वैष्णो देवी में भूस्खलन, कई श्रद्धालु घायल: डोडा में बादल फटने से 4 की मौत, मनाली में घर-दुकानें ब्यास नदी में बहीं

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में भारी बारिश और भूस्खलन से तबाही; वैष्णो देवी यात्रा स्थगित, डोडा में बाढ़ से 10-15 घर बहे, पहलगाम में शेषनाग नाला खतरे के निशान से ऊपर। कुल्लू-मनाली में ब्यास नदी ने कई घर-दुकानें नष्ट कीं।

Aug 26, 2025 - 17:29
वैष्णो देवी में भूस्खलन, कई श्रद्धालु घायल: डोडा में बादल फटने से 4 की मौत, मनाली में घर-दुकानें ब्यास नदी में बहीं

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने दोनों राज्यों में भारी तबाही मचाई है। वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन, डोडा में बादल फटने से बाढ़, और पहलगाम में शेषनाग नाले का बढ़ता जलस्तर लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मनाली में भी ब्यास नदी और पहाड़ी नालों ने कई घरों और दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया है।

वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन, कई श्रद्धालु घायल

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में मंगलवार, 26 अगस्त 2025 को माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर अर्धकुमारी के पास इंद्रप्रस्थ भोजनालय के निकट भूस्खलन की घटना हुई। इस हादसे में कई श्रद्धालुओं के घायल होने की आशंका जताई जा रही है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अनुसार, भारी बारिश के कारण हुए इस भूस्खलन से यात्रा मार्ग पर मलबा और बड़े-बड़े पत्थर गिर गए, जिससे अफरातफरी मच गई।

श्राइन बोर्ड और सुरक्षा बलों ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए। घायलों को कटरा के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। खराब मौसम को देखते हुए वैष्णो देवी यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। बोर्ड ने अभी तक इस घटना से संबंधित कोई फोटो या वीडियो जारी नहीं किया है, लेकिन स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम सामान्य होने तक यात्रा शुरू करने से बचें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।

डोडा में बादल फटने से बाढ़, कई घर तबाह

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में मंगलवार को कई जगहों पर बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई। अचानक आई बाढ़ ने 10 से 15 घरों को बहा दिया, और पिछले 24 घंटों में 4 लोगों की जान चली गई। हालांकि, प्रशासन ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि ये मौतें किन इलाकों में हुईं।

जम्मू संभाग में बाढ़ का रेड अलर्ट जारी किया गया है। डीआईजी शिव कुमार शर्मा ने लोगों से नदियों और नालों के पास न जाने की अपील की है। मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों तक जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी, उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ में भारी बारिश, भूस्खलन और अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की है।

जम्मू-श्रीनगर हाईवे सहित कई सड़कें बंद

लगातार तीन दिनों से हो रही भारी बारिश ने जम्मू-कश्मीर में यातायात को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। जम्मू-श्रीनगर और बटोटे-किश्तवाड़ नेशनल हाईवे सहित कई प्रमुख सड़कें भूस्खलन और बाढ़ के कारण बंद हैं। कई इलाकों में नेटवर्क की कमी के कारण लोग इंटरनेट और कॉलिंग सेवाओं का उपयोग नहीं कर पा रहे, जिससे संचार व्यवस्था भी चरमरा गई है।

डोडा और किश्तवाड़ में स्कूलों को दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और आपातकालीन स्थिति में स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह दी है।

हिमाचल में कुल्लू-मनाली का बुरा हाल

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मनाली में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने भारी नुकसान पहुंचाया है। ब्यास नदी और पहाड़ी नालों में उफान के कारण 20 से ज्यादा घर, दुकानें और रेस्टोरेंट बह गए हैं। नदियों के किनारे बने 30 से अधिक घर खतरे की जद में हैं।

कुल्लू-मनाली रोड का एक हिस्सा ब्यास नदी में बह गया, जिससे मनाली का कुल्लू जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कट गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी हैं, लेकिन खराब मौसम और लगातार बारिश के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है। स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हैं।

पहलगाम में शेषनाग नाले का जलस्तर खतरनाक स्तर पर

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में स्थित बेताब घाटी के शेषनाग नाले में जलस्तर खतरनाक स्तर को पार कर गया है। अधिकारियों के अनुसार, नाले का जलस्तर 6.02 फीट तक पहुंच गया है, जबकि बाढ़ की चेतावनी का स्तर 4.59 फीट और खतरे का निशान 5.09 फीट है।

इस स्थिति ने आसपास के इलाकों में तबाही की आशंका बढ़ा दी है। प्रशासन ने पहलगाम के निवासियों, पर्यटकों और ट्रेकर्स से नदियों, नालों और निचले इलाकों से दूर रहने की अपील की है। साथ ही, लोगों को सतर्क रहने और आपातकालीन स्थिति में स्थानीय प्रशासन से संपर्क करने की सलाह दी गई है।

प्रशासन और राहत कार्य

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में प्रशासन ने आपदा प्रबंधन के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्थिति पर नजर रखने और घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी श्रीनगर से जम्मू जाकर स्थिति का जायजा लेने का फैसला किया है।

हिमाचल में एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं। प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, और बुनियादी सुविधाएं जैसे भोजन और आश्रय प्रदान किए जा रहे हैं।

मौसम विभाग ने लोगों से नदियों, नालों और पहाड़ी इलाकों से दूर रहने की अपील की गई है। वैष्णो देवी यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे मौसम की स्थिति सामान्य होने तक अपनी यात्रा स्थगित करें।

Yashaswani Journalist at The Khatak .