जम्मू-कश्मीर के गुरेज में सेना ने दो घुसपैठियों को किया ढेर,सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी.
जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में भारतीय सेना और पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर एक सटीक ऑपरेशन चलाया, जिसमें नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया गया। मुठभेड़ के बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है ताकि किसी और खतरे को टाला जा सके। यह पहलगाम हमले के बाद सातवीं मुठभेड़ है, जो सुरक्षाबलों की सतर्कता को दर्शाती है।

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में गुरुवार, 28 अगस्त 2025 को भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में नियंत्रण रेखा (LoC) पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ नौशहरा नार इलाके में हुई, जहां सतर्क सैनिकों ने खुफिया जानकारी के आधार पर आतंकियों की गतिविधियों को भांप लिया। यह घटना 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में सातवीं ऐसी मुठभेड़ है, जिसमें आतंकवादी मारे गए हैं।
मुठभेड़ की पृष्ठभूमि
जम्मू-कश्मीर पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि गुरेज सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से एक अभियान शुरू किया। गुरुवार सुबह, जब सैनिकों ने संदिग्ध गतिविधियां देखीं, तो उन्होंने घुसपैठियों को चुनौती दी। जवाब में आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका सुरक्षाबलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। इस मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए।
ऑपरेशन का विवरण
भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह ऑपरेशन खुफिया जानकारी पर आधारित था। सैनिकों ने नौशहरा नार के पास नियंत्रण रेखा पर संदिग्ध गतिविधियों को देखा और तत्काल कार्रवाई की। मुठभेड़ के बाद, इलाके में किसी और घुसपैठ या आतंकी गतिविधि को रोकने के लिए व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया गया। सेना और पुलिस की टीमें क्षेत्र में संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन चला रही हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई और खतरा बाकी न रहे।
पहलगाम हमले के बाद बढ़ी सतर्कता
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने 26 नागरिकों, ज्यादातर पर्यटकों की हत्या की थी, ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जवाबी कार्रवाई की थी, जिसमें 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इसके बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की सतर्कता और तलाशी अभियान तेज कर दिए गए हैं। गुरेज सेक्टर की यह मुठभेड़ उसी सतर्कता का परिणाम है, जिसने एक और संभावित खतरे को टाल दिया।
क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति
पहलगाम हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में कमी नहीं आई है। पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लगातार घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। इस साल कुलगाम, किश्तवाड़, पुंछ और उरी जैसे क्षेत्रों में भी मुठभेड़ें हुई हैं, जिनमें कई आतंकवादी मारे गए। उदाहरण के लिए, ऑपरेशन महादेव में लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर हाशिम मूसा सहित तीन आतंकियों को मार गिराया गया था। गुरेज की यह ताजा मुठभेड़ दर्शाती है कि सुरक्षाबल आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम हैं।
आतंकियों की रणनीति में बदलाव
हाल की घटनाओं से पता चला है कि आतंकी अब भारतीय सेना की वर्दी जैसे कपड़ों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उनकी पहचान मुश्किल हो रही है। साथ ही, ड्रोन और सुरंगों के जरिए हथियार और गोला-बारूद भारत में भेजे जा रहे हैं। गुरेज सेक्टर में मारे गए आतंकियों के पास से बरामद सामग्री की जांच चल रही है, जिससे उनकी पहचान और उनके इरादों का खुलासा हो सकता है।प्रशासन और स्थानीय प्रभावपहलगाम हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया गया है। कुपवाड़ा, बारामूला और गुरेज जैसे क्षेत्रों में स्कूल और कॉलेज बंद किए गए हैं, और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। पर्यटन पर निर्भर रियासी और पहलगाम जैसे इलाकों में पर्यटकों की संख्या में कमी आई है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। फिर भी, स्थानीय लोग और प्रशासन सुरक्षाबलों के साथ सहयोग कर रहे हैं।
गुरेज सेक्टर में हुई इस मुठभेड़ ने एक बार फिर भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई को रेखांकित किया है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी कार्रवाइयों ने आतंकियों के हौसले पस्त किए हैं, लेकिन सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं। सुरक्षाबल पूरी तरह तैयार हैं और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए तलाशी अभियान जारी रखे हुए हैं।