बिहार के धराली में चमत्कार! बाढ़ में लापता माने गए तीन मजदूर घर लौटे, अंतिम संस्कार की तैयारी के बीच खुशी की लहर.
बिहार के धराली में बाढ़ में लापता माने गए तीन मजदूर अचानक घर लौट आए, जब उनके परिवार अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे। यह हृदयस्पर्शी पल खुशी में बदल गया, और गाँव में उत्सव का माहौल बन गया। यह घटना बाढ़ की त्रासदी के बीच उम्मीद की किरण बनकर उभरी।

बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र धराली में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि पूरे क्षेत्र को आश्चर्य और खुशी से भर दिया। धराली के एक दूरदराज गाँव के तीन मजदूर, जिन्हें बाढ़ की आपदा में मृत मान लिया गया था, अचानक अपने घर लौट आए। यह घटना उस समय हुई जब उनके परिवारवाले उनके अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुटे थे। यह हृदयविदारक क्षण देखते ही देखते खुशी के उत्सव में बदल गया।
क्या हुआ था?
हाल ही में बिहार के कई हिस्सों में गंगा और अन्य नदियों के उफान के कारण बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। धराली, जो पश्चिम चंपारण जिले में स्थित है, भी इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में आया। इस बाढ़ के दौरान कई लोग लापता हो गए थे, जिनमें ये तीन मजदूर भी शामिल थे। ये मजदूर अपने गाँव से दूर काम की तलाश में गए थे और बाढ़ के कारण उनसे संपर्क टूट गया था। स्थानीय प्रशासन और परिजनों ने लंबी खोजबीन के बाद उन्हें मृत मान लिया और उनके अंतिम संस्कार की तैयारियाँ शुरू कर दी थीं।
घर वापसी और खुशी का माहौल
जब ये तीनों मजदूर अचानक अपने गाँव लौटे, तो परिजनों और गाँव वालों के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं था। बताया जा रहा है कि ये मजदूर बाढ़ के दौरान फँस गए थे और संचार के साधनों के अभाव में अपने परिवार से संपर्क नहीं कर पाए। कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए, वे किसी तरह सुरक्षित अपने घर पहुँच गए। उनके लौटने की खबर सुनते ही परिवार में मातम का माहौल खुशी में बदल गया। गाँव में उत्सव जैसा माहौल बन गया,
परिवार और गाँव वालों की प्रतिक्रिया
परिजनों ने बताया कि वे इस सदमे से उबर नहीं पा रहे थे और अंतिम संस्कार की तैयारियाँ कर रहे थे। लेकिन अचानक अपने प्रियजनों को जीवित देखकर उनकी आँखों में खुशी के आँसू छलक पड़े। गाँव वालों ने भी इस घटना को एक अनोखा और प्रेरणादायक क्षण बताया। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "हमने सोचा था कि हमने उन्हें खो दिया है, लेकिन गंगा मैया ने उन्हें वापस लौटा दिया। यह हमारे लिए एक नई उम्मीद है।
"प्रशासन की भूमिका
स्थानीय प्रशासन ने इस घटना पर खुशी जताई और बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। नरकटियागंज के एसडीओ सूर्य प्रकाश गुप्ता ने निर्देश दिए हैं कि लापता लोगों की सूची तैयार की जाए ताकि उनके परिजनों को सरकारी सहायता मिल सके। इसके अलावा, प्रशासन ने उत्तराखंड और बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि लापता लोगों की जानकारी जुटाई जा सके।
बिहार में बाढ़ की स्थिति
बिहार में इस साल बाढ़ ने कई जिलों को प्रभावित किया है, जिसमें भागलपुर, भोजपुर, मुंगेर, बेगूसराय, खगड़िया, और पश्चिम चंपारण जैसे क्षेत्र शामिल हैं। गंगा, कोसी, और अन्य नदियों के बढ़ते जलस्तर ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है, और कई लोग अभी भी अपने घरों से विस्थापित हैं। राहत कार्यों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार जुटी हुई हैं, और बिहार सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर और सामुदायिक किचन की व्यवस्था की है।
धराली की यह घटना न केवल एक चमत्कारिक कहानी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि विपत्ति के समय भी उम्मीद की किरण बाकी रहती है। इन तीन मजदूरों की घर वापसी ने न केवल उनके परिवारों, बल्कि पूरे गाँव को एक नया उत्साह और विश्वास दिया है। यह कहानी बिहार के उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन सकती है जो बाढ़ की इस त्रासदी से जूझ रहे हैं।