पुलिस ऑफिसर बनकर "आपका बेटा नकल करते पकड़ा गया" कहकर साइबर ठग ने महिला से 2.29 लाख रुपये लूटे.

जोधपुर में एक साइबर ठग ने पुलिस अधिकारी बनकर एक मां के दिल को डराया और चालाकी से 2.29 लाख रुपये ठग लिए! ठग ने फोन पर दावा किया कि महिला का बेटा परीक्षा में नकल करते पकड़ा गया है। डर और घबराहट में महिला ने पैसे ट्रांसफर कर दिए, लेकिन बाद में पता चला कि यह सब एक धोखा था। प्रताप नगर पुलिस अब इस शातिर ठग की तलाश में जुटी है। सावधान! साइबर ठगों से बचने के लिए हमेशा सतर्क रहें।

Aug 28, 2025 - 14:48
पुलिस ऑफिसर बनकर "आपका बेटा नकल करते पकड़ा गया" कहकर साइबर ठग ने महिला से 2.29 लाख रुपये लूटे.

जोधपुर में साइबर ठगी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक शातिर ठग ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर एक महिला को अपने जाल में फंसाया और उससे 2 लाख 29 हजार रुपये ठग लिए। ठग ने महिला को डराने के लिए झूठ बोला कि उसका बेटा परीक्षा में नकल करते हुए पकड़ा गया है। यह घटना जोधपुर के प्रताप नगर थाना क्षेत्र की है, जिसने एक बार फिर साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे को उजागर किया है।

क्या है पूरा मामला?

प्रताप नगर थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला को एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया। फोन करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए गंभीर लहजे में कहा कि महिला का बेटा परीक्षा के दौरान नकल करते हुए पकड़ा गया है और वह पुलिस हिरासत में है। ठग ने स्थिति को और डरावना बनाते हुए कहा कि अगर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई, तो बेटे के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे, जिससे उसका भविष्य दांव पर लग सकता है।घबराई हुई महिला ने ठग की बातों पर भरोसा कर लिया और अपने बेटे को "बचाने" के लिए तुरंत पैसे देने को तैयार हो गई। ठग ने महिला को तुरंत 2 लाख 29 हजार रुपये अपने बताए हुए बैंक खाते में ट्रांसफर करने का दबाव डाला। डर और घबराहट में महिला ने बिना ज्यादा सोचे-समझे पैसे ट्रांसफर कर दिए। बाद में जब महिला ने अपने बेटे से संपर्क किया, तो पता चला कि वह पूरी तरह सुरक्षित है और ऐसा कोई मामला नहीं हुआ। तब जाकर महिला को ठगी का अहसास हुआ और उसने तुरंत प्रताप नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

प्रताप नगर थाना पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत जांच शुरू की। पुलिस ने महिला द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर ठग के बैंक खाते और फोन नंबर की डिटेल्स खंगालनी शुरू की। प्रारंभिक जांच में पता चला कि ठग ने फर्जी सिम कार्ड और बैंक खाते का इस्तेमाल किया, जो साइबर ठगों के आम तौर-तरीकों में शामिल है। पुलिस अब साइबर सेल की मदद से ठग की तलाश में जुटी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह किसी बड़े साइबर ठगी गिरोह का हिस्सा है।पुलिस के अनुसार, इस तरह के मामले में ठग अक्सर लोगों की भावनाओं का फायदा उठाते हैं, खासकर माता-पिता की अपने बच्चों के प्रति चिंता को निशाना बनाते हैं। जोधपुर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे इस तरह के फर्जी कॉल्स पर भरोसा न करें और किसी भी तरह के पैसे ट्रांसफर करने से पहले अपने परिवार वालों से संपर्क जरूर करें।

लोगों को जागरूकता की जरूरत

इस घटना ने एक बार फिर साइबर ठगी के प्रति जागरूकता की जरूरत को रेखांकित किया है। पुलिस ने लोगों से अनजान नंबरों से आने वाले कॉल्स पर सावधानी बरतने की सलाह दी है। खास तौर पर, अगर कोई खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर तुरंत पैसे मांगे, तो बिना पुष्टि किए कोई कदम न उठाएं। जोधपुर पुलिस ने यह भी सुझाव दिया है कि लोग अपने बैंक खाते की गोपनीय जानकारी, जैसे ओटीपी, पासवर्ड, या कार्ड डिटेल्स, किसी के साथ साझा न करें।

यह मामला न केवल एक मां की भावनाओं के साथ खिलवाड़ को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि साइबर ठग कितनी चालाकी से लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। जोधपुर पुलिस इस मामले में तेजी से कार्रवाई कर रही है, लेकिन आम लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। अगर आप भी ऐसी किसी कॉल या मैसेज का शिकार बनते हैं, तो तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें। साइबर ठगी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है- जागरूकता और सावधानी।

सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!