सस्ती बिजली सुनिश्चित की, जिसमें 78,498 लंबित कृषि कनेक्शनों को तुरंत लाभ और 2.27 लाख नए आवेदनों की प्रतीक्षा कम होगी। पीएम-कुसुम योजना के तहत 776 सौर संयंत्रों से 1543 मेगावाट बिजली उत्पादन के साथ 1 लाख से अधिक किसानों को दिन में बिजली मिल रही है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किसानों के हित में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिससे प्रदेश के लाखों किसानों को सस्ती और सुलभ बिजली मिलने का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री ने विकेन्द्रित सौर संयंत्रों से जुड़े फीडरों पर तुरंत कृषि कनेक्शन जारी करने का आदेश दिया है, साथ ही कृषि कनेक्शन नीति-2017 में संशोधन को मंजूरी दी है। इस फैसले से न केवल 78,498 लंबित कृषि कनेक्शनों को लाभ मिलेगा, बल्कि 2 लाख 27 हजार से अधिक नए आवेदनों की प्रतीक्षा अवधि भी कम होगी।
पीएम-कुसुम योजना: सौर ऊर्जा से बदलेगी किसानों की तस्वीर
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के तहत राजस्थान में स्थापित 776 विकेन्द्रित सौर संयंत्र 1543 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहे हैं। इन संयंत्रों की क्षमता का उपयोग अब और प्रभावी ढंग से होगा, जिससे 1 लाख से अधिक किसानों को दिन में सौर ऊर्जा से बिजली उपलब्ध हो रही है। यह कदम न केवल किसानों के लिए बिजली की लागत को कम करेगा, बल्कि उनकी खेती को और उत्पादक बनाएगा।
तीनों विद्युत वितरण निगमों ने जारी किए आदेश
राजस्थान के तीनों विद्युत वितरण निगमों—जयपुर, अजमेर और जोधपुर—ने इस फैसले को लागू करने के लिए तुरंत आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के तहत, सौर संयंत्रों से जुड़े फीडरों पर कृषि कनेक्शनों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस कदम से न केवल बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि विद्युत वितरण निगमों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी, क्योंकि सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली में प्रसारण हानि न्यूनतम होती है।
किसानों के लिए सस्ती बिजली, समृद्ध भविष्य
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने इस फैसले को किसानों के लिए एक वरदान बताया है। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार किसानों की खुशहाली और आत्मनिर्भरता के लिए प्रतिबद्ध है। सौर ऊर्जा के माध्यम से दिन में सस्ती बिजली उपलब्ध कराकर हम न केवल उनकी लागत कम कर रहे हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी कदम उठा रहे हैं।"
इस योजना से उन किसानों को भी लाभ होगा, जो बंजर या कम उपजाऊ जमीन पर सौर संयंत्र स्थापित कर अतिरिक्त बिजली उत्पादन कर सकते हैं। इस बिजली को विद्युत वितरण निगमों को बेचकर किसान अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, जयपुर के भालोजी गांव में स्थापित पहले सौर संयंत्र से प्रति वर्ष 17 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है, जिसे राजस्थान विद्युत वितरण निगम 3.14 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीद रहा है, जिससे किसान को लगभग 50 लाख रुपये की वार्षिक आय हो रही है।
राजस्थान: सौर ऊर्जा का नया केंद्र
राजस्थान सरकार की त्वरित कार्रवाई और पीएम-कुसुम योजना के प्रभावी क्रियान्वयन ने प्रदेश को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है। पिछले नौ महीनों में ही 4,385 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्रों के कार्यादेश जारी किए गए हैं, जो 3 लाख 26 हजार कृषि उपभोक्ताओं को लाभान्वित करेंगे। यह कदम न केवल किसानों की आय बढ़ाएगा, बल्कि डीजल की खपत को कम कर पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगा।