जापान के ड्रम ताओ ने जयपुर में मचाया धमाल: फोक सिंगर स्वरूप खान ने केसरिया बालम से किया पर्यटकों का स्वागत, अल्बर्ट हॉल पर दिखी जुगलबंदी

जापान के विश्व प्रसिद्ध ड्रम ताओ ग्रुप ने जयपुर के अल्बर्ट हॉल पर धमाकेदार ताईको ड्रमिंग प्रस्तुति दी। फोक सिंगर स्वरूप खान ने केसरिया बालम गाकर पर्यटकों का स्वागत किया। राजस्थानी लोक संगीत और जापानी ड्रम की अनोखी जुगलबंदी हुई। टोयोटा किर्लोस्कर और राजस्थान पर्यटन विभाग के संयुक्त आयोजन में सैकड़ों दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।

Nov 27, 2025 - 12:11
जापान के ड्रम ताओ ने जयपुर में मचाया धमाल: फोक सिंगर स्वरूप खान ने केसरिया बालम से किया पर्यटकों का स्वागत, अल्बर्ट हॉल पर दिखी जुगलबंदी

जयपुर, 27 नवंबर 2025: राजधानी जयपुर की सांस्कृतिक विरासत को एक नया आयाम देते हुए जापान का विश्वप्रसिद्ध ताईको ड्रमिंग समूह 'ड्रम ताओ' ने बुधवार रात अल्बर्ट हॉल पर एक अविस्मरणीय प्रदर्शन किया। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और राजस्थान पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस भव्य सांस्कृतिक समारोह ने पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को समान रूप से मंत्रमुग्ध कर दिया। जापानी ड्रम की गर्जनकारी तालों का संगम राजस्थानी लोक संगीत के साथ हुआ, जिससे मंच पर एक अनोखी जुगलबंदी का नजारा देखने को मिला। फोक सिंगर स्वरूप खान की केसरिया बालम ने पर्यटकों का हार्दिक स्वागत किया, जबकि ड्रम ताओ की ऊर्जावान प्रस्तुति ने दर्शकों को तालियों की बौछार से नवाजा।

आयोजन का उद्देश्य और पृष्ठभूमि;  यह समारोह टोयोटा किर्लोस्कर मोटर द्वारा संचालित 'सांस्कृतिक आदान-प्रदान' पहल का हिस्सा था, जिसका मुख्य उद्देश्य जापान और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना है। राजस्थान पर्यटन विभाग ने इस कार्यक्रम को जयपुर के ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल पर आयोजित कर पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास किया। अल्बर्ट हॉल, जो अपनी राजसी भव्यता के लिए जाना जाता है, इस रात सांस्कृतिक उत्सव का केंद्र बन गया। कार्यक्रम में जापान से आए लगभग 20 सदस्यीय ड्रम ताओ समूह ने अपनी पारंपरिक ताईको ड्रम्स के माध्यम से प्राचीन जापानी कला का प्रदर्शन किया। ड्रम ताओ, जो 1993 में स्थापित हुआ, विश्व भर में अपनी तीव्र ऊर्जा और सटीक तालबद्धता के लिए प्रसिद्ध है। इस समूह ने अब तक 50 से अधिक देशों में 4000 से ज्यादा शो दिए हैं, और जयपुर उनका भारत का पहला प्रमुख प्रदर्शन था।

स्वरूप खान का राजस्थानी स्वागत: केसरिया बालम की मधुरता कार्यक्रम की शुरुआत फोक सिंगर स्वरूप खान के केसरिया बालम से हुई, जो राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। स्वरूप खान, जो मेवाड़ी लोक संगीत के प्रमुख कलाकार हैं, ने अपनी मधुर आवाज में 'केसरिया बालम' गीत प्रस्तुत किया, जो पर्यटकों का हार्दिक स्वागत करने के लिए चुना गया। इस गीत के बोल—"केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देश"—ने जापानी कलाकारों और दर्शकों को राजस्थान की मेहमाननवाजी का एहसास कराया। स्वरूप खान ने बताया, "यह गीत न केवल स्वागत का प्रतीक है, बल्कि दो संस्कृतियों के मेल का संदेश भी देता है। जापान के दोस्तों को राजस्थान की मिट्टी का स्पर्श महसूस कराना सुखद अनुभव है।" उनके प्रदर्शन में पारंपरिक वाद्य यंत्र जैसे सारंगी और ढोलक का साथ था, जिसने माहौल को लोकगीतों की मस्ती से भर दिया। पर्यटक, खासकर जापानी और यूरोपीय सैलानी, इस प्रस्तुति पर झूम उठे और तालियों की गड़गड़ाहट से उनका अभिवादन किया।

