BAP विधायक पर रिश्वत का केस, स्पीकर की हरी झंडी से मुश्किलें बढ़ीं

बीएपी विधायक जयकृष्ण पटेल की विधानसभा सदस्यता खतरे में है, क्योंकि सदाचार कमेटी की रिपोर्ट, जो घूसकांड के आरोपों की जांच के बाद तैयार की गई, उनके खिलाफ है और इसे आज विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा जाएगा। यदि आरोप सिद्ध हुए, तो उनकी सदस्यता रद्द हो सकती है।

Aug 27, 2025 - 15:49
BAP विधायक पर रिश्वत का केस, स्पीकर की हरी झंडी से मुश्किलें बढ़ीं

बागीदौरा (बांसवाड़ा) से भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के विधायक जयकृष्ण पटेल की विधानसभा सदस्यता पर तलवार लटक रही है। उन पर विधानसभा में सवाल न पूछने के बदले 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने का गंभीर आरोप है। इस मामले की जांच के लिए विधानसभा की सदाचार कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसे आज विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को सौंपा जाएगा। सूत्रों की मानें तो यह रिपोर्ट जयकृष्ण पटेल के पक्ष में नहीं है, और यदि आरोप सिद्ध हुए तो उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो सकती है।

घूसकांड ने मचाया सियासी तूफान

जयकृष्ण पटेल को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 4 मई 2025 को जयपुर में उनके विधायक आवास पर 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। आरोप है कि पटेल ने एक खनन कारोबारी से विधानसभा में खनन से जुड़े सवाल हटाने के लिए पहले 10 करोड़ रुपये की मांग की थी, जो बाद में ढाई करोड़ में तय हुई। इस डील के तहत पहली किस्त के रूप में 20 लाख रुपये दिए गए, जिसके बाद एसीबी ने ट्रैप ऑपरेशन चलाकर उन्हें पकड़ लिया।

एसीबी के महानिदेशक रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि विधायक के खिलाफ ऑडियो, वीडियो और तकनीकी सबूत मौजूद हैं। ट्रैप के दौरान उनके हाथों पर रंगे नोटों की स्याही भी मिली, जो उनके रिश्वत लेने की पुष्टि करती है। इस मामले में उनके चचेरे भाई विजय कुमार पटेल और दो अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया।

सदाचार कमेटी की जांच और रिपोर्ट

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए सदाचार कमेटी को सौंपा था। कमेटी के चेयरमैन कैलाश वर्मा ने बताया कि तीन महीने की गहन जांच के बाद रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। सूत्रों के अनुसार, कमेटी ने अपनी जांच में जयकृष्ण पटेल को रिश्वत लेने का दोषी पाया है। यह रिपोर्ट आज दोपहर 3 बजे विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर उनकी सदस्यता पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

कमेटी की जांच में एसीबी की रिपोर्ट को भी शामिल किया गया है, जिसमें विधायक के खिलाफ पुख्ता सबूतों का जिक्र है। यदि कमेटी की सिफारिशों के आधार पर आरोप सिद्ध होते हैं, तो जयकृष्ण पटेल राजस्थान विधानसभा के इतिहास में रिश्वत के मामले में अयोग्य घोषित होने वाले पहले विधायक हो सकते हैं।

बीएपी ने लगाया साजिश का आरोप

भारत आदिवासी पार्टी ने इस पूरे मामले को सियासी साजिश करार दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत ने एक जांच समिति गठित की है, जो इस मामले की निष्पक्षता से जांच कर रही है। उनका दावा है कि जयकृष्ण पटेल को राजनीतिक द्वेष के चलते फंसाया गया है। उन्होंने शिकायतकर्ता रविंद्र मीणा और उनके पिता रामनिवास मीणा के बीजेपी से संबंधों पर सवाल उठाते हुए इसे एक सुनियोजित साजिश बताया।

पार्टी का कहना है कि बीएपी का बढ़ता जनाधार कुछ राजनीतिक दलों को रास नहीं आ रहा, और इसीलिए विधायक को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, बीएपी सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि यदि पटेल दोषी पाए जाते हैं, तो पार्टी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।

जयकृष्ण पटेल का सफर और विवाद

जयकृष्ण पटेल ने 2024 के उपचुनाव में बागीदौरा सीट से बीजेपी उम्मीदवार सुभाष तंबोलिया को हराकर जीत हासिल की थी। इससे पहले 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस के महेंद्रजीत सिंह मालवीय से हार का सामना करना पड़ा था। विधानसभा में वे भ्रष्टाचार और अवैध खनन के खिलाफ मुखर रहे, लेकिन अब खुद भ्रष्टाचार के आरोपों में फंस गए हैं।

Yashaswani Journalist at The Khatak .