जयपुर में शिवभक्ति की अनूठी झलक ,51 लीटर गन्ने का रस और हजारों लीटर गंगाजल से अभिषेक

सावन के अंतिम सोमवार को जयपुर के शिवालयों, विशेषकर ताड़केश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, जहां जलाभिषेक, रुद्र पाठ और 56 भोग के साथ विशेष पूजा-अर्चना हुई। गलता जी से कांवड़ यात्राएं शुरू होकर शहर के मंदिरों तक पहुंचीं।

Aug 4, 2025 - 13:15
जयपुर में शिवभक्ति की अनूठी झलक ,51 लीटर गन्ने का रस और हजारों लीटर गंगाजल से अभिषेक

सावन के अंतिम सोमवार को जयपुर के शिवालयों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह के पहले प्रहर से ही श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ को जल, दूध, और बेलपत्र अर्पित करने के लिए मंदिरों में पहुंच रहे हैं। शहर का माहौल भक्ति और उमंग से सराबोर है, जहां हर तरफ 'बम-बम भोले' के जयकारे गूंज रहे हैं। खासतौर पर चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिली। गलता जी से शुरू हुई कांवड़ यात्राएं भी सुबह-सुबह विभिन्न मंदिरों तक पहुंचीं, जिसने इस पवित्र दिन को और भी खास बना दिया।

ताड़केश्वर महादेव मंदिर में विशेष आयोजन

ताड़केश्वर महादेव मंदिर में सुबह 3 बजे भगवान शिव का श्रृंगार कर मंगला आरती की गई। इसके बाद पंचामृत और गंगाजल से शिवलिंग का विशेष अभिषेक किया गया। मंदिर के पुजारी अमित पाराशर ने बताया कि सुबह 4 बजे से मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए, और जलाभिषेक का क्रम शुरू हुआ, जो शाम 4 बजे तक चलेगा।

पाराशर ने आगे बताया, "आज शाम को मंदिर में सवा लाख बेल पत्रों से भगवान शिव की विशेष झांकी सजाई जाएगी। भोलेनाथ को 56 भोग अर्पित किए जाएंगे। साथ ही, 251 लीटर देशी गाय के घी, 51 लीटर दूध, 51 लीटर शहद, और 51 लीटर गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक किया गया। दिनभर सहस्र स्वर वैदिक विद्वानों द्वारा रुद्र पाठ किया जा रहा है।" रात्रि आरती के बाद भक्तों को प्रसाद वितरण भी होगा।

गलता जी से कांवड़ यात्रा का उत्साह

जयपुर के प्राचीन तीर्थ स्थल गलता जी से रविवार देर शाम से ही कांवड़ यात्राएं शुरू हो गई थीं। कांवड़िए गंगाजल लेकर जयपुर के विभिन्न शिवालयों की ओर रवाना हुए। सोमवार सुबह इन कांवड़ियों के जत्थों को मंदिरों में जल चढ़ाते देखा गया। भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए शहर के प्रमुख ट्रैफिक पॉइंट्स पर पुलिस की तैनाती की गई थी, ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो।

देवस्थान विभाग की ओर से विशेष व्यवस्थाएं

राजस्थान देवस्थान विभाग ने भी सावन के इस विशेष सोमवार के लिए पुख्ता इंतजाम किए। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, सभी जिलों के प्रमुख शिवालयों में विशेष अभिषेक और पूजा-अर्चना के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत आज दोपहर बड़ी चौपड़ स्थित शिवालय में जलाभिषेक करेंगे और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना करेंगे।

सावन का अंतिम सोमवार जयपुर के लिए एक आध्यात्मिक उत्सव की तरह रहा। सुबह 3 बजे से ही मंदिरों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं। भक्तों का उत्साह और भक्ति देखते ही बन रही थी। एक भक्त ने कहा, "सावन का यह अंतिम सोमवार हमारे लिए बहुत खास है। भगवान शिव की कृपा से हमारा जीवन सुखमय हो, यही प्रार्थना है।"

जयपुर के शिवालयों में आज का दिन भक्ति, श्रद्धा, और उत्साह का संगम रहा। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, मंदिरों में भक्तों का उत्साह और बढ़ता गया, जो देर रात तक जारी रहेगा।

Yashaswani Journalist at The Khatak .