ड्रम ताओ की धाकड़ प्रस्तुति: ऊर्जा और कौशल का संगम मुख्य आकर्षण रहा जापान का ड्रम ताओ समूह, जिसने अपनी 'धाकड़ ताल' और अद्भुत मंच कौशल से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। ताईको ड्रम्स—जो व्यास 1.5 मीटर तक के हो सकते हैं—की गर्जना ने अल्बर्ट हॉल की दीवारों को कंपा दिया। कलाकारों ने न केवल ड्रम बजाए, बल्कि एरियल एक्रोबेटिक्स, मार्शल आर्ट्स-प्रेरित चालें और समन्वित डांस मूव्स के साथ प्रदर्शन किया। उनका सिग्नेचर नंबर 'मियाके'—जो समुदाय की एकता का प्रतीक है—ने दर्शकों को खड़े होकर तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। ड्रम ताओ के डायरेक्टर इयासी ओइ ने कहा, "ताईको ड्रम जापानी संस्कृति का दिल है, जो शक्ति, अनुशासन और खुशी का संदेश देता है। जयपुर में राजस्थानी संगीत के साथ यह मेल हमें नई प्रेरणा दे रहा है।"समूह के 20 से अधिक कलाकारों ने विभिन्न रचनाओं के माध्यम से जापानी लोककथाओं, प्रकृति की सुंदरता और आधुनिक जीवन की व्यस्तता को चित्रित किया। उनकी वेशभूषा—लाल और काले रंग की पारंपरिक पोशाकें—और चेहरे पर लगे मेकअप ने प्रदर्शन को और जीवंत बना दिया। दर्शकों में स्थानीय जयपुरवासी, पर्यटक, सरकारी अधिकारी और टोयोटा के प्रतिनिधि शामिल थे, जिन्होंने इस ऊर्जावान शो को 'लाइफटाइम एक्सपीरियंस' करार दिया।

जुगलबंदी का जादू: पूर्व और पश्चिम का मेल कार्यक्रम का सबसे रोमांचक हिस्सा था ड्रम ताओ और स्वरूप खान के बीच जुगलबंदी। जापानी ड्रम की तेज तालों का मिश्रण राजस्थानी ढोलक और मंडल की धुनों से हुआ, जिससे एक अनोखा फ्यूजन संगीत का जन्म हुआ। यह सेगमेंट 'कल्चरल ब्रिज' नाम से जाना गया, जो दो देशों के बीच पुल का प्रतीक था। स्वरूप खान ने ड्रम ताओ के कलाकारों को राजस्थानी ढोल सिखाया, जबकि जापानी कलाकारों ने उन्हें ताईको की बेसिक बीट्स सिखाई। दर्शकों ने इस इंटरएक्टिव सेशन में भाग लिया, जहां बच्चे और युवा दोनों ने मंच पर चढ़कर ड्रम बजाए। राजस्थान पर्यटन विभाग के निदेशक ने कहा, "यह आयोजन न केवल मनोरंजन है, बल्कि सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने का माध्यम है। जापान जैसे मित्र देशों के साथ ऐसे कार्यक्रम भविष्य में और बढ़ेंगे।"

दर्शकों की प्रतिक्रिया और प्रभाव;  कार्यक्रम में उपस्थित लगभग 500 दर्शकों ने ड्रम ताओ की प्रस्तुति को 'ऊर्जा का विस्फोट' बताया। एक जापानी पर्यटक ने कहा, "जयपुर की गर्मजोशी और हमारी ड्रम्स की ताकत का मेल अद्भुत था।" स्थानीय निवासी ने इसे 'जयपुर का नया चमत्कार' करार दिया। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के प्रबंध निदेशक रिचर्ड स्मार्ट ने बताया कि यह आयोजन कंपनी की 'ग्लोबल कल्चरल एक्सचेंज' पहल का हिस्सा है, जो भारत-जापान संबंधों को मजबूत करेगा। कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए, और दर्शकों को राजस्थानी हस्तशिल्प वितरित किए गए।