कैब और बाइक में डैशकैम व पैनिक बटन से बढ़ेगी सेफ्टी,महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस का अनोखा कदम
महिलाओं की सुरक्षा के लिए कैब और बाइक में डैशकैम और पैनिक बटन लगाने की पहल शुरू की, जो राजकॉप एप से जुड़कर आपात स्थिति में तुरंत मदद सुनिश्चित करेगा।

जयपुर शहर में महिलाओं और बच्चियों के सुरक्षित सफर को सुनिश्चित करने के लिए जयपुर पुलिस ने एक बड़ी पहल शुरू की है। अब शहर में चलने वाली कैब और बाइक में डैशकैम और पैनिक बटन लगाए जा रहे हैं। यह कदम महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने और उनके खिलाफ होने वाली छेड़छाड़ या अपराधों को रोकने के लिए उठाया गया है।
पैनिक बटन और डैशकैम: सुरक्षा का नया ढाल
जयपुर पुलिस ने ओला, उबर जैसी कैब सेवाओं और बाइक टैक्सी में पैनिक बटन और डैशकैम इंस्टॉल करने की शुरुआत कर दी है। पैनिक बटन को राजकॉप एप से जोड़ा जाएगा, जिससे आपात स्थिति में एक बटन दबाते ही नजदीकी पुलिस को तुरंत सूचना मिलेगी और मदद मौके पर पहुंचेगी। डैशकैम के जरिए सफर के दौरान की गतिविधियों की रिकॉर्डिंग होगी, जो किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में सबूत के तौर पर काम आएगी।
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया, "हमारा मकसद है कि जयपुर में कोई भी महिला या बच्ची कैब या बाइक में असुरक्षित महसूस न करे। कई बार अकेले सफर करने वाली महिलाओं को छेड़छाड़ या अन्य जोखिमों का सामना करना पड़ता है। डैशकैम और पैनिक बटन जैसे उपायों से न केवल उनकी सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि अपराधियों में भी डर पैदा होगा।"
एनजीओ के साथ मिलकर हो रहा काम
इस पहल को लागू करने के लिए जयपुर पुलिस ने गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ हाथ मिलाया है। अभी तक 255 कैब में डैशकैम लगाए जा चुके हैं, और यह प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। पुलिस का लक्ष्य है कि जल्द से जल्द सभी कैब और बाइक में ये सुरक्षा उपकरण लगाए जाएं।
"कोई गलत हरकत नहीं बचेगी बख्शी"
कमिश्नर जोसफ ने महिलाओं को भरोसा दिलाया कि अगर कोई भी व्यक्ति कैब या बाइक में उनके साथ गलत व्यवहार करता है, तो वह इन उपकरणों का इस्तेमाल कर तुरंत मदद मांग सकती हैं। उन्होंने कहा, "पैनिक बटन दबाते ही पुलिस मौके पर पहुंचेगी और दोषी को कतई बख्शा नहीं जाएगा। इन उपायों से अपराधियों की हिम्मत टूटेगी और महिलाएं बेफिक्र होकर सफर कर सकेंगी।"
जयपुर पुलिस की अपील
जयपुर पुलिस ने शहर की सभी महिलाओं से अपील की है कि वे इन नए सुरक्षा उपायों का उपयोग करें और किसी भी मुश्किल स्थिति में पैनिक बटन का इस्तेमाल करने से न हिचकें। यह पहल न केवल जयपुर बल्कि पूरे प्रदेश और देश के लिए एक मिसाल बन सकती है।