लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे के पास एक सनसनीखेज चोरी ने तकनीकी जगत में हलचल मचा दी है। सैमसंग के 12,000 स्मार्टफोन और डिवाइस से भरे एक ट्रक को चोरों ने फिल्मी अंदाज में चुरा लिया, जिसकी कुल कीमत लगभग 91 करोड़ रुपये (10.6 मिलियन डॉलर) है। इस ट्रक में सैमसंग के नवीनतम फ्लैगशिप डिवाइस, जैसे गैलेक्सी जेड फोल्ड 7, जेड फ्लिप 7, और गैलेक्सी वॉच 8 शामिल थे। यह घटना सैमसंग की आपूर्ति श्रृंखला और लॉजिस्टिक्स सुरक्षा पर सवाल उठाती है।
चोरी का फिल्मी अंदाज
कोरियाई समाचार एजेंसी योनहाप न्यूज टीवी के अनुसार, यह चोरी 4 अगस्त 2025 को तब हुई, जब ट्रक हीथ्रो हवाई अड्डे से एक नजदीकी वेयरहाउस की ओर जा रहा था। ट्रक में 5,000 गैलेक्सी जेड फोल्ड 7, 5,000 गैलेक्सी जेड फ्लिप 7, और 2,000 गैलेक्सी वॉच 8 यूनिट्स के साथ-साथ गैलेक्सी S25 सीरीज और गैलेक्सी A16 के डिवाइस थे। चोरों ने सुनियोजित तरीके से ट्रक को निशाना बनाया, और यह पूरी घटना किसी हॉलीवुड फिल्म की तरह लगती है। ट्रक के गायब होने की सूचना मिलते ही ब्रिटिश पुलिस ने जांच शुरू की और कंटेनर को बरामद कर लिया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि स्मार्टफोन और अन्य डिवाइस वापस मिले या नहीं।
सैमसंग के प्रीमियम डिवाइस निशाने पर
चोरी गए डिवाइस सैमसंग के सबसे महंगे और नवीनतम मॉडल थे। गैलेक्सी जेड फोल्ड 7 और जेड फ्लिप 7, जो हाल ही में 9 जुलाई 2025 को लॉन्च किए गए, सैमसंग की फोल्डेबल सीरीज के सबसे पतले और उन्नत मॉडल हैं। यूनाइटेड किंगडम में जेड फोल्ड 7 की कीमत 1,799 पाउंड (लगभग 2,400 डॉलर) और जेड फ्लिप 7 की कीमत 1,219.99 डॉलर है। इनकी उच्च कीमत के कारण चोरों ने इन्हें निशाना बनाया, संभवतः इन्हें काले बाजार में बेचने की योजना थी। इसके अलावा, गैलेक्सी वॉच 8 और S25 सीरीज जैसे डिवाइस भी इस चोरी का हिस्सा थे, जिससे कुल नुकसान 91 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
सैमसंग की प्रतिक्रिया और सुरक्षा उपाय
सैमसंग ने इस चोरी पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी जल्द ही इन डिवाइस को उनके IMEI नंबर के आधार पर ब्लैकलिस्ट कर सकती है, जिससे चोरी गए फोन और वॉच बेकार हो जाएंगे। यह उपाय चोरों के लिए काले बाजार में डिवाइस बेचना मुश्किल कर देगा, क्योंकि ब्लैकलिस्टेड डिवाइस एक्टिवेट नहीं हो सकते। चूंकि शिपमेंट इंश्योर्ड था, सैमसंग को वित्तीय नुकसान नहीं होगा, लेकिन यह घटना कंपनी की लॉजिस्टिक्स और सुरक्षा प्रणालियों पर सवाल उठाती है। सैमसंग अब अपनी आपूर्ति श्रृंखला में सुरक्षा बढ़ाने पर विचार कर रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी चोरियां
यह पहली बार नहीं है जब स्मार्टफोन की इतनी बड़ी चोरी हुई है। 2020 में नोएडा, भारत में सैमसंग गैलेक्सी फोन के पार्ट्स, जिनकी कीमत 3.3 लाख डॉलर थी, चोरी हो गए थे। इस मामले में नोएडा पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें तीन ट्रक ड्राइवर शामिल थे। 2024 में भी 2,549 सैमसंग फोन चोरी होने की घटना सामने आई थी, जिसके बाद गिरोह को पकड़ा गया। इसके अलावा, 2023 में अमेरिका में एक एपल स्टोर से 436 आईफोन, जिनकी कीमत 4.1 करोड़ रुपये थी, एक कॉफी शॉप के बाथरूम से सुरंग बनाकर चुराए गए थे। ये घटनाएं हाई-टेक चोरियों की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती हैं।
लॉजिस्टिक्स और सुरक्षा पर सवाल
इस चोरी ने तकनीकी कंपनियों की लॉजिस्टिक्स और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। हीथ्रो जैसे व्यस्त हवाई अड्डे पर इतनी बड़ी चोरी का होना दर्शाता है कि चोरों ने पहले से पूरी योजना बनाई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं तब होती हैं जब चोरों को शिपमेंट की सटीक जानकारी मिलती है, जो आंतरिक लीक की संभावना को दर्शाता है। ब्रिटिश पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है, और सैमसंग से सहयोग की उम्मीद है। इस घटना के बाद, तकनीकी कंपनियों को अपनी आपूर्ति श्रृंखला में ड्रोन, GPS ट्रैकिंग, और सशस्त्र सुरक्षा जैसे उपायों को बढ़ाने की जरूरत है।