सरकारी स्कूल के शिक्षक को बच्ची से छेड़छाड़ करने पर,गुस्साई महिलाओं ने चप्पलों से पीट-पीटकर सिखाया सबक.

दौसा के एक सरकारी स्कूल में हेडमास्टर राजेंद्र सिंह गुर्जर ने आठवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़ की। डरी-सहमी छात्रा ने परिजनों को बताया, जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों और महिलाओं ने हेडमास्टर की चप्पल-जूतों से पिटाई की और कपड़े फाड़े। पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर हेडमास्टर को हिरासत में लिया। शिक्षा विभाग ने उसे निलंबित कर जांच शुरू की। ग्रामीणों में आक्रोश, कड़ी सजा की मांग।

Aug 28, 2025 - 16:51
सरकारी स्कूल के शिक्षक को बच्ची से छेड़छाड़ करने पर,गुस्साई महिलाओं ने चप्पलों से पीट-पीटकर सिखाया सबक.

राजस्थान के दौसा जिले में एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर ने शिक्षा के मंदिर को शर्मसार कर दिया। आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा के साथ अश्लील हरकत करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों और खासकर महिलाओं ने आरोपी हेडमास्टर की चप्पल-जूतों से पिटाई कर दी और उसके कपड़े तक फाड़ डाले। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

क्या है पूरा मामला? 

जानकारी के अनुसार, दौसा जिले के एक सरकारी स्कूल में कार्यरत हेडमास्टर राजेंद्र सिंह गुर्जर पर आरोप है कि उसने आठवीं कक्षा की एक नाबालिग छात्रा के साथ छेड़छाड़ की। घटना उस समय हुई जब स्कूल में पढ़ाई चल रही थी। बताया जा रहा है कि हेडमास्टर ने छात्रा को अकेले में बुलाकर उसके साथ अश्लील हरकत की। इस घटना से डरी-सहमी छात्रा दोपहर के लंच ब्रेक में घर पहुंची और रोते हुए परिजनों को अपनी आपबीती सुनाई। छात्रा ने बताया कि हेडमास्टर ने न केवल उसके साथ गलत व्यवहार किया, बल्कि उसे धमकी भी दी कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। छात्रा की बात सुनकर परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना गांव के अन्य लोगों को दी, जिसके बाद गुस्साए ग्रामीण स्कूल पहुंच गए।

ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, हेडमास्टर की पिटाई 

स्कूल पहुंचने पर ग्रामीणों, खासकर महिलाओं का गुस्सा सातवें आसमान पर था। उन्होंने हेडमास्टर राजेंद्र सिंह गुर्जर को घेर लिया और उसकी चप्पल-जूतों से पिटाई शुरू कर दी। गुस्से में कुछ लोगों ने उसके कपड़े तक फाड़ डाले। मौके पर मौजूद अन्य शिक्षकों और स्कूल स्टाफ ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन भीड़ का आक्रोश कम नहीं हुआ। सूचना मिलते ही बसवा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और हेडमास्टर को हिरासत में लिया। पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया।

पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच शुरू 

बसवा थाना प्रभारी सचिन शर्मा ने बताया कि छात्रा के परिजनों की शिकायत पर हेडमास्टर राजेंद्र सिंह गुर्जर के खिलाफ पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है। छात्रा के ताऊ ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि यह पहला मौका नहीं है, बल्कि हेडमास्टर पिछले एक साल से इस तरह की हरकतें कर रहा था। पहले भी उसने छात्रा के साथ छेड़छाड़ की थी, लेकिन गांव के कुछ लोगों की समझाइश के चलते मामला दब गया था। इस बार परिजनों ने सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में दो अन्य छात्राओं ने भी हेडमास्टर पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं। पुलिस ने छात्राओं के बयान दर्ज करने शुरू कर दिए हैं और स्कूल परिसर का मौका-मुआयना भी किया जा रहा है। साथ ही, एक शिक्षिका पर भी हेडमास्टर का साथ देने का आरोप लगा है, जिसकी जांच की जा रही है।

शिक्षा विभाग ने लिया एक्शन 

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी हेडमास्टर राजेंद्र सिंह गुर्जर को निलंबित कर दिया है। उसे ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय, लालसोट में उपस्थिति देने के आदेश दिए गए हैं। शिक्षा विभाग ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है और सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

ग्रामीणों में आक्रोश, मांगी कड़ी सजा 

इस घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों में भारी रोष है। उनका कहना है कि स्कूल जैसी पवित्र जगह पर इस तरह की घटनाएं शिक्षक-छात्र के रिश्ते को कलंकित करती हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि आरोपी हेडमास्टर को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई भी शिक्षक ऐसी हरकत करने की हिम्मत न करे।

छात्रा की हालत और सामाजिक प्रतिक्रिया 

घटना के बाद पीड़ित छात्रा सदमे में है और उसने स्कूल जाना बंद कर दिया है। परिजनों का कहना है कि वह डरी हुई है और बार-बार रो रही है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। 

यह घटना न केवल दौसा जिले, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। स्कूल, जहां बच्चों को सुरक्षित माहौल में शिक्षा मिलनी चाहिए, वहां इस तरह की घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं। पुलिस और शिक्षा विभाग की कार्रवाई से उम्मीद है कि दोषी को सजा मिलेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगेगा। फिलहाल, मामले की जांच जारी है और लोग इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि न्याय कब और कैसे मिलेगा।