जिन्होंने स्कूलों को संवारा, उन्हीं प्रिंसिपलों का ट्रांसफर बना विवाद की जड़

दो सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपलों के ट्रांसफर के विरोध में तालाबंदी और प्रदर्शन जारी है। ग्रामीण और छात्र ट्रांसफर रद्द करने की मांग कर रहे हैं, चेतावनी दी कि मांग न मानी तो आंदोलन तेज होगा। जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले से अनभिज्ञता जताई।

Sep 24, 2025 - 14:22
जिन्होंने स्कूलों को संवारा, उन्हीं प्रिंसिपलों का ट्रांसफर बना विवाद की जड़

राजस्थान के दौसा जिले में शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में किए गए स्कूल प्रिंसिपलों के ट्रांसफर ने विवाद को जन्म दे दिया है। बुधवार को जिले के दो सरकारी स्कूलों में तालाबंदी के साथ ग्रामीणों और छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी प्रिंसिपलों के ट्रांसफर रद्द करने की मांग कर रहे हैं और चेतावनी दी है कि मांग पूरी न होने तक आंदोलन जारी रहेगा।

निमाली गांव: प्रिंसिपल देवीसहाय के ट्रांसफर पर भड़के ग्रामीण

कोलवा क्षेत्र के निमाली गांव स्थित गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रिंसिपल देवीसहाय के ट्रांसफर की खबर मिलते ही ग्रामीणों और छात्रों में आक्रोश फैल गया। बुधवार सुबह स्कूल का मुख्य द्वार बंद कर प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि देवीसहाय के कार्यकाल में स्कूल में नामांकन बढ़ा और शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। उन्होंने घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया, जिससे स्कूल की व्यवस्था और अनुशासन में बदलाव आया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि ट्रांसफर रद्द नहीं हुआ तो वे आंदोलन तेज करेंगे।

सिंदूकी गांव: लगातार दूसरे दिन तालाबंदी

महुवा क्षेत्र के सिंदूकी गांव में भी गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल दिनेश चंद धोबी के ट्रांसफर के खिलाफ मंगलवार से तालाबंदी जारी है। बुधवार को भी ग्रामीणों और छात्रों ने स्कूल बंद रखकर शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि प्रिंसिपल ने स्कूल की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया, और उनके ट्रांसफर से पढ़ाई पर असर पड़ेगा। कुछ छात्रों ने तो टीसी कटवाने तक की धमकी दी है। तहसीलदार और सीबीईओ ने मौके पर पहुंचकर समझाइश की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण टस से मस नहीं हुए।

जिला शिक्षा अधिकारी की अनभिज्ञता पर सवाल

विरोध प्रदर्शन और तालाबंदी के बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) अशोक कुमार शर्मा ने सुबह 11 बजे तक इस मामले से अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा, "मुझे तालाबंदी की कोई जानकारी नहीं है। मैं कलेक्टर के निर्देश पर बसवा गया हूं। सीबीईओ से बात करें, उन्हें जानकारी होगी।" ऐसे में सवाल उठता है कि जब जिला शिक्षा अधिकारी को ही इस गंभीर मसले की जानकारी नहीं है, तो इसका समाधान कैसे निकलेगा?

ग्रामीणों की मांग: ट्रांसफर रद्द करो, नहीं तो आंदोलन

दोनों स्कूलों में प्रदर्शनकारी स्पष्ट रूप से मांग कर रहे हैं कि प्रिंसिपलों के ट्रांसफर को तुरंत रद्द किया जाए। उनका कहना है कि इन प्रिंसिपलों ने स्कूलों में सकारात्मक बदलाव लाए, जिसका लाभ पूरे गांव को मिला। यदि मांगें नहीं मानी गईं तो नामांकन पर असर पड़ने की चेतावनी दी गई है।

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