किसान की हत्या से भड़का तनाव: आगजनी, पथराव और पुलिस की सख्त कार्रवाई

डांगरी गांव में किसान खेत सिंह की हत्या के बाद तनाव फैल गया, ग्रामीणों ने दुकानों और डंपर में आग लगाई, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। प्रशासन ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

Sep 4, 2025 - 18:35
किसान की हत्या से भड़का तनाव: आगजनी, पथराव और पुलिस की सख्त कार्रवाई

जैसलमेर  से करीब 70 किलोमीटर दूर फतेहगढ़ उपखंड के डांगरी गांव में एक किसान की निर्मम हत्या ने इलाके में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। 2 सितंबर की रात, सुमेलनगर गांव के 50 वर्षीय किसान खेत सिंह पर कुछ बदमाशों ने धारदार हथियार से हमला कर दिया। खेत सिंह अपने खेत में सो रहे थे, जहां ग्वार की फसल की रखवाली कर रहे थे। गंभीर रूप से घायल खेत सिंह को सुबह ग्रामीणों ने देखा और फतेहगढ़ के सरकारी अस्पताल पहुंचाया। वहां से उन्हें बाड़मेर रेफर किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

बताया जाता है कि खेत सिंह ने कुछ लोगों को हिरण का शिकार करने से रोका था, जिसके चलते बदमाशों ने रंजिश में उनकी हत्या कर दी। इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश फैला दिया, जिसके बाद गांव में हिंसा भड़क उठी।

हिंसा और आगजनी ने बढ़ाया तनाव

हत्याकांड के बाद, 3 सितंबर को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। शाम करीब 6 बजे कुछ लोगों ने गांव में एक टायर-ट्यूब की दुकान में आग लगा दी, जिसकी चपेट में पास की तीन अन्य दुकानें भी आ गईं। देर रात करीब 11 बजे भीड़ ने आरोपी के एक डंपर को भी आग के हवाले कर दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा। गुस्साई भीड़ ने पुलिस की गाड़ियों पर पथराव भी किया।

इस दौरान, 'डांगरी चलो' का नारा बुलंद हुआ, जिसके तहत भारी संख्या में लोग गांव में जमा होने लगे। स्थिति को संभालने के लिए जिला कलेक्टर प्रताप सिंह और पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे मौके पर पहुंचे। पुलिस ने गांव में बैरिकेडिंग की और लोगों से घरों में रहने की अपील की।

भाजपा नेताओं का धरना और अतिक्रमण हटाने की मांग

घटना के बाद, भाजपा नेता स्वरूप सिंह खारा के नेतृत्व में डांगरी गांव से करीब 2 किलोमीटर दूर एक बड़ा जमावड़ा हुआ। भाजपा जिलाध्यक्ष दलपत राम मेघवाल, पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी समेत कई नेता धरने में शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों के मकानों और एक धार्मिक स्थल को हटाने की मांग की, जिसे वे अवैध अतिक्रमण बता रहे थे। स्वरूप सिंह ने प्रशासन को अल्टीमेटम देते हुए कहा, "या तो मकान हटाए जाएं, नहीं तो हम खुद कार्रवाई करेंगे।"

स्वरूप सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि शिकारियों के हौसले वन विभाग की निष्क्रियता के कारण बुलंद हैं। उन्होंने कहा, "खेत सिंह ने हिरण का शिकार रोकने की कोशिश की थी, जिसके बाद उसे धमकियां मिलीं और फिर हत्या कर दी गई। यह कानून का मखौल है।"

वन विभाग पर उदासीनता का आरोप

स्थानीय जीव प्रेमी सुमेर सिंह ने बताया कि खेत सिंह जैसे कई लोग इस क्षेत्र में वन्यजीवों की रक्षा के लिए जागरूकता फैलाते हैं, लेकिन वन विभाग की उदासीनता के कारण शिकारियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने कहा, "ग्रामीण शिकार की घटनाओं की सूचना देते हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कोई कदम नहीं उठाते।"

केंद्रीय मंत्री का बयान

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "ऐसी घटनाओं का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है। प्रशासन दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेगा। पीड़ित परिवार को न्याय जरूर मिलेगा।"

खेत सिंह का परिवार और उनकी विरासत

खेत सिंह सुमेलनगर गांव के निवासी थे और ज्यादातर समय अपने खेत में बिताते थे। उनके परिवार में एक बेटी और तीन बेटे हैं। उनकी हत्या ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि पूरे गांव को झकझोर दिया है। ग्रामीण उन्हें एक साहसी और जागरूक व्यक्ति के रूप में याद कर रहे हैं, जो वन्यजीवों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहता था।

प्रशासन की कार्रवाई और आगे की स्थिति

पुलिस ने गांव में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त फोर्स तैनात की है। जिला प्रशासन और पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। एसपी अभिषेक शिवहरे ने कहा, "हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।" इस बीच, ग्रामीणों का कहना है कि जब तक अतिक्रमण हटाने और शिकारियों पर कार्रवाई की मांग पूरी नहीं होगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

Yashaswani Journalist at The Khatak .