जैसलमेर-बाड़मेर सहित 5 पट्टी सेन समाज का ऐतिहासिक फैसला: सामाजिक कार्यक्रमों में दो तोले से अधिक सोना उपहार में देने पर रोक 

सेन समाज ने सामाजिक कार्यक्रमों में दो तोले (23 ग्राम) से अधिक सोना उपहार में देने पर रोक लगाने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। यह निर्णय बढ़ते खर्चों और दिखावे की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने, सामाजिक समानता और आर्थिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए लिया गया। नियम तोड़ने वालों का सामाजिक विरोध होगा। इस कदम की व्यापक सराहना हो रही है।

Oct 23, 2025 - 20:09
जैसलमेर-बाड़मेर सहित 5 पट्टी सेन समाज का ऐतिहासिक फैसला: सामाजिक कार्यक्रमों में दो तोले से अधिक सोना उपहार में देने पर रोक 

जैसलमेर/बाड़मेर, 23 अक्टूबर 2025: जैसलमेर और बाड़मेर के सेन समाज ने सामाजिक कार्यक्रमों में बढ़ते दिखावे और अनावश्यक खर्चों पर अंकुश लगाने के लिए एक ऐतिहासिक और सराहनीय निर्णय लिया है। फतेहगढ़ में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम के दौरान समाज के वरिष्ठ लोगों ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया कि अब किसी भी सामाजिक या मांगलिक आयोजन में दो तोले (लगभग 23 ग्राम) से अधिक सोने के आभूषण उपहार के रूप में नहीं दिए जाएंगे। इस नियम का उल्लंघन करने वालों का सामाजिक स्तर पर विरोध किया जाएगा।बढ़ते खर्चों और दिखावे की प्रवृत्ति पर चिंता

हाल के वर्षों में सोने और चांदी की कीमतों में लगातार वृद्धि देखी गई है। इसके बावजूद, सामाजिक और पारिवारिक आयोजनों में लोग रिश्तेदारों और समाज के सामने अपनी प्रतिष्ठा दिखाने के लिए महंगे आभूषण उपहार में देने की होड़ में शामिल हो रहे हैं। कई बार यह प्रवृत्ति उन परिवारों पर भी भारी पड़ती है, जिनकी आर्थिक स्थिति अनुकूल नहीं होती। समाज के वरिष्ठजनों ने इस प्रवृत्ति को गंभीर चिंता का विषय मानते हुए इसे रोकने के लिए यह कदम उठाया है।निर्णय के पीछे का उद्देश्य

सेन समाज के इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य सामाजिक समानता को बढ़ावा देना और अनावश्यक खर्चों पर रोक लगाना है। समाज के वरिष्ठों का कहना है कि इस तरह की प्रथाएं न केवल परिवारों पर आर्थिक बोझ डालती हैं, बल्कि सामाजिक ताने-बाने में असमानता और दिखावे की भावना को भी बढ़ावा देती हैं। इस फैसले के माध्यम से समाज में सादगी और आर्थिक जिम्मेदारी को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया गया है।सामाजिक स्तर पर होगी कार्रवाई

फैसले के तहत, यदि कोई व्यक्ति या परिवार सामाजिक कार्यक्रम में दो तोले से अधिक सोना उपहार में देता है, तो इसका सामाजिक स्तर पर विरोध किया जाएगा। यह कदम समाज में एकरूपता और अनुशासन बनाए रखने के लिए उठाया गया है। समाज के नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि इस नियम का पालन सभी को करना होगा, ताकि कोई भी परिवार आर्थिक दबाव में न आए।समाज में मिल रही सराहना

इस निर्णय की घोषणा के बाद सेन समाज के इस कदम की चारों ओर प्रशंसा हो रही है। न केवल समाज के सदस्यों, बल्कि अन्य समुदायों ने भी इस पहल को एक प्रेरणादायक कदम बताया है। लोगों का मानना है कि यह निर्णय न केवल आर्थिक बोझ को कम करेगा, बल्कि सामाजिक आयोजनों में सादगी और समानता को बढ़ावा देगा।आगे की राह

सेन समाज के इस फैसले को लागू करने के लिए समाज के वरिष्ठ लोग और सामाजिक संगठन मिलकर काम करेंगे। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे और समाज के हर सदस्य को इस नियम का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। समाज के नेताओं ने अन्य समुदायों से भी इस तरह के कदम उठाने की अपील की है, ताकि सामाजिक और आर्थिक समानता को और मजबूत किया जा सके।यह फैसला न केवल जैसलमेर और बाड़मेर के सेन समाज के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बन सकता है, जो सामाजिक सुधार और आर्थिक जिम्मेदारी की दिशा में एक बड़ा कदम है।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