अडानी डिफेंस की ₹15,000 करोड़ की AMCA स्टील्थ फाइटर जेट परियोजना में भागीदारी की तैयारी.
गौतम अडानी की कंपनी, अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस, भारत के ₹15,000 करोड़ के AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) प्रोजेक्ट में हिस्सा लेने को तैयार है। यह पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट कार्यक्रम है, जिसे DRDO और ADA संचालित कर रहे हैं। बोली की अंतिम तारीख 30 सितंबर 2025 है, और पहला जेट 2034-35 तक वायु सेना में शामिल हो सकता है। यह विमान रडार से बचने, उन्नत सेंसर और बहुउद्देशीय युद्ध क्षमता के लिए डिज़ाइन किया गया है। अडानी के अलावा टाटा, L&T, महिंद्रा जैसी कंपनियां भी दौड़ में हैं। यह परियोजना भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता और वैश्विक एयरोस्पेस में पहचान को बढ़ाएगी।

गौतम अडानी की अगुवाई वाली अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने भारत के महत्वाकांक्षी रक्षा कार्यक्रम, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) में हिस्सा लेने की घोषणा की है। यह भारत का पहला पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान परियोजना है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) संचालित कर रही है। इस परियोजना के लिए बोली लगाने की अंतिम तारीख 30 सितंबर 2025 है, और अडानी डिफेंस ने इसमें अपनी रुचि की पुष्टि की है। कंपनी के सीईओ आशीष राजवंशी ने बताया कि यह 10 साल का विकास कार्यक्रम है, जिसके तहत पहला AMCA फाइटर जेट 2034-35 तक भारतीय वायु सेना में शामिल हो सकता है।
AMCA परियोजना का महत्व
AMCA भारत का अब तक का सबसे महत्वपूर्ण और तकनीकी रूप से उन्नत लड़ाकू विमान विकास कार्यक्रम है। यह दो इंजनों वाला, पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है, जो हवाई युद्ध, जमीनी हमले, और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर मिशनों में सक्षम होगा। इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं:
स्टील्थ तकनीक: दुश्मन के रडार से बचने की क्षमता, जिससे यह युद्धक्षेत्र में लगभग अदृश्य रहता है।
उन्नत सेंसर और कंप्यूटर सिस्टम: युद्ध के दौरान सटीक और वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने में सक्षम।
आंतरिक हथियार : हथियार विमान के भीतर छिपे होते हैं, जिससे रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) कम रहता है और रडार की पकड़ में आने का खतरा न्यूनतम होता है।
बहुउद्देशीय क्षमता: यह विमान हवाई युद्ध, सटीक बमबारी, और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में प्रभावी होगा।
यह परियोजना भारत को अमेरिका, रूस, और चीन जैसे देशों की श्रेणी में ला खड़ा करेगी, जिनके पास पहले से ही पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट हैं। AMCA का विकास न केवल भारतीय वायु सेना को मजबूत करेगा, बल्कि 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को भी साकार करेगा।
अडानी डिफेंस की भूमिका
अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में पहले से ही सक्रिय है। कंपनी ड्रोन, मिसाइल, छोटे हथियार, रडार, और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम जैसे उत्पादों का निर्माण करती है। AMCA प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए कंपनी रुचि पत्र (Expression of Interest - EoI) जमा करने की तैयारी कर रही है। बोली की अंतिम तारीख 30 सितंबर 2025 है। आशीष राजवंशी ने कहा कि अगर कंपनी को यह प्रोजेक्ट मिलता है, तो प्रारंभिक विकास के बाद बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू किया जाएगा।
अडानी डिफेंस की कानपुर स्थित फैक्ट्री में पहले से ही गोला-बारूद और मिसाइलों का उत्पादन हो रहा है, जिसकी क्षमता को अगले कुछ महीनों में दोगुना करने की योजना है। कंपनी ड्रोन, बुलेटप्रूफ जैकेट, और हेलीकॉप्टर जैसे उत्पादों पर भी काम कर रही है, जो 'मेक इन इंडिया' पहल का हिस्सा हैं।
सरकार का समर्थन और उद्योग भागीदारी
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में AMCA परियोजना को मंजूरी दी है, जिसके तहत पहली बार सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों को मिलकर काम करने का अवसर दिया गया है। इस परियोजना के लिए शुरुआती चरण में ₹15,000 करोड़ का निवेश अनुमानित है, जिसमें प्रोटोटाइप विकास, परीक्षण, और प्रमाणन शामिल हैं। ADA ने निजी कंपनियों को इस परियोजना में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है, जिससे भारत के एयरोस्पेस उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
अन्य कंपनियों की भागीदारी
AMCA परियोजना में अडानी डिफेंस के अलावा कई अन्य प्रमुख भारतीय कंपनियां भी बोली लगाने की दौड़ में हैं। इनमें टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, L&T, महिंद्रा एयरोस्पेस, डायनामेटिक टेक्नोलॉजीज, भारत फोर्ज, आजाद इंजीनियरिंग, और गोदरेज एयरोस्पेस शामिल हैं। ये कंपनियां भी भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए इस परियोजना में योगदान देना चाहती हैं।
भविष्य की संभावनाएं
AMCA परियोजना के तहत पहला प्रोटोटाइप 2034-35 तक तैयार होने की उम्मीद है। इसके बाद बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू होगा, जो भारतीय वायु सेना की ताकत को और बढ़ाएगा। अडानी डिफेंस जैसे निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों की भागीदारी से न केवल परियोजना की गति बढ़ेगी, बल्कि भारत के रक्षा क्षेत्र में नवाचार और निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस की AMCA परियोजना में भागीदारी भारत के रक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। ₹15,000 करोड़ की इस परियोजना से भारत न केवल अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर एयरोस्पेस उद्योग में अपनी पहचान भी बनाएगा। 30 सितंबर 2025 तक की बोली प्रक्रिया के नतीजे इस परियोजना के भविष्य को और स्पष्ट करेंगे।