ऑनलाइन सट्टा रैकेट का पर्दाफाश: बिजली विभाग का टेक्नीशियन सस्पेंड, फरार आरोपी की तलाश में पुलिस
उदयपुर में ऑनलाइन सट्टा रैकेट का पर्दाफाश, बिजली विभाग के टेक्नीशियन नवल शर्मा को निलंबित किया गया, जो नौ महीने से ड्यूटी से गैरहाजिर और फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।

उदयपुर के बिजली विभाग में टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत नवल शर्मा उर्फ मेडी को ऑनलाइन गेमिंग सट्टा मामले में मुख्य आरोपी होने के चलते निलंबित कर दिया गया है। विभाग के प्रबंध निदेशक (एमडी) केपी वर्मा के निर्देश पर अधीक्षण अभियंता कमलीराम मीणा ने यह कार्रवाई की। एमडी वर्मा ने बताया कि नवल शर्मा पिछले नौ महीनों से ड्यूटी से अनुपस्थित था। इस मामले के संज्ञान में आने के बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे सस्पेंड किया गया है।
ऑनलाइन सट्टा रैकेट का खुलासा, दो गिरफ्तार
पुलिस ने 31 अगस्त 2025 को अंबामाता थाना क्षेत्र के देवाली चौराहा स्थित एक मकान में छापा मारकर ऑनलाइन गेमिंग सट्टा रैकेट का पर्दाफाश किया था। इस दौरान आरोपी मयंक सिंह रत्नावत को गिरफ्तार किया गया, जबकि छह मोबाइल फोन, छह सिम कार्ड, सात एटीएम कार्ड और कई चेक बरामद किए गए। पूछताछ में रत्नावत ने खुलासा किया कि वह अर्पित और नवल शर्मा के साथ मिलकर इस अवैध धंधे को अंजाम दे रहा था। मयंक और अर्पित को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन नवल शर्मा अभी भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
विभागीय लापरवाही पर उठे सवाल
नवल शर्मा उदयपुर के बड़गांव एईएन कार्यालय में टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत था, लेकिन वह पिछले नौ महीनों से ड्यूटी पर नहीं आ रहा था। हैरानी की बात यह है कि इस दौरान न तो सहायक अभियंता (एईएन), न ही कार्यकारी अभियंता (एक्सईएन) और न ही अधीक्षण अभियंता (एसई) ने उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की। इस लापरवाही ने विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एईएन का दावा: अनुपस्थिति की जानकारी दी थी
एईएन वीरेन्द्र मीणा ने बताया कि उन्होंने 16 जनवरी 2025 को कार्यभार संभाला था। इसके बाद पहली बार नवल शर्मा को 5 अगस्त 2025 को देखा, जब वह पितृत्व अवकाश (पेटरनिटी लीव) के लिए आया था। मीणा ने दावा किया कि नवल की लगातार अनुपस्थिति के बारे में उन्होंने एक्सईएन और एसई को लिखित में सूचित किया था। हालांकि, इस संबंध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
दुबई से चला रहा था सट्टा रैकेट?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, नवल शर्मा दुबई में रहकर इस ऑनलाइन सट्टा रैकेट को संचालित कर रहा था। वह बीते महीने ही उदयपुर लौटा था। अधीक्षण अभियंता कमलीराम मीणा ने कहा कि नवल की अनुपस्थिति की जानकारी थी, लेकिन यह नहीं पता कि वह कहां था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विदेश जाने के लिए विभागीय अनुमति जरूरी होती है, जो नवल ने नहीं ली थी।
बहाने बनाकर बचता रहा नवल
विभागीय सूत्रों के अनुसार, जब भी नवल से उसकी अनुपस्थिति का कारण पूछा जाता, वह अपनी मां की बीमारी, पत्नी की डिलीवरी जैसे पारिवारिक कारण बताकर बात को टाल देता। इसके बावजूद, विभाग ने उस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की, जिससे उसकी गतिविधियों को और बल मिला।
पुलिस की तलाश जारी
पुलिस ने नवल शर्मा की तलाश तेज कर दी है। उसकी गिरफ्तारी से इस ऑनलाइन सट्टा रैकेट के और बड़े खुलासे होने की संभावना है। इस मामले ने न केवल बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि ऑनलाइन सट्टेबाजी जैसे अवैध कारोबारों पर भी गंभीर चिंता जताई है।