सरपंच संघ-सरकार वार्ता: नरेगा और वित्त आयोग राशि पर जल्द कार्रवाई

राजस्थान सरपंच संघ और ग्रामीण विकास विभाग की वार्ता में नरेगा भुगतान और राज्य वित्त आयोग की राशि जैसे अहम मुद्दों पर सहमति बनी। जल्द संशोधित परिपत्र और राशि जारी होने से पंचायतों को राहत मिलेगी।

Aug 26, 2025 - 20:14
सरपंच संघ-सरकार वार्ता: नरेगा और वित्त आयोग राशि पर जल्द कार्रवाई

राजस्थान के ग्रामीण विकास को गति देने और पंचायतों की समस्याओं के समाधान के लिए मंगलवार को सरपंच संघ और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के बीच हुई उच्चस्तरीय बैठक सकारात्मक रही। इस वार्ता में कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी, जिससे पंचायतों और संवेदकों को जल्द राहत मिलने की उम्मीद जगी है।

नरेगा भुगतान में अड़चनें दूर, जल्द जारी होगा संशोधित परिपत्र

राजस्थान सरपंच संघ के मुख्य प्रवक्ता रफीक पठान ने बताया कि नरेगा सामग्री मद में केंद्र और राज्य सरकार से प्राप्त करीब 1200 करोड़ रुपये की राशि पंचायतों और संवेदकों के खातों में लंबे समय से अटकी हुई थी। विभागीय परिपत्र की जटिल शर्तों के कारण यह भुगतान रुका हुआ था। मंगलवार की वार्ता में इन शर्तों को सरल करने पर सहमति बनी। विभाग ने जल्द ही संशोधित परिपत्र जारी करने का आश्वासन दिया है, जिससे भुगतान प्रक्रिया में तेजी आएगी।

राज्य वित्त आयोग की राशि पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश

बैठक में सरपंच संघ ने राज्य वित्त आयोग की राशि को लेकर भी चिंता जताई, जो पंचायतों तक नहीं पहुँच पा रही थी। इस मुद्दे पर पंचायत राज सचिव जोगाराम ने तत्काल वित्त विभाग को फाइल की जाँच कर राशि जारी करने के निर्देश दिए। इस कदम से पंचायतों को विकास कार्यों के लिए आवश्यक धनराशि जल्द उपलब्ध होने की उम्मीद है।

दोनों पक्षों ने दिखाई एकजुटता

बैठक में सरपंच संघ का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने किया। उनके साथ कार्यकारी अध्यक्ष नेमीचंद मीणा, मुख्य महामंत्री शक्ति सिंह रावत, मुख्य प्रवक्ता रफीक पठान, संयोजक भागीरथ यादव, प्रवक्ता रामप्रसाद चौधरी, शौकत खान, प्रदीप सिंह मौलासर, हैदर खान फलोदी, प्रदेश सचिव रामनिवास मीणा और सरवन राम मौलासर शामिल रहे। दूसरी ओर, ग्रामीण विकास विभाग की ओर से नरेगा आयुक्त पुष्पा सत्यानी, उपायुक्त जुगल किशोर मीणा, वित्तीय सलाहकार कृष्ण कुमार कुमावत और अतिरिक्त आयुक्त अशोक चौधरी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

सरपंच संघ ने इस वार्ता को एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए उम्मीद जताई कि इससे न केवल पंचायतों और संवेदकों को राहत मिलेगी, बल्कि ग्रामीण विकास कार्यों में भी तेजी आएगी। संघ के नेताओं ने कहा कि यह सहमति गाँवों की प्रगति और पंचायतों की मज़बूती के लिए एक नया अध्याय साबित होगी।

Yashaswani Journalist at The Khatak .