भारत-पाकिस्तान एशिया कप 2025 मैच क्यों नहीं होगा रद्द? BCCI ने बताए 4 बड़े नुकसान.
एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान मैच को रद्द करने की मांग के बीच BCCI ने साफ किया कि ऐसा करना आसान नहीं। पहलगाम हमले के बाद फैंस और हरभजन सिंह जैसे क्रिकेटर मैच के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं, लेकिन BCCI ने चार बड़े नुकसान गिनाए: पाकिस्तान को वॉकओवर, ACC में भारत का दबदबा कम होना, ICC की राजनीति में कमजोरी, और ब्रॉडकास्टर्स को भारी नुकसान। हालांकि, अंतिम फैसला सरकार पर निर्भर है, और बिहार चुनाव के दौरान दबाव बढ़ सकता है। क्या यह रोमांचक मुकाबला होगा या रद्द? यह देखना बाकी है!
एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला बहुप्रतीक्षित मुकाबला 14 सितंबर को दुबई में होना तय है। इस मैच को लेकर भारत में जबरदस्त चर्चा और विवाद चल रहा है। अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, और इसके बाद भारत द्वारा शुरू किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद कई प्रशंसक और पूर्व क्रिकेटर, जैसे हरभजन सिंह, इस मैच का बहिष्कार करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसी परिस्थितियों में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना उचित नहीं है। इसके बावजूद, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) इस मैच को रद्द करने के पक्ष में नहीं है। BCCI के शीर्ष अधिकारियों ने इसके पीछे चार बड़े कारण बताए हैं, जिनके चलते भारत-पाकिस्तान मैच रद्द करना मुश्किल है। आइए जानते हैं ये कारण और इस मामले की पूरी सच्चाई।
1. पाकिस्तान को वॉकओवर मिलने का खतरा
BCCI के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, अगर भारत इस मैच को नहीं खेलता या बहिष्कार करता है, तो यह पाकिस्तान को वॉकओवर देने जैसा होगा। एशिया कप एक बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट है, न कि द्विपक्षीय सीरीज। अगर भारत इस मैच में नहीं खेलता, तो नियमों के अनुसार पाकिस्तान को पूरे अंक मिल जाएंगे, जिससे ग्रुप स्टेज में भारत की स्थिति कमजोर हो सकती है। इससे भारत की सेमीफाइनल और फाइनल में पहुंचने की संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं। BCCI का मानना है कि यह भारतीय प्रशंसकों के लिए स्वीकार्य नहीं होगा।
2. एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) में भारत का दबदबा कमजोर होगा
अगर भारत इस मैच का बहिष्कार करता है, तो इसका असर एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) में भारत के प्रभाव पर पड़ सकता है। BCCI का ACC में मजबूत दबदबा है, और भारत-पाकिस्तान मैच टूर्नामेंट की लोकप्रियता और कमाई का सबसे बड़ा स्रोत है। अगर यह मैच नहीं होता, तो टूर्नामेंट की चमक फीकी पड़ सकती है, जिससे ACC की आय पर असर पड़ेगा। इससे ACC के अन्य 24 सदस्य देश, जो ज्यादातर विकासशील क्रिकेट राष्ट्र हैं, आर्थिक रूप से प्रभावित होंगे। इसके परिणामस्वरूप, पाकिस्तान ACC में अन्य देशों को भारत के खिलाफ करने की कोशिश कर सकता है, जिससे भारत का प्रभाव कम हो सकता है।
3. ICC की राजनीति में BCCI की स्थिति कमजोर होगी
BCCI का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) में भी मजबूत प्रभाव है। ICC में किसी भी बड़े फैसले के लिए वोटिंग में एशियाई देश अक्सर भारत का समर्थन करते हैं, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है। उदाहरण के लिए, ICC टूर्नामेंट की मेजबानी जैसे मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान अक्सर एक साथ वोट करते हैं। अगर भारत इस मैच का बहिष्कार करता है, तो यह ICC की राजनीति में BCCI की स्थिति को कमजोर कर सकता है। इससे भविष्य में भारत के लिए ICC में अपने हितों को सुरक्षित रखना मुश्किल हो सकता है।
4. ब्रॉडकास्टर्स को भारी आर्थिक नुकसान
भारत-पाकिस्तान मैच क्रिकेट की दुनिया में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला मुकाबला है, जो भारी विज्ञापन आय लाता है। BCCI अधिकारी के अनुसार, इस मैच के लिए 10 सेकंड के विज्ञापन स्लॉट 25 से 30 लाख रुपये में बिकते हैं, जबकि भारत के अन्य मैचों के लिए यह राशि लगभग आधी होती है। अगर यह मैच रद्द होता है, तो ब्रॉडकास्टर्स, जैसे कि सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया, को भारी नुकसान होगा, जो 2024 में 170 मिलियन डॉलर के 8 साल के मीडिया राइट्स डील का हिस्सा है। इससे BCCI की ब्रॉडकास्टर्स के बीच विश्वसनीयता भी कम हो सकती है, क्योंकि भारत-पाकिस्तान मैच की गारंटी के आधार पर ही यह डील हुई थी।
क्या भारत-पाकिस्तान मैच हर हाल में होगा?
हालांकि BCCI इन नुकसानों को देखते हुए मैच को बनाए रखना चाहता है, लेकिन अंतिम फैसला सरकार के दिशानिर्देशों पर भी निर्भर करेगा। खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि अभी तक इस मामले में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं मिला है। दूसरी ओर, सितंबर 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दबाव बढ़ सकता है, क्योंकि जनता का एक बड़ा वर्ग इस मैच का विरोध कर रहा है। सोशल मीडिया पर भी BCCI और सरकार की आलोचना हो रही है। उदाहरण के लिए, शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे और प्रियंका चतुर्वेदी ने BCCI पर राष्ट्रीय हितों के बजाय कमाई को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया है।
इसके अलावा, कुछ पूर्व क्रिकेटरों जैसे मोहम्मद अजहरुद्दीन और केदार जाधव ने भी इस मैच के बहिष्कार की वकालत की है, जबकि सौरव गांगुली ने कहा है कि खेल को आतंकवाद से अलग रखकर आगे बढ़ना चाहिए। दूसरी ओर, सुनील गावस्कर ने खिलाड़ियों का बचाव करते हुए कहा कि वे केवल सरकार और BCCI के निर्देशों का पालन कर रहे हैं, इसलिए उनकी आलोचना गलत है।
क्या है मौजूदा स्थिति?
BCCI ने 19 अगस्त 2025 को एशिया कप के लिए भारतीय टीम की घोषणा कर दी है, जिसमें सूर्यकुमार यादव कप्तान और शुभमन गिल उप-कप्तान होंगे। यह संकेत देता है कि BCCI फिलहाल इस मैच को खेलने की तैयारी में है। हालांकि, अगर सरकार की ओर से आखिरी समय में कोई नया निर्देश आता है, तो BCCI को अपना फैसला बदलना पड़ सकता है।
भारत-पाकिस्तान मैच को रद्द करने की मांग के बावजूद, BCCI के लिए यह फैसला आसान नहीं है। खेल, राजनीति, और आर्थिक हितों का यह जटिल मिश्रण है, जिसमें BCCI को न केवल अपनी विश्वसनीयता और प्रभाव बनाए रखना है, बल्कि जनता की भावनाओं और सरकार के निर्देशों का भी सम्मान करना है। आने वाले दिनों में इस मामले पर और स्पष्टता मिलने की उम्मीद है, लेकिन फिलहाल यह मैच तय समय पर होने की संभावना प्रबल है।